नई दिल्ली: कोरोना महामारी से जूझ रहे दिल्ली के लोगों पर जिस तरह बिजली बिल की मार पड़ी है. दिल्ली बीजेपी कल से बिजली जन आंदोलन अभियान शुरू करने जा रही है. इस अभियान को लेकर आज प्रदेश बीजेपी कार्यालय में बैठक हुई. जिसमें प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता, संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के अलावा प्रदेश पदाधिकारी, विधायक एवं जिला अध्यक्ष शामिल हुए.
बिजली बिल से सभी वर्ग परेशान
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि आज दिल्ली के सभी वर्गों के लोग बिजली बिलों को लेकर परेशान हैं. लॉकडाउन के दौरान उद्योग एवं व्यापार ठप रहे. पर फिक्स्ड चार्ज एवं अन्य अधिभारों के कारण इन्हें मोटे-मोटे बिल मिल रहे हैं और ना जमा करने पर बिजली काटने के नोटिस भेजे जा रहे हैं. इसी तरह साधारण घरेलू उपभोक्ताओं को एवरेज बिल भेजे जा रहे हैं और बिलिंग इस तरह से हो रही है कि उन्हें किसी सब्सिडी का लाभ नहीं मिल रहा है. पिछले सप्ताह बीजेपी ने आरडब्ल्यूए, ट्रेडर्स एसोसिएशन और इंडस्ट्रियल एसोसिएशन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात भी की थी और उन्होंने भी यह समस्याएं रखी.
बिजली जन आंदोलन का ये करेंगे नेतृत्व
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने घोषणा की कि जनता की समस्याओं को लेकर दिल्ली बीजेपी कल से बिजली जन आंदोलन आरंभ करेगी. इस आंदोलन का संचालन प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल और युवा मोर्चा के अध्यक्ष सुनील यादव करेंगे.
सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में होगा प्रदर्शन
कल दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में स्थित बिजली दफ्तरों पर बीजेपी कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे. मुख्य स्थल मालवीय नगर स्थित डीईआरसी का कार्यालय होगा. सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के साथ नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी एवं अन्य विधायक और पार्टी पदाधिकारी वहां सम्मिलित होंगे.
सभी सांसद अपने-अपने क्षेत्र में एक मुख्य स्थल पर इस आंदोलन का नेतृत्व करेंगे और प्रदेश पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी, विधानसभा उम्मीदवार, निगम पार्षद एवं मंडल अध्यक्ष भी प्रदर्शन में सम्मिलित होंगे.
दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान बिजली वितरण कंपनियों ने उपभोक्ताओं के घर-घर जाकर बिजली के मीटर का रीडिंग नहीं था. लॉकडाउन खत्म होने के बाद गत माह रीडिंग लेकर एवरेज बिल उपभोक्ताओं को भेजे जा रहे हैं. जिसमें किसी तरह की सब्सिडी नहीं दी गयी है.