नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में सर्वोच्च न्यायालय के उस टिप्पणी पर केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा, जिसमें कहा कि केजरीवाल सरकार विज्ञापन के लिए पैसे हैं जनता की सुविधा के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि कोर्ट द्वारा केजरीवाल सरकार से पिछले तीन सालों में विज्ञापन पर खर्च किए गए रुपये की डिटेल मांगी गई है. एक आरटीआई के मुताबिक, केजरीवाल सरकार ने पिछले पांच सालों में विज्ञापन पर 1,868 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, यानी एक करोड़ 20 लाख रुपये प्रति दिन.
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के विज्ञापन के पैसों से अपना चेहरा चमकाने का लगातार असफल प्रयास कर रहे हैं. रैपिड रेल से ट्रांस यमुना का बहुत बड़ा फायदा होना है, पर केजरीवाल सरकार उसमें विलंब डाल रही है. वहीं दिल्ली की जनता जानना चाहती है कि पर्यावरण सेस के नाम पर इकट्ठा किया गया पैसा कहां हैं और इसका कहां इस्तेमाल हुआ. इसके अतिरिक्त प्रगति मैदान टनल प्रोजेक्ट में दिल्ली सरकार को 20 फीसदी आर्थिक योगदान देना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
भाजपा नेता ने आगे कहा कि इसी तरह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे को जोड़ने वाले फ्लाईओवर के पैसे भी दिल्ली सरकार को ही देने थे. जब उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उसे परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने केंद्र सरकार से कहकर पूरा इसे करवाया. यानी हर वो काम जिससे दिल्ली की जनता का फायदा होना था, उसमें केजरीवाल सरकार द्वारा रोड़ा अटकाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मेट्रो के चौथे फेज में हुई देरी का भी कारण भी दिल्ली सरकार द्वारा पैसा न दिया जाना ही है. और तो और यमुना नदी की सफाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिए गए करोड़ों रुपये का भी कोई हिसाब नहीं है.
मनोज तिवारी ने बताया शर्मनाकः वहीं, भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के विकास में इस प्रकार दुश्मन बन गए हैं कि दिल्ली मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली का हिस्सा देने से इनकार कर लोगों को सजा देना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पहले भी मेट्रो के चौथे फेज और प्रगति मैदान टनल निर्माण के लिए पैसे देने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद प्रगति मैदान टनल के निर्माण कार्य का पूरा खर्च मोदी सरकार ने किया.
तिवारी ने सवाल करते हुए कहा कि आप दिल्ली से किस बात का बदला लेते हो, आज आप ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली मेरठ रैपिड रेल के लिए फंड देने से इनकार किया. जिसकी वजह से आपको फटकार सुननी पड़ी.
आतिशी पर भी साधा निशानाः उन्होंने कहा कि यह सामने आया है कि शिक्षा मंत्री आतिशी अपने विभाग के अधिकारियों पर बिजनेस ब्लास्टर योजना के प्रचार के लिए करोड़ों रुपये आवंटित करने का दवाब डाल रही हैं. स्कूली छात्रों के लिए यह कोई नई योजना नहीं है. दो साल पहले इसे तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया लेकर आए थे. 2021-22 में लाई गई इस योजना को 150 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ था, जिसमें से 77 करोड़ रूपये केवल उसके प्रचार पर खर्च किए गए.
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दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार आज तक उस योजना से लाभांवित छात्रों की कोई सूची नहीं दे पाई है और अब शिक्षा मंत्री आतिशी फिर उसी स्कीम के नाम पर पैसा मांग रही हैं. इसके अतिरिक्त मनीष सिसोदिया ने डीटीडीसी अधिकारियों पर भी दवाब डालकर बिजनेस ब्लास्टर योजना के प्रचार पर 10 करोड़ रुपये खर्च करवाए थे. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बिजनेस ब्लास्टर योजना हो या फिर हैप्पीनेस क्लास, यह सब केवल केजरीवाल सरकार के प्रचार का खेल है. इससे न तो दिल्ली सरकार के स्कूलों का शिक्षा स्तर सुधरा और न ही छात्रों के व्यक्तित्व का विकास हुआ. इस दौरान प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर, वरिष्ठ प्रवक्ता हरीश खुराना एवं वीरेंद्र बब्बर उपस्थित रहे.
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