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Kejriwal Bungalow Controversy: बीजेपी ने साधा दिल्ली CM पर निशाना, शीश महल पर फिर पूछे कई सवाल

दिल्ली भाजपा केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार को बेनकाब करने के लिए लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में आज दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा केजरीवाल से शीश महल को लेकर फिर कई सवाल पूछे?

बीजेपी ने साधा दिल्ली CM पर निशाना
बीजेपी ने साधा दिल्ली CM पर निशाना
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Published : Jun 20, 2023, 6:17 PM IST

बीजेपी ने साधा दिल्ली CM पर निशाना

नई दिल्ली: भाजपा दिल्ली सरकारी की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठा रही हैं, जिससे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही है. अब दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर केजरीवाल पर निशाना साधा. उन्होंने बंगले के निर्माण की जांच कर रहे सतर्कता विभाग द्वारा PWD के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी होने के फैसले का स्वागत किया. सचदेवा ने कहा कि अब सीएम बंगला स्कैम में हुए भ्रष्टाचार की परत खुलेंगी. शीघ्र मुख्यमंत्री केजरीवाल को कानून एवं दिल्ली वालों को जवाब देना होगा.

केजरीवाल सरकार से पूछे पांच सवाल: सचदेवा ने केजरीवाल सरकार से पांच सवाल पूछते हुए कहा कि प्रशासनिक व्यवस्थाओं के अनुसार केजरीवाल एक केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. उनकी पात्रता केवल टाइप 7 बंगले की है, ऐसे में PWD अधिकारियों ने कैसे इतना भव्य बंगला बना डाला? क्या इतना सरकारी धन लगाने से पहले PWD ने पूरे बंगला परिसर की मिल्कियत की जांच करवाई? खसरा रिकार्ड अनुसार इस भूमी की मिल्कियत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की बनती है? सचदेवा ने सवाल पूछा कि PWD ने तर्क दिया है कि पुराना बंगला 1942-43 का बना था, इसका जीवन केवल 55 साल था ऐसे में क्या PWD कोई सबूत दिखा सकती है कि यह 1942 का बना बंगला था और 2019-20 में यह टूटने योग्य हो गया था?

सचदेवा ने केजरीवाल से आगे सवाल पूछते हुए कहा कि PWD अधिकारी बताए जब प्रारंभिक प्रस्ताव में केवल रिपेयर, रिनोवेशन एवं सौंदर्यीकरण की बात थी तो पूरा बंगला नया कैसे बना डाला? जब केवल बंगले की प्रारंभिक कार्य लागत 7.62 करोड़ थी तो बिना स्वीकृति 33.20 करोड़ कैसे खर्च डाले? दिल्ली अर्बन आर्ट कमीशन ने सौंदर्यीकरण एवं रिनोवेशन की अनुमति तक देने से मना कर दिया था तब PWD ने किसके दबाव में बंगला नवीकरण किया?

क्या PWD ने दिल्ली नगर निगम से कोई नक्शा स्वीकृति या फिर ओकूपेंसी सर्टिफिकेट लिया? उन्होंने आखिरी में सवाल पूछते हुए कहा कि PWD अधिकारियों ने किसके दबाव में जानबूझकर कर 9.99 करोड़ से छोटे वर्क आर्डर बनाए ताकि ना टेंडर करना पड़े ना PWD सचिव की स्वीकृति लेनी पड़े? सचदेवा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल के पीए हर दिन के काम की मॉनिटरिंग कर रहे थे. आखिर वह किसके कहने पर काम करवा रहे थे इसका जवाब भी केजरीवाल को देना चाहिए. सबूत साफ कहता है कि केजरीवाल के प्रभाव में सारे कानून तोड़े गए.

ये भी पढ़ें: Kejriwal Bungalow Controversy: बीजेपी ने शुरू किया 'Selfie With भ्रष्टाचार का राजमहल' अभियान

सरकारी बंगले के मामले पर घिरे केजरीवाल: नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ज़ब अपने घर में रेनोवेशन का कार्य शुरू करवाया उसी वक्त भाजपा विधायकों ने 24 जून को मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया. जिसको सभी अखबारों ने प्रमुखता से छापा भी था. ज्ञापन में हमने लिखा था कि जो रेनोवेशन हो रहा है उसके लिए अर्बन आर्ट कमीशन से अनुमति नहीं ली गई है.

बिधूड़ी ने कहा कि अपना घर बनाने के लिए केजरीवाल ने बगल में दो कोठियों को गैर कानूनी तरीके से खाली कराकर उन्हें भी अपने हिस्से में ले लिया. 21 अधिकारियों के फ्लैट खाली कराया और 8 फ्लैट तोड़े गए. भाजपा विधायकों ने यह मुद्दा ज़ब विधानसभा में उठाया, तो केजरीवाल भाग खड़े हुए.

ये भी पढ़ें: Kejriwal Bungalow case: CM केजरीवाल के बंगले में फिजूलखर्ची पर PWD के अफसरों को शोकॉज नोटिस

बीजेपी ने साधा दिल्ली CM पर निशाना

नई दिल्ली: भाजपा दिल्ली सरकारी की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठा रही हैं, जिससे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही है. अब दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर केजरीवाल पर निशाना साधा. उन्होंने बंगले के निर्माण की जांच कर रहे सतर्कता विभाग द्वारा PWD के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी होने के फैसले का स्वागत किया. सचदेवा ने कहा कि अब सीएम बंगला स्कैम में हुए भ्रष्टाचार की परत खुलेंगी. शीघ्र मुख्यमंत्री केजरीवाल को कानून एवं दिल्ली वालों को जवाब देना होगा.

केजरीवाल सरकार से पूछे पांच सवाल: सचदेवा ने केजरीवाल सरकार से पांच सवाल पूछते हुए कहा कि प्रशासनिक व्यवस्थाओं के अनुसार केजरीवाल एक केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. उनकी पात्रता केवल टाइप 7 बंगले की है, ऐसे में PWD अधिकारियों ने कैसे इतना भव्य बंगला बना डाला? क्या इतना सरकारी धन लगाने से पहले PWD ने पूरे बंगला परिसर की मिल्कियत की जांच करवाई? खसरा रिकार्ड अनुसार इस भूमी की मिल्कियत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की बनती है? सचदेवा ने सवाल पूछा कि PWD ने तर्क दिया है कि पुराना बंगला 1942-43 का बना था, इसका जीवन केवल 55 साल था ऐसे में क्या PWD कोई सबूत दिखा सकती है कि यह 1942 का बना बंगला था और 2019-20 में यह टूटने योग्य हो गया था?

सचदेवा ने केजरीवाल से आगे सवाल पूछते हुए कहा कि PWD अधिकारी बताए जब प्रारंभिक प्रस्ताव में केवल रिपेयर, रिनोवेशन एवं सौंदर्यीकरण की बात थी तो पूरा बंगला नया कैसे बना डाला? जब केवल बंगले की प्रारंभिक कार्य लागत 7.62 करोड़ थी तो बिना स्वीकृति 33.20 करोड़ कैसे खर्च डाले? दिल्ली अर्बन आर्ट कमीशन ने सौंदर्यीकरण एवं रिनोवेशन की अनुमति तक देने से मना कर दिया था तब PWD ने किसके दबाव में बंगला नवीकरण किया?

क्या PWD ने दिल्ली नगर निगम से कोई नक्शा स्वीकृति या फिर ओकूपेंसी सर्टिफिकेट लिया? उन्होंने आखिरी में सवाल पूछते हुए कहा कि PWD अधिकारियों ने किसके दबाव में जानबूझकर कर 9.99 करोड़ से छोटे वर्क आर्डर बनाए ताकि ना टेंडर करना पड़े ना PWD सचिव की स्वीकृति लेनी पड़े? सचदेवा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल के पीए हर दिन के काम की मॉनिटरिंग कर रहे थे. आखिर वह किसके कहने पर काम करवा रहे थे इसका जवाब भी केजरीवाल को देना चाहिए. सबूत साफ कहता है कि केजरीवाल के प्रभाव में सारे कानून तोड़े गए.

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सरकारी बंगले के मामले पर घिरे केजरीवाल: नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ज़ब अपने घर में रेनोवेशन का कार्य शुरू करवाया उसी वक्त भाजपा विधायकों ने 24 जून को मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया. जिसको सभी अखबारों ने प्रमुखता से छापा भी था. ज्ञापन में हमने लिखा था कि जो रेनोवेशन हो रहा है उसके लिए अर्बन आर्ट कमीशन से अनुमति नहीं ली गई है.

बिधूड़ी ने कहा कि अपना घर बनाने के लिए केजरीवाल ने बगल में दो कोठियों को गैर कानूनी तरीके से खाली कराकर उन्हें भी अपने हिस्से में ले लिया. 21 अधिकारियों के फ्लैट खाली कराया और 8 फ्लैट तोड़े गए. भाजपा विधायकों ने यह मुद्दा ज़ब विधानसभा में उठाया, तो केजरीवाल भाग खड़े हुए.

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