नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली की छवि बनाने और बिगाड़ने में स्थानीय निकाय MCD की बड़ी भूमिका है. यही वजह है कि इसको दिल्ली की छोटी सरकार के नाम से भी जाना जाता है. जिसके पास कई ऐसे अधिकार दिए गए हैं, जो राज्य सरकार के पास नहीं है. शायद यही कारण है कि स्थानीय निकाय होने के बावजूद इस चुनाव को जीतने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां जी-जान लगा देती हैं.
इस वर्ष परिसीमन के बाद 250 वार्डों के लिए संपन्न हुए एमसीडी चुनाव के लिए मतगणना बुधवार को होगी. नतीजे सामने होंगे तो ऐसे में ईटीवी भारत MCD के गठन के बाद अब तक यहां पर किस-किस राजनीतिक दल का दबदबा रहा है, यह बता रहा है.
एमसीडी चुनाव के नतीजे कल जो भी आए, लेकिन इसके गठन से लेकर अब तक बीजेपी का खूब दबदबा रहा है. राजनीतिक विश्लेषक जगदीश ममगांई बताते हैं कि इस चुनाव से पहले एमसीडी के हुए 11 चुनावों में सात बार बीजेपी ने जीत हासिल की है. बीजेपी से पहले जब पार्टी जनसंघ के नाम से जानी जाती थी, तब 1967 और 1972 में जीती थी और उसके बाद 1977 में जब जनता पार्टी थी तब जीत हासिल की.
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जबकि, कांग्रेस तीन बार जीतने में सफल रही. वहीं, नगर निगम के पहले चुनाव में 1958 के दौरान किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था. इस चुनाव में बहुमत नहीं मिलने से जनसंघ, कांग्रेस व अन्य दलों के पार्षद समझौता करके अलग-अलग वर्ष के दौरान निगम के महत्वपूर्ण पदों पर चुने गए थे. 1962 के चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारते हुए बहुमत प्राप्त किया था.
2007 से सत्ता में है BJP: एमसीडी के 1983 से 2007 के बीच हुए चुनाव में बीजेपी का कांग्रेस के साथ मुकाबला हुआ, जबकि वर्ष 1977 में कांग्रेस व जनता पार्टी के बीच चुनावी भिड़ंत हुई थी. उस समय बीजेपी नहीं बनी थी और जनसंघ का जनता पार्टी में विलय कर दिया गया था. 1980 में जनता पार्टी से निकलकर जनसंघ के नेताओं ने बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) का गठन किया था.
वहीं, 1958 से 1972 तक कांग्रेस व जनसंघ के बीच दबदबा रहा था. 1983 में कांग्रेस ने बीजेपी को हराया था. इस चुनाव में जनता पार्टी जीतने में कामयाब हुई थी, जबकि वर्ष 1983 में कांग्रेस ने बीजेपी को हरा दिया था. 1990 में एमसीडी के भंग कर देने के बाद 1997 में हुए चुनाव में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की, लेकिन 2002 के चुनाव में उसे कांग्रेस ने करारी मात दी. बीजेपी ने 2007 में एक बार फिर वापसी की और उसने एमसीडी का विभाजन होने के बाद अस्तित्व में आई तीनों नगर निगम में भी 2012 व 2017 में भी जीत का सिलसिला जारी रखा.
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2017 में MCD में AAP की हुई एंट्रीः 2012 में दिल्ली में अस्तित्व में आई आम आदमी पार्टी ने 2017 में पहली बार एमसीडी चुनाव में एंट्री की और इस वर्ष पार्टी दूसरी बार चुनाव लड़ रही है. 2017 में उसे हार का सामना करना पड़ा था. इस बार एमसीडी चुनाव में किसका दबदबा रहेगा यह बुधवार को तय हो जाएगा. हालांकि, सोमवार को इंडिया टुडे और एक्सिस माय इंडिया द्वारा जारी एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को दिल्ली में बहुमत मिलने का दावा किया गया है.
एग्जिट पोल के अनुसार 43 फीसदी आम आदमी पार्टी को, 35 फीसदी बीजेपी को और 10 फीसदी कांग्रेस को वोट मिला है. 250 वार्डों की सीटों को लेकर के बात करें तो आम आदमी पार्टी को एग्जिट पोल में 149 से लेकर 171 सीटें मिलने का दावा किया गया है. वहीं, बीजेपी को 69 से लेकर 91 और कांग्रेस को 3 से 7 सीटें मिलने का दावा किया गया है.
एमसीडी का गठन होने के बाद हुए चुनाव में कब-कब कौन जीता
1958 - किसी को बहुमत नहीं
1962 - कांग्रेस
1967 - जनसंघ
1972 - जनसंघ
1977 - जनता पार्टी
1983 - कांग्रेस
1997 - बीजेपी
2002 - कांग्रेस
2007 - बीजेपी
2012 - बीजेपी
2017 - बीजेपी
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