नई दिल्ली : दिल्ली सरकार का बजट आज पेश नहीं होगा. दिल्ली विधानसभा के इतिहास में संभवत: पहली बार ऐसा हुआ कि बजट सत्र में जब बजट पेश करने की तारीख निर्धारित हो गई, उससे एक दिन पहले वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश कर सरकार की आर्थिक हालात की जानकारी भी दे दी. इसके बाद भी अगले दिन बजट पेश नहीं हो सका. अब बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री पर बड़ा आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा है कि दिल्ली के बजट को लेकर केजरीवाल और कैलाश गहलोत दोनों झूठ बोल रहे हैं. सच ये है कि पिछले तीन महीने से केजरीवाल और सिसोदिया एक दिन भी दफ्तर नहीं गए. पूरे साल में सीएम अरविंद केजरीवाल केवल 13 दिन दफ्तर गए हैं. बजट समय पर बनता कैसे? जब मुख्यमंत्री और मंत्री काम ही नहीं कर रहे हैं. दिल्ली का बजट समय पर आए ये मोदी या एलजी की जिम्मेदारी नहीं है, केजरीवाल की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि खुद की सैलरी और भत्ता बढ़ाते समय केजरीवाल नहीं रोते कि मोदी और एलजी ने रोक दिया. वहीं, अब दिल्ली की जनता का काम आते ही बहाने बाजी शुरू.
वहीं, दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल व गृह मंत्रालय ने अभी तक बजट को मंजूरी नहीं दी है, इसलिए मंगलवार को दिल्ली का बजट पेश नहीं हो पाएगा. उनका कहना है कि सीएम अरविंद केजरीवाल हर अपनी नाकामी का ठिकरा दूसरों के सिर फोड़ते रहे हैं. उपराज्यपाल और गृह मंत्रालय ने आपत्ति जताकर आम आदमी पार्टी से सवाल के जवाब मांगे हैं, लेकिन आपने वह नहीं दिया. आप ने जानबूझकर उन फाइलों को रोका था कि आप आरोप लगा सके. गृह मंत्रालय ने सवाल पूछे तो दिल्ली सरकार ने उसका जवाब क्यों नहीं दिया? अगर मंगलवार को बजट पेश नहीं होता है तो इसकी जिम्मेदारी उपराज्यपाल व गृह मंत्रालय की नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल की है.
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दिल्ली सरकार के बजट को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि मंगलवार को दिल्ली सरकार का बजट विधानसभा में है, लेकिन केंद्र सरकार ने बजट पेश करने पर रोक लगा दी है. इससे दिल्ली सरकार के कर्मचारी, डॉक्टर और शिक्षकों को किसी को भी वेतन नहीं मिलने वाली है.
वही, गृह मंत्रालय ने सफाई दी है कि दिल्ली सरकार का बजट रोका नहीं गया है, बल्कि दिल्ली सरकार से कुछ स्पष्टीकरण मांगा है. सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर से अधिक विज्ञापन मद में खर्च का प्रावधान किया गया है. इसलिए दिल्ली सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया है. जिसका दिल्ली सरकार ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. बजट को लेकर असमंजस की स्थिति के बीच सोमवार देर रात दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि सोमवार दोपहर तक उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी. दिल्ली सरकार ने नए वित्त वर्ष के लिए 78,800 करोड़ रुपए का बजट पेश करने के लिए तैयार किया है.
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