नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे किए. साथ ही अपने दावों में कहा कि देश में शिक्षा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
वहीं केजरीवाल सरकार के शिक्षा नीति को लेकर भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि केजरीवाल सरकार में शिक्षा को बेहतर बनाने का काम कम और घोटाला अधिक हुआ है.
'पांच लाख के बदले 29 लाख में बना स्कूल का कमरा'
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि 29 लाख में दिल्ली सरकार ने स्कूल में कमरा बनाने वाली बनाया है अपने 5 साल के कार्यकाल में दिल्ली में मात्र 261 सरकारी स्कूलों में विज्ञान के छात्रों को लाभ दे पाई हैं.
'स्कूल में न प्रिंसिपल न शिक्षक की हुई भर्ती'
दिल्ली सरकार के 60% से अधिक स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं है. शिक्षकों की कमी है. बजट तो केजरीवाल सरकार ने बढ़ाया लेकिन उसका फायदा जनता को नहीं आम आदमी पार्टी के वालंटियर को ज्यादा हुआ है. वर्ष 2015 में सरकारी स्कूलों के नतीजे 95% जो अब घटकर 71% रह गया है.
'शिक्षा लोन एक तमाशा'
सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि स्कूलों के डिजिटाइजेशन की बात पर हुई धरातल पर कोई काम नहीं हुआ. शिक्षा लोन एक तमाशा बनकर रह गया है पूरे 5 साल में मात्र 30 से 35 छात्रों को यह लोन मिला है.
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के दावे
बता दें कि बुधवार को दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार देश की एकमात्र सरकार है जो शिक्षा के क्षेत्र में फाइनेंस के क्षेत्र में तथा जनता को अन्य सरकारी सुविधाएं मुहैया कराने के क्षेत्र में सरकार को सबसे आगे लेकर आई है. हमारा मानना है कि शिक्षा के क्षेत्र में होने वाली वित्तीय व्यय देश के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण है और इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए.