नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार समय-समय पर अपनी उपलब्धियों की फेहरिस्त गिनाने से पीछे नहीं हटती. बात स्वास्थय की हो या शिक्षा की सरकार बड़े-बड़े दावे करती है. शिक्षा व्यवस्था के बाद उनकी विश्वस्तरीय चिकित्सीय सेवाएं हमेशा ही शीर्ष पायदान पर होती है. लेकिन दिल्ली भाजपा के मंत्री हरीश खुराना और मीडिया प्रमुख श्री प्रवीण शंकर कपूर का कहना है कि दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं और लगभग 80 से 90% गंभीर रोगियों को न केवल अपने मेडिकल परीक्षण और MRI बल्कि सामान्य एक्स रे जांच भी निजी तौर पर करानी पड़ रही हैं.
MRI के लिए 3 महिने की वेटिंग क्यों? दिल्ली भाजपा नेताओं ने एलएनजेपी अस्पताल के एक मरीज के MRI अप्वाइंटमेंट लेटर का हवाला देते हुए कहा कि जब एक मरीज को MRI के लिए 3 साल और 3 महीने की वेटिंग डेट दी जाती है तो यह स्थापित हो जाता है कि दिल्ली सरकार की चिकित्सा प्रणाली ध्वस्त हो गई है. भाजपा नेताओं ने कहा है कि दिल्लीवासियों ने लगातार देखा है कि जी.बी. पंत एवं MRI जैसे अस्पतालों में साधारण ऑपरेशन के लिए भी बहुत लम्बा समय लगता है. मरीजों को पैरा मेडिकल स्टाफ के माध्यम से डॉक्टरों को भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाता है और अस्पतालों में ओपीडी समय के दौरान घूमने वाले दलालों की भरमार है जो कुछ विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ आसान नियुक्ति की पेशकश करते हैं या पैसे के बदले निर्धारित दवाएं उपलब्ध कराने की पेशकश करते हैं.
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज से पूछे सवाल : हरीश खुराना और प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को बताना चाहिए कि जब एक सरकारी अस्पताल एक मरीज को 39 महीने की तारीख देता है तो किसका सिर कटना चाहिए. क्योंकि अभी 2 दिन पहले ही भारद्वाज ने एक नागरिक मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि सिस्टम में खामियों के लिए सिर कटने चाहिए, यानि जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. भाजपा नेताओं ने कहा कि सौरभ भारद्वाज को बयान देना होगा कि MRI की जरूरत वाले मरीज को 39 महीने की तारीख क्यों दी गई है.
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