नई दिल्ली: दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना (LG Vinay Kumar Saxena) ने जब से पदभार ग्रहण किया है तब से एक्शन मोड में हैं. पिछले कुछ दिनों में भ्रष्टाचार के खिलाफ एलजी ने सख्त और कड़ी कार्रवाई की है. उन्होंने न सिर्फ कई विभागों के अधिकारियों को सस्पेंड किया है, बल्कि अलग-अलग मामलों में CBI जांच की संस्तुती भी की, चाहे एक्साइज पॉलिसी (Excise Policy) से जुड़ा मामला हो या फिर दिल्ली सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में बनाए गए कमरों की लागत का मामला हो. दिल्ली के एलजी के द्वारा लगातार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाए जाने के मद्देनजर कड़ी और सख्त कदम उठाए जा रहे हैं.
दिल्ली में विपक्ष की भूमिका निभा रही बीजेपी काफी समय से केजरीवाल सरकार में किए जा रहे बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार को उजागर कर रही है. यहां तक की बीजेपी दिल्ली प्रदेश इकाई का एक डेलिगेशन एलजी से मिलकर कन्वर्जन और पार्किंग टैक्स में हुए 6760 करोड़ के घोटाले और टोल टैक्स कलेक्शन में हुए 6 हजार करोड़ के घोटाले को लेकर एलजी से सीबीआई जांच की संस्तुती करने की मांग भी की हैं. दिल्ली सरकार के कई ऐसे मामले हैं जिस पर अब सीबीआई जांच की इंक्वायरी बिठा दी गई है, जिसमें एक्साइज पॉलिसी, सरकारी स्कूलों में बनाए गए कमरे और डीटीसी बसों में हुए घोटाले शामिल हैं. यही नहीं एलजी द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर और अधिकारियों की लापरवाही को लेकर लिए गए एक्शन पर बीजेपी ने उनका समर्थन किया है. इसके साथ ही
दिल्ली में आप और बीजेपी के बीच छिड़ी सियासी घमासान के बीच अब कांग्रेस भी कूद गई है. कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने उपराज्यपाल से भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा मिले अनुरोध पत्र, जिसमें आप के ओखला विधायक को दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पद से हटाने की अनुषंशा की गई है, पर शीघ्र निर्णय लेने की मांग की है. दिल्ली कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने अपने मेमरैन्डम में 33 पदों के लिए निकाली गई भर्ती प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद करने और खास लोगों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है, साथ ही जांच की मांग की है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप