नई दिल्ली: दिल्ली सेवा कानून को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच जुबानी जंग जारी है. इसी कड़ी में अब दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी और बीजेपी नेता बांसुरी स्वराज ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 7 अगस्त को संसद ने जी.एन.सी.टी.डी. संशोधन अधिनियम पारित किया और 12 अगस्त को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई. तभी से आप सरकार के मंत्री कहते आ रहे हैं कि यह कानून संविधान के खिलाफ है.
आतिशी के बयान पर किया पलटवार: बांसुरी स्वराज बोलीं आतिशी ने बुधवार को एक विरोधाभासी बयान दिया, जहां वह कहती हैं कि अधिनियम संसद द्वारा पारित किया गया है, इसलिए हम इसका सम्मान करते हैं. वहीं, दूसरी ओर अधिनियम को लेकर उनकी पार्टी अदालत में गए हैं. बांसुरी ने कहा कि आतिशी के बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि आखिरकार AAP को संशोधन और नए अधिनियम की संवैधानिकता और वैधानिकता पर ठोस कानूनी सलाह मिल गई है. अंततः उन्हें अपनी मूर्खता का एहसास हो गया है. अब वे यह रुख अपनाने की कोशिश कर रहे कि वे नए कानून का सम्मान करेंगे.
नया कानून राम बाण साबित हुआ: बांसुरी स्वराज ने कहा कि नया कानून अंततः उस गतिरोध को समाप्त करने के लिए राम बाण जैसा समाधान साबित हुआ है, जो आम आदमी पार्टी की सरकार ने उपराज्यपाल के साथ लगातार झगड़ा करके पैदा किया था. केंद्र सरकार के साथ उनकी लगातार खींचतान के कारण दिल्ली सरकार ने पंगुता पैदा कर दी थी.
दिल्ली भाजपा सचिव ने कहा कि आम आदमी पार्टी को एहसास हुआ है कि कानूनी तौर पर उनका रुख गलत था. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से पिछले अनुभवों को देखते हुए, AAP द्वारा दिए गए आश्वासन अल्पकालिक लगते हैं, क्योंकि वे यू टर्न राजनीति के स्वामी हैं. अब देखने वाली बात है कि केजरीवाल सरकार कब तक सहयोग और शांति से काम करने के अपने रुख पर कायम रह पाती है.
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