नई दिल्ली: दिल्ली-NCR से गाड़ी चुराने वाले स्मार्टी गैंग का क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश करते हुए इस गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से चोरी की सात गाड़ियां बरामद की गई हैं. इसके साथ ही एक कट्टा और छह जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं. यह गैंग बीते कुछ सालों में दिल्ली-NCR से 100 से ज्यादा गाड़ियां चोरी कर चुका था. गैंग का सरगना गुरप्रीत उर्फ स्मार्टी बी.टेक है.
डीसीपी रोहित मीणा के अनुसार वाहन चोरी की वारदातों को ध्यान में रखते हुए क्राइम ब्रांच की टीम छानबीन कर रही थी. मार्च 2017 में क्राइम ब्रांच की टीम ने गुरप्रीत उर्फ हरप्रीत उर्फ स्मार्टी नामक वाहन चोर को गिरफ्तार किया था. दिल्ली-एनसीआर, अमृतसर, पंजाब में पुलिस ने उससे चोरी की गाड़ियों को बरामद किया था. पुलिस को पता चला कि दिसंबर 2021 में वह चंडीगढ़ जेल से छूटा है और दोबारा दिल्ली-एनसीआर में वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहा है. इसे ध्यान में रखते हुए एसीपी उमेश बर्थवाल की देखरेख में इंस्पेक्टर सतेंद्र मोहन, एसआई कमल कुमार और हवलदार राकेश की टीम ने उसके बारे में जानकारी जुटाने का काम शुरू किया.
एक गुप्त सूचना पर पुलिस टीम ने विकासपुरी इलाके में जाल बिछाकर सफेद रंग की स्विफ्ट कार को रोका. पुलिस को देखते ही चालक तेज रफ्तार से गाड़ी लेकर भागने लगा. इस दौरान पुलिस टीम ने पीछा कर गाड़ी में साथ बैठे वरुण नामक युवक को पकड़ लिया. वहीं गाड़ी चला रहा गुरप्रीत फरार होने में कामयाब रहा. वरुण की तलाशी में एक देसी कट्टा और एक जिंदा कारतूस बरामद हुआ. पूछताछ के दौरान वह गाड़ी के कोई दस्तावेज नहीं दिखा सका. जांच में पता चला कि इस गाड़ी को हरि नगर इलाके से बीते 16 मार्च को चोरी की गई थी. वरुण ने पुलिस को बताया कि गाड़ी से उतर कर भागा सख्त गुरप्रीत उर्फ स्मार्टी था. यह चोरी की गाड़ी उसे गुरप्रीत ने दी थी और इसके साथ एक कट्टा व जिंदा कारतूस भी दिए थे.
पुलिस टीम ने हरप्रीत की तलाश शुरू की. लगभग 200 किलोमीटर पीछा कर पुलिस टीम ने अंबाला में उसे पकड़ लिया. छानबीन के दौरान वरुण ने पुलिस को बताया कि वह गुरप्रीत के लिए बीते 6 महीने से काम कर रहा है. वह चोरी की गाड़ियां गुरप्रीत से लेता है और इसकी डिलीवरी उसके द्वारा बताए गए ठिकाने पर करता है. एक गाड़ी की डिलीवरी के लिए उसे 10 हजार रुपये मिलते हैं. गुरप्रीत ने पुलिस को बताया कि डेढ़ महीने पहले उसने अपने साथी अजीत के साथ यह गाड़ी हरि नगर से चोरी की थी. इस गाड़ी का इस्तेमाल वह गाड़ी चोरी के लिए कर रहा था. उसने बताया कि यह देसी कट्टा और छह जिंदा कारतूस मेरठ में दिलावर से लेकर आया था. उसकी निशानदेही पर घर से दो जिंदा कारतूस पुलिस ने बरामद किए हैं.
पुलिस टीम ने उसके साथी अजीत को भी गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस को पता चला कि वह पंजाब के तीन और दिल्ली के एक मामले में वह भगोड़ा घोषित किया गया है. उसकी निशानदेही पर पुलिस टीम ने अफजल को मेरठ से गिरफ्तार किया और उसके पास से एक कार बरामद की. पुलिस टीम ने आरोपियों के पास से कुल 6 गाड़ियां, वारदात में इस्तेमाल एक कार, एक देसी कट्टा, 6 जिंदा कारतूस, डिकोडिंग मशीन, कार चुराने में इस्तेमाल होने वाले औजार और चार नंबर प्लेट बरामद की है.
गिरफ्तार किया गया गुरप्रीत सिंह पंजाब के पटियाला का रहने वाला है. उसने कंप्यूटर साइंस में हिमाचल प्रदेश से बीटेक किया है. 2014 में वह गुड़गांव में इन्फोटेक कंपनी में काम करता था. इसके बाद उसने पटियाला में कार के स्क्रैप का काम शुरू किया था. वह चोरी की गाड़ियां खरीद कर उन्हें कबाड़ में बेचता था. 2014 में उसे पहली बार वाहन चोरी में गिरफ्तार किया गया था. बाहर निकलने के बाद वह फिर से वाहन चोरी करने लगा. साल 2016 में उसे चंडीगढ़ पुलिस ने दोबारा गिरफ्तार किया था. सितंबर 2017 में उसे पानीपत से हत्या के प्रयास में गिरफ्तार किया गया था. अगस्त 2018 में वह दिल्ली आया और यहां पर उसने एक गैंग बनाया. 2018 में उसे क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था. वह 2021 में जेल से बाहर निकला और उसे चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था. वह दिसंबर 2021 में जेल से बाहर निकला और एक बार फिर वाहन चोरी में लिप्त हो गया.
गिरफ्तार किया गया अजीत सिंह दसवीं कक्षा तक पढ़ा है. वह बाइक मकैनिक था. इसलिए उसे गाड़ियों की अच्छी समझ है. 2013 में उसे वाहन चोरी के मामले में तिलक नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार किया गया अफजल अनपढ़ है. गरीबी के चलते और जल्दी रुपये कमाने के लिए वह गाड़ी चोरी की वारदातों को अंजाम देता था. वह पहले भी कई बार गिरफ्तार हो चुका है. फरवरी 2022 में वह गुरप्रीत के संपर्क में आया और उसके साथ मिलकर वारदात करने लगा. चौथा आरोपी वरुण 12वीं कक्षा तक पढ़ा है. वह पेशे से ड्राइवर है. जनवरी 2021 में उसे लूट के मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जेल में ही उसकी मुलाकात गुरप्रीत से हुई. बाहर निकलने के बाद वह गुरप्रीत से मिला और उसके लिए चोरी की गाड़ियों को सप्लाई करने लगा.
गुरप्रीत सिंह के खिलाफ पहले से 4 मामले दर्ज हैं. अजित के खिलाफ 7 मामले दर्ज हैं. अफजल के खिलाफ 12 मामले दर्ज हैं. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया है कि वह अब तक दिल्ली-एनसीआर से 100 से ज्यादा गाड़ियां चोरी कर चुके हैं. इन गाड़ियों को उन्होंने चंडीगढ़ और पंजाब में ले जाकर बेचा है. पुलिस इनके द्वारा चोरी की गई अन्य गाड़ियों को बरामद करने की कोशिश कर रही है.
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