नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार की कैबिनेट ने ऑटो चालकों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस को आधे से भी कम, जबकि फिटनेस और जीपीएस के लिए लगने वाली फीस को माफ करने का ऐलान किया है.
इसमें फिटनेस और जीपीएस फीस को 1 सितंबर और रेजिस्ट्रेशन फीस को 15 अक्टूबर से लागू करने की बात कही गई है. केजरीवाल सरकार द्वारा इसे ऑटो-चालकों के हित का कदम बताया जा रहा है लेकिन ऑटो-चालकों का इस पर क्या कहना है. ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने ऑटो चालकों से बातचीत की.
'ऑटो चालकों के लिए बहुत फायदेमंद होगा'
ऑटो चालक गणेश मौर्या कहते हैं कि ये फायदेमंद तो होगा लेकिन पहले लागू हो, नहीं तो कागजी कार्यवाही ही रह जाएगा. लागू होने के सवाल पर वो कहते हैं कि वोट की राजनीति में ये फैसला लागू किया जा सकता है. इसके पीछे वो नवंबर में चुनाव होने का तर्क भी देते हैं. गणेश कहते हैं कि अगर ऐसा होगा तो ये ऑटो चालकों के लिए बहुत फायदेमंद होगा.
ऑटो चालकों ने दिल्ली सरकार के फैसले की तारीफ की
वहीं ऑटो चालक प्रमोद कुमार भी इस फैसले की तारीफ करते हैं लेकिन कहते हैं कि ये फायदेमंद तभी होगा जब लागू होगा. किराया बढ़ोतरी के कदम को भी प्रमोद अच्छा बताते हैं लेकिन ये कहते भी नहीं चूकते कि मीटर नहीं बदले जाने के चलते सवारियों की उनसे आज भी लड़ाई हो जाती है. रामकिंकर, लक्ष्मण और जैनब जैसे चालक भी इस कदम की तारीफ करते हैं. हालांकि कैमरे पर बोलने से साफ इंकार कर देते हैं.
'चुनाव से प्रेरित है ये कदम'
खास बात है कि फैसले पर सब खुश तो हैं लेकिन इसे लागू होने पर अब भी संशय की बात कर रहे हैं. उधर कुछ चालकों के कहना है कि ये कदम राजनीति से प्रेरित है. इसके पीछे दलील दी जाती है कि चुनाव नजदीक होने के चलते ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं जबकि पिछले साढ़े चार साल में ऑटो चालकों के लिए कुछ नहीं किया गया.