नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के बीच फ्री बिजली के मुद्दे पर खींचतान जारी है. दिल्ली सरकार की बिजली मंत्री आतिशी का आरोप है कि एलजी इस मुद्दे की फाइल दबाकर बैठे हुए हैं. ऐसे में दिल्ली में रहने वाले लोगों को अब तक मिल रही बिजली सब्सिडी आगे नहीं मिलेगी. यानी कि अब तक जो बिल शून्य आता था अब बिजली कंपनी यूनिट के हिसाब से उपभोक्ता से वसूलेगी.
बिजली मंत्री ने कहा, ऐसा नहीं है कि दिल्ली के लोगों को मिलने वाली बिजली सब्सिडी दिल्ली सरकार रोक रही है. सरकार चाहती है कि प्रदेश के लोगों को बिजली सब्सिडी मिलती रहे. दरअसल, बिजली सब्सिडी की फाइल उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अपने पास रखी है. वह इस फाइल को पास कर आगे नहीं भेज रहे हैं. जिस वजह से केजरीवाल सरकार सब्सिडी का पैसा बिजली कंपनी को रिलीज नहीं कर सकती है. इस वजह से अब दिल्ली की तीन बिजली कंपनियां यूनिट के हिसाब से बिजली उपभोक्ता को बिल देगी. यह दिल्ली में बिजली सब्सिडी पा रहे लोगों के लिए किसी बुरी खबर से कम नहीं है.
दिल्ली के 46 लाख लोगों को नुकसान: शुक्रवार को बिजली मंत्री आतिशी ने कहा, एलजी ने बिजली सब्सिडी की फाइल पास नहीं की है. जिसके चलते अब तक जो दिल्ली के लोगों को फ्री सब्सिडी मिलती थी. वह नहीं मिल पाएगी. आतिशी ने एलजी से बिजली सब्सिडी की फाइल पास करने की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि अगर यह पास नहीं किया गया, तो दिल्ली के 46 लाख लोगों को इसका नुकसान होगा. सोमवार से उनके घर पर बिना सब्सिडी का बिल जाएगा.
बिजली मंत्री ने कहा कि बिजली सब्सिडी के लिए विधानसभा में बजट दिया गया है. हमारे पास पैसा पड़ा हुआ है. बिजली सब्सिडी की फाइल एलजी लेकर बैठ गए हैं. अगर वह नहीं भेजेंगे तो 46 लाख परिवारों, किसानों, वकीलों और 1984 दंगा पीड़ितों को फ्री बिजली मिलना बंद हो जाएगा. उन्होंने कहा कि टाटा, बीएसईएस ने चिट्ठी लिखी कि उनके पास सब्सिडी की सूचना नहीं आई तो वो बिलिंग शुरू कर देंगे.
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उपराज्यपाल के पास 5 मिनट का समय नहीं: आतिशी ने कहा कि उन्हें जब बिजली कंपनी से फोन आया कि इस साल के बिजली सब्सिडी देने के संबंध में उनके पास कोई फाइल नहीं आई है. ऐसे में वह सब्सिडी नहीं दे सकते हैं और बिलिंग की जाएगी. आतिशी ने कहा कि गुरुवार को दो बार एलजी कार्यालय में उपराज्यपाल से मिलने का समय मांगा. लेकिन एलजी के पास दिल्ली की चुनी हुई सरकार की मंत्री से मिलने का समय नहीं है. उन्होंने कहा कि आज फिर अपने कार्यालय से मिलने का समय मांगा. पता चला कि आज भी समय नहीं है. 24 घंटे हो गए हैं, लेकिन एलजी के पास दिल्ली के 46 लाख लोगों से जुड़े मुद्दे पर मिलने का समय नहीं है.
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