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मंदी की चपेट में एशिया का सबसे बड़ा पंखा मार्केट

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Published : Apr 24, 2022, 1:26 PM IST

लगातार बढ़ती महंगाई के चलते एशिया का सबसे बड़ा पंखा बाजार इस समय मंदी के दौर से गुजर रहा है. पिछले तीन साल से इस बाजार में ग्राहक नहीं के बराबर आ रहे हैं, जिसकी वजह से व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

fan market vis
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नई दिल्ली: एशिया का सबसे बड़ा पंखा मार्केट जो पूरे विश्व भर में मशहूर है, इन दिनों कोरोना के बाद सामान्य हो रहे हालातों के बावजूद मंदी के दौर से गुजर रहा है. इसके पीछे एक बड़ा कारण लगातार बढ़ती महंगाई भी है. पेट्रोल-डीजल और सीएनजी के दामों में हो रही बेतहाशा वृद्धि का प्रतिकूल असर राजधानी दिल्ली में बाजारों पर भी पड़ना शुरू हो गया है.

रॉ मटेरियल, स्पेयर पार्ट्स, एल्युमिनियम, स्टील, कॉपर समेत लोहे के दामों में बेतहाशा वृद्धि के चलते न सिर्फ चीजें महंगी हुई है बल्कि अब पंखा जो आम आदमी की जरूरत की चीज है. वह भी आम आदमी जेब से दूर होता जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ बाजार से ग्राहक पूरी तरह से नदारद हैं. एशिया का सबसे बड़े पंखा मार्केट में दिल्ली के बाहर से आने वाले ग्राहकों का आना पूरी तरीह से बंद हो गया है. वहीं दिल्ली के ग्राहक भी अब मार्केट का रुख बढ़ती महंगाई के चलते बेहद कम संख्या में कर रहे हैं, जिसकी वजह से व्यापारी काफी परेशान है.

मंदी की चपेट में एशिया का सबसे बड़ा पंखा मार्केट

बीते दो साल से देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के चलते व्यापार आर्थिक बदहाली के साथ मंदी के दौर से गुजर रहा है और व्यापारियों के हालात भी ठीक नहीं हैं. इस बीच कोरोना के मामले कम होने और दिल्ली में हालात सामान्य होने के बाद जिंदगी की गाड़ी दोबारा अपनी रफ्तार पर लौटने लगी है और लोगों ने भी बाजारों का रुख किया है. राजधानी दिल्ली में धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो गया है. हालांकि बीते कुछ दिनों से कोरोना के मामले दोबारा बढ़ने शुरू हुए हैं, इसके बाद भी हालात सामान्य है, लेकिन दिल्ली के बाजार अभी भी बंदी के दौर से गुजर रहे हैं. हालातों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राजधानी दिल्ली में बसई के अंदर स्थित एशिया के सबसे बड़े पंखा मार्केट में गर्मियां शुरू होने बाद भी ग्राहक मार्केट का रुख नहीं कर रहे हैं. पंखा मार्केट के व्यापारियों की मानें तो उम्मीद के मुताबिक इस बार व्यापार गर्मी के सीजन की शुरुआत हो जाने के बाद भी महज 20 प्रतिशत हुआ है जो बेहद कम है.

वहीं इस पंखा मार्केट के प्रधान ज्ञानेश्वर त्यागी ने बातचीत के दौरान कहा कि राजधानी दिल्ली के अंदर कोरोना पूरी तरीके से खत्म नहीं हुआ है. अभी भी तमाम सावधानी बरतने की जरूरत है. कोरोना के मामले दोबारा बढ़ने शुरू हो चुके हैं. ऐसा भी हो सकता है कि कोरोना की चौथी लहर दिल्ली में दस्तक दे. ऐसे में दिल्ली और केंद्र सरकार दोनों से दरखास्त है कि एहतियात के तौर पर कोरोना के ऊपर लगाम लगाने के मद्देनजर कदम उठाए और दोबारा बड़े स्तर पर टेस्टिंग शुरू की जाए. वहीं उन्होंने व्यापार को लेकर कहा कि हालात अभी भी सामान्य नहीं हुई हैं. क्योंकि सभी चीजों के रेट इतने ज्यादा बढ़ चुके हैं कि वो आम आदमी की जेब से दूर होती जा रही है. उन्होंने बताया कि कॉपर वायर, लोहा, स्टील के रेट दोगुने से भी ज्यादा हो गए हैं, जिसके चलते पंखे के दाम भी बढ़े हैं.

वहीं पंखों के होलसेल कारोबार करने वाले अभिनव का कहना है कि जिस तरह का माहौल एक्सपेक्ट कर रहे थे वैसा कुछ नहीं है, जिसका एक बड़ा कारण स्टील, स्टील, स्पेयर पार्ट्स समेत बाकी चीजों का महंगा होना है, जिनका प्रयोग अलग-अलग विभिन्न प्रकार के पंखे बनाने में होता है. सभी के दाम इन दिनों काफी ज्यादा बढ़ चुके हैं. जिसके चलते कस्टमर अब खरीदारी में इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे हैं.

वहीं होलसेल स्पेयर पार्ट्स में डील कर रहे धनंजय कुमार का कहना है कि इन दिनों बाजार बेहद नाजुक दौर से गुजर रहा है. जहां एक तरफ बाजार से ग्राहक पूरी तरह से नदारद है. वहीं दूसरी तरफ महंगाई ने पूरी तरह से कमर तोड़ दी है. पेट्रोल-डीजल और सीएनजी के रेट बढ़ जाने से महंगाई काफी ज्यादा बढ़ गई है और स्पेयर पार्ट्स के साथ बाकी चीजों के दाम भी बढ़ गए हैं. तांबा जो पहले 500 रुपये किलो था वह अब 960 हो गया है. वहीं एलुमिनियम 200 रुपये से बढ़कर 360 रुपये तक पहुंच गया है. वहीं स्टील, लोहा के दामों में भी बेतहाशा वृद्धि देखी जा रही है. इस महंगाई से न सिर्फ आम आदमी प्रभावित हो रहा है बल्कि दिल्ली का व्यापार भी इससे प्रभावित हो रहा है.

कुल मिलाकर देखा जाए तो पंखा मार्केट मंदी के दौर से गुजर रही है. ऊपर से बढ़ती महंगाई ने बाजार के अंदर व्यापार की कमर तोड़ कर रख दी है. महंगाई के चलते बाजार के अंदर हर छोटी से छोटी चीज से लेकर बड़ी से बड़ी चीज के दामों में कई गुना का इजाफा हुआ है, जहां पहले बिना ISI मार्क वाले लोकल पंखों की शुरुआत 400 रुपये से हो जाती थी उनके रेट अब बढ़कर 650 रुपये हो गए हैं. वहीं आईएसआई मार्क वाले ब्रांडेड पंखों की शुरुआत जो पहले पांच 900 से होती थी, उनकी कीमत अब बढ़कर 1200 रुपये तक हो गई है. वहीं पंखों के अंदर लग्जरी आइटम्स की बात की जाए तो इनके दामों में भी काफी वृद्धि देखी जा रही है और इन पंखों के दाम 4500 से बढ़कर 10 हजार रुपये तक पहुंच गए हैं. वहीं दूसरी तरफ बढ़ती महंगाई और पेट्रोल-डीजल और सीएनजी के दामों में बढ़ोतरी की वजह से भी बाजार पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा है, जिसके चलते ग्राहक भी अब बाजार से दूरी बना रहे हैं.

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नई दिल्ली: एशिया का सबसे बड़ा पंखा मार्केट जो पूरे विश्व भर में मशहूर है, इन दिनों कोरोना के बाद सामान्य हो रहे हालातों के बावजूद मंदी के दौर से गुजर रहा है. इसके पीछे एक बड़ा कारण लगातार बढ़ती महंगाई भी है. पेट्रोल-डीजल और सीएनजी के दामों में हो रही बेतहाशा वृद्धि का प्रतिकूल असर राजधानी दिल्ली में बाजारों पर भी पड़ना शुरू हो गया है.

रॉ मटेरियल, स्पेयर पार्ट्स, एल्युमिनियम, स्टील, कॉपर समेत लोहे के दामों में बेतहाशा वृद्धि के चलते न सिर्फ चीजें महंगी हुई है बल्कि अब पंखा जो आम आदमी की जरूरत की चीज है. वह भी आम आदमी जेब से दूर होता जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ बाजार से ग्राहक पूरी तरह से नदारद हैं. एशिया का सबसे बड़े पंखा मार्केट में दिल्ली के बाहर से आने वाले ग्राहकों का आना पूरी तरीह से बंद हो गया है. वहीं दिल्ली के ग्राहक भी अब मार्केट का रुख बढ़ती महंगाई के चलते बेहद कम संख्या में कर रहे हैं, जिसकी वजह से व्यापारी काफी परेशान है.

मंदी की चपेट में एशिया का सबसे बड़ा पंखा मार्केट

बीते दो साल से देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के चलते व्यापार आर्थिक बदहाली के साथ मंदी के दौर से गुजर रहा है और व्यापारियों के हालात भी ठीक नहीं हैं. इस बीच कोरोना के मामले कम होने और दिल्ली में हालात सामान्य होने के बाद जिंदगी की गाड़ी दोबारा अपनी रफ्तार पर लौटने लगी है और लोगों ने भी बाजारों का रुख किया है. राजधानी दिल्ली में धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो गया है. हालांकि बीते कुछ दिनों से कोरोना के मामले दोबारा बढ़ने शुरू हुए हैं, इसके बाद भी हालात सामान्य है, लेकिन दिल्ली के बाजार अभी भी बंदी के दौर से गुजर रहे हैं. हालातों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राजधानी दिल्ली में बसई के अंदर स्थित एशिया के सबसे बड़े पंखा मार्केट में गर्मियां शुरू होने बाद भी ग्राहक मार्केट का रुख नहीं कर रहे हैं. पंखा मार्केट के व्यापारियों की मानें तो उम्मीद के मुताबिक इस बार व्यापार गर्मी के सीजन की शुरुआत हो जाने के बाद भी महज 20 प्रतिशत हुआ है जो बेहद कम है.

वहीं इस पंखा मार्केट के प्रधान ज्ञानेश्वर त्यागी ने बातचीत के दौरान कहा कि राजधानी दिल्ली के अंदर कोरोना पूरी तरीके से खत्म नहीं हुआ है. अभी भी तमाम सावधानी बरतने की जरूरत है. कोरोना के मामले दोबारा बढ़ने शुरू हो चुके हैं. ऐसा भी हो सकता है कि कोरोना की चौथी लहर दिल्ली में दस्तक दे. ऐसे में दिल्ली और केंद्र सरकार दोनों से दरखास्त है कि एहतियात के तौर पर कोरोना के ऊपर लगाम लगाने के मद्देनजर कदम उठाए और दोबारा बड़े स्तर पर टेस्टिंग शुरू की जाए. वहीं उन्होंने व्यापार को लेकर कहा कि हालात अभी भी सामान्य नहीं हुई हैं. क्योंकि सभी चीजों के रेट इतने ज्यादा बढ़ चुके हैं कि वो आम आदमी की जेब से दूर होती जा रही है. उन्होंने बताया कि कॉपर वायर, लोहा, स्टील के रेट दोगुने से भी ज्यादा हो गए हैं, जिसके चलते पंखे के दाम भी बढ़े हैं.

वहीं पंखों के होलसेल कारोबार करने वाले अभिनव का कहना है कि जिस तरह का माहौल एक्सपेक्ट कर रहे थे वैसा कुछ नहीं है, जिसका एक बड़ा कारण स्टील, स्टील, स्पेयर पार्ट्स समेत बाकी चीजों का महंगा होना है, जिनका प्रयोग अलग-अलग विभिन्न प्रकार के पंखे बनाने में होता है. सभी के दाम इन दिनों काफी ज्यादा बढ़ चुके हैं. जिसके चलते कस्टमर अब खरीदारी में इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे हैं.

वहीं होलसेल स्पेयर पार्ट्स में डील कर रहे धनंजय कुमार का कहना है कि इन दिनों बाजार बेहद नाजुक दौर से गुजर रहा है. जहां एक तरफ बाजार से ग्राहक पूरी तरह से नदारद है. वहीं दूसरी तरफ महंगाई ने पूरी तरह से कमर तोड़ दी है. पेट्रोल-डीजल और सीएनजी के रेट बढ़ जाने से महंगाई काफी ज्यादा बढ़ गई है और स्पेयर पार्ट्स के साथ बाकी चीजों के दाम भी बढ़ गए हैं. तांबा जो पहले 500 रुपये किलो था वह अब 960 हो गया है. वहीं एलुमिनियम 200 रुपये से बढ़कर 360 रुपये तक पहुंच गया है. वहीं स्टील, लोहा के दामों में भी बेतहाशा वृद्धि देखी जा रही है. इस महंगाई से न सिर्फ आम आदमी प्रभावित हो रहा है बल्कि दिल्ली का व्यापार भी इससे प्रभावित हो रहा है.

कुल मिलाकर देखा जाए तो पंखा मार्केट मंदी के दौर से गुजर रही है. ऊपर से बढ़ती महंगाई ने बाजार के अंदर व्यापार की कमर तोड़ कर रख दी है. महंगाई के चलते बाजार के अंदर हर छोटी से छोटी चीज से लेकर बड़ी से बड़ी चीज के दामों में कई गुना का इजाफा हुआ है, जहां पहले बिना ISI मार्क वाले लोकल पंखों की शुरुआत 400 रुपये से हो जाती थी उनके रेट अब बढ़कर 650 रुपये हो गए हैं. वहीं आईएसआई मार्क वाले ब्रांडेड पंखों की शुरुआत जो पहले पांच 900 से होती थी, उनकी कीमत अब बढ़कर 1200 रुपये तक हो गई है. वहीं पंखों के अंदर लग्जरी आइटम्स की बात की जाए तो इनके दामों में भी काफी वृद्धि देखी जा रही है और इन पंखों के दाम 4500 से बढ़कर 10 हजार रुपये तक पहुंच गए हैं. वहीं दूसरी तरफ बढ़ती महंगाई और पेट्रोल-डीजल और सीएनजी के दामों में बढ़ोतरी की वजह से भी बाजार पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा है, जिसके चलते ग्राहक भी अब बाजार से दूरी बना रहे हैं.

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