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बदलेंगे तुर्कमान गेट के हालात, एएसआई करेगा संरक्षण और सौंदर्यीकरण

जी 20 सम्मेलन को लेकर तुर्कमान गेट की कायाकल्प बदलने का कार्य किया जाएगा. यह गेट रामलीला मैदान से कुछ ही दूरी पर स्थित है. शाहजहां ने इस गेट का नाम मशहूर सूफी संत शाह तुर्कमान बयाबानी के नाम पर रखा था.

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Published : Apr 15, 2023, 9:47 AM IST

बदलेंगे तुर्कमान गेट के हालात

नई दिल्ली: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर स्थित है रामलीला मैदान. यह मैदान कई बड़े-बड़े विरोध प्रदर्शन और आंदोलन का गवाह बना है.यहां राजनीतिक पार्टियां चुनावों में रैलियों का शंखनाद भी करती हैं. बीते दिनों पहले भी देशभर के किसान यहां जुटे और अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार को घेरा. इस रामलीला मैदान से चंद कदम की दूरी पर स्थित है तुर्कमान गेट. भारत जी 20 जैसे बड़े सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है. जिससे राजधानी में कई देशों के विदेशी मेहमान आएंगे. ऐसे में तुर्कमान गेट को संवारने का काम भी शुरू किया जाएगा.
तुर्कमान गेट का संरक्षण करने की योजना: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) तुर्कमान गेट का संरक्षण शुरू करने की योजना बना रहा है. इसके बाद सौंदर्यीकरण का काम भी किया जाएगा. बता दें कि एएसआई तुर्कमान गेट के साथ, दिल्ली गेट, खूनी दरवाजा, मोरी गेट, अजमेरी गेट सहित दिल्ली के सभी 7 दरवाजों को संवारने का काम कर रहा है. खास बात यह है कि कुछ गेट का संरक्षण कार्य शुरू भी कर दिया गया है.
आंधी और बरसात से गेट को पहुंचा नुकसान: एएसआई दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, जब दिल्ली में कॉमन वेल्थ के गेम्स हुए, तब गेट को संवारने का काम किया गया. हालांकि, इसके बाद समय-समय पर मरम्मत कार्य किए गए, लेकिन धूल, आंधी, बरसात और सर्दी-गर्मी से गेट को नुकसान भी हुआ. अब जी 20 सम्मेलन का आयोजन होना है.एएसआई दिल्ली के अन्य दरवाजों की तरह ही तुर्कमान गेट पर संरक्षण कार्य के बाद सौंदर्यीकरण कार्य करेगा. जिससे दिल्ली का यह ऐतिहासिक दरवाजा भी रात को अपनी चमक बिखेरेगा.
चूने के मसाले से भरी जाएंगी दरारें: इसके अलावा यहां पर नए-नए सूचक बोर्ड भी लगाए जाएंगे. इस गेट के निर्माण कार्य और इसके महत्व को दर्शाया जाएगा. चूंकि, यह गेट दिल्ली के दिल कहलाने वाले कनॉट प्लेस इलाके से भी नजदीक है, इसलिए गेट को सुंदर रूप में दर्शाने की कवायद तेज होने वाली है. एएसआई के अधिकारी के अनुसार, बरसात की वजह से दीवारों पर दरारें आ गई हैं. जिन्हें चूने के मसाले से भरा जाएगा. वहीं जहां-जहां प्लास्टर झड़ रहा है. वहां पर नया प्लास्टर लगाया जाएगा. इसके अलावा, गेट के अंदर एक सुरक्षा कर्मी तैनात किया जाएगा.साथ ही स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा.

तुर्कमान गेट के आसपास से हटाना होगा अतिक्रमण:तुर्कमान गेट की सुंदरता बढ़ाने के लिए एएसआई को यहां पर अतिक्रमण भी हटाना होगा, जो उनके लिए चुनौती बन सकता है. गेट के सामने आम आदमी पार्टी के ड्यूटी मेयर का बोर्ड लगा हुआ है. साथ ही केबल की कई तारें दरवाजे के सामने से होकर निकाली गई हैं. जगह-जगह ऑटो, रिक्शाचालक अपना डेरा जमाए हुए हैं. गेट के बगल में एक पेड़ की टहनियां गेट के आधे हिस्से को ढकंने का काम कर रही हैं.

कब बना यह तुर्कमान गेट:मुगलों ने दिल्ली में कई गेट का निर्माण किया. तुर्कमान गेट भी इसी का एक हिस्सा है. वर्ष 1650 में इस गेट का निर्माण कार्य किया गया.शाहजहां ने इस गेट का नाम उस जमाने के मशहूर सूफी संत शाह तुर्कमान बयाबानी के नाम पर रखा था. आपातकाल के दौरान साल 1976 में बुलडोजर की कार्रवाई ने लाखों लोगों का आशियाना पल दो पल में मिट्टी कर दिया था.कई लोगों की जान गई, कई लोग पलायन को मजबूर हुए और यह सब घटना कांग्रेस सरकार में हुई. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने ऐलान किया था कि पुरानी दिल्ली के इलाकों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा. तुर्कमान गेट पर रहने वाले लोगों को यहां से घर खाली कर दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए भरोसा दिया गया और एक दिन पुलिस फोर्स आती है और बुलडोजर के जरिए कई घरों को नष्ट कर देती है.इस दौरान जो विरोध करता है उसे अपनी जान भी गंवानी पड़ती है.

ये भी पढ़ें: Karnataka Election 2023: बीजेपी ने गुजरात की तर्ज पर कर्नाटक में भी तैनात की 'सुपर-60' टीम

बदलेंगे तुर्कमान गेट के हालात

नई दिल्ली: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर स्थित है रामलीला मैदान. यह मैदान कई बड़े-बड़े विरोध प्रदर्शन और आंदोलन का गवाह बना है.यहां राजनीतिक पार्टियां चुनावों में रैलियों का शंखनाद भी करती हैं. बीते दिनों पहले भी देशभर के किसान यहां जुटे और अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार को घेरा. इस रामलीला मैदान से चंद कदम की दूरी पर स्थित है तुर्कमान गेट. भारत जी 20 जैसे बड़े सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है. जिससे राजधानी में कई देशों के विदेशी मेहमान आएंगे. ऐसे में तुर्कमान गेट को संवारने का काम भी शुरू किया जाएगा.
तुर्कमान गेट का संरक्षण करने की योजना: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) तुर्कमान गेट का संरक्षण शुरू करने की योजना बना रहा है. इसके बाद सौंदर्यीकरण का काम भी किया जाएगा. बता दें कि एएसआई तुर्कमान गेट के साथ, दिल्ली गेट, खूनी दरवाजा, मोरी गेट, अजमेरी गेट सहित दिल्ली के सभी 7 दरवाजों को संवारने का काम कर रहा है. खास बात यह है कि कुछ गेट का संरक्षण कार्य शुरू भी कर दिया गया है.
आंधी और बरसात से गेट को पहुंचा नुकसान: एएसआई दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, जब दिल्ली में कॉमन वेल्थ के गेम्स हुए, तब गेट को संवारने का काम किया गया. हालांकि, इसके बाद समय-समय पर मरम्मत कार्य किए गए, लेकिन धूल, आंधी, बरसात और सर्दी-गर्मी से गेट को नुकसान भी हुआ. अब जी 20 सम्मेलन का आयोजन होना है.एएसआई दिल्ली के अन्य दरवाजों की तरह ही तुर्कमान गेट पर संरक्षण कार्य के बाद सौंदर्यीकरण कार्य करेगा. जिससे दिल्ली का यह ऐतिहासिक दरवाजा भी रात को अपनी चमक बिखेरेगा.
चूने के मसाले से भरी जाएंगी दरारें: इसके अलावा यहां पर नए-नए सूचक बोर्ड भी लगाए जाएंगे. इस गेट के निर्माण कार्य और इसके महत्व को दर्शाया जाएगा. चूंकि, यह गेट दिल्ली के दिल कहलाने वाले कनॉट प्लेस इलाके से भी नजदीक है, इसलिए गेट को सुंदर रूप में दर्शाने की कवायद तेज होने वाली है. एएसआई के अधिकारी के अनुसार, बरसात की वजह से दीवारों पर दरारें आ गई हैं. जिन्हें चूने के मसाले से भरा जाएगा. वहीं जहां-जहां प्लास्टर झड़ रहा है. वहां पर नया प्लास्टर लगाया जाएगा. इसके अलावा, गेट के अंदर एक सुरक्षा कर्मी तैनात किया जाएगा.साथ ही स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा.

तुर्कमान गेट के आसपास से हटाना होगा अतिक्रमण:तुर्कमान गेट की सुंदरता बढ़ाने के लिए एएसआई को यहां पर अतिक्रमण भी हटाना होगा, जो उनके लिए चुनौती बन सकता है. गेट के सामने आम आदमी पार्टी के ड्यूटी मेयर का बोर्ड लगा हुआ है. साथ ही केबल की कई तारें दरवाजे के सामने से होकर निकाली गई हैं. जगह-जगह ऑटो, रिक्शाचालक अपना डेरा जमाए हुए हैं. गेट के बगल में एक पेड़ की टहनियां गेट के आधे हिस्से को ढकंने का काम कर रही हैं.

कब बना यह तुर्कमान गेट:मुगलों ने दिल्ली में कई गेट का निर्माण किया. तुर्कमान गेट भी इसी का एक हिस्सा है. वर्ष 1650 में इस गेट का निर्माण कार्य किया गया.शाहजहां ने इस गेट का नाम उस जमाने के मशहूर सूफी संत शाह तुर्कमान बयाबानी के नाम पर रखा था. आपातकाल के दौरान साल 1976 में बुलडोजर की कार्रवाई ने लाखों लोगों का आशियाना पल दो पल में मिट्टी कर दिया था.कई लोगों की जान गई, कई लोग पलायन को मजबूर हुए और यह सब घटना कांग्रेस सरकार में हुई. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने ऐलान किया था कि पुरानी दिल्ली के इलाकों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा. तुर्कमान गेट पर रहने वाले लोगों को यहां से घर खाली कर दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए भरोसा दिया गया और एक दिन पुलिस फोर्स आती है और बुलडोजर के जरिए कई घरों को नष्ट कर देती है.इस दौरान जो विरोध करता है उसे अपनी जान भी गंवानी पड़ती है.

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