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सीएम आवास के बाहर आशा वर्कर्स का विरोध प्रदर्शन, दिल्ली BJP का मिला समर्थन - दिल्ली में आशा वर्कर्स का प्रदर्शन

दिल्ली में आशा वर्कर्स ने वेतन और इंसेंटिव बढ़ाए जाने की मांग को लेकर सीएम आवास के बाहर प्रदर्शन किया. उनके इस प्रदर्शन को दिल्ली बीजेपी का भी समर्थन मिला.

आशा वर्कर्स का प्रदर्शन
आशा वर्कर्स का प्रदर्शन
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Published : Oct 18, 2021, 3:56 PM IST

नई दिल्ली: सोमवार को मुख्यमंत्री आवास (delhi cm residence) के बाहर चंदगीराम अखाड़ा पर दिल्ली की आशा वर्कर्स एसोसिएशन (Delhi Asha Workers Association) द्वारा वेतन और इंसेंटिव बढ़ाए जाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. आशा वर्कर्स के इस विरोध प्रदर्शन को दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष और विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामबीर सिंह बिधूड़ी का समर्थन भी मिला.

आशा वर्कर्स ने अपनी 11 मांगों का लिखित ज्ञापन दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास (delhi cm residence) पर भी दिया है. उनका कहना है कि 2018 में केंद्र सरकार के द्वारा जो वित्तीय लाभ उन्हें दिया गया था. वह अभी तक दिल्ली सरकार (Delhi government) के द्वारा नहीं मिला है. आशा वर्कर्स का अभी तक वेतन तय नहीं किया गया और ना ही पिछले पांच साल में इंसेंटिव बढ़ाया गया है जो वर्तमान हालातों को देखते हुए बढ़ाया जाना चाहिए.

सीएम आवास के बाहर आशा वर्कर्स का विरोध प्रदर्शन

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (delhi cm arvind kejriwal) के आधिकारिक आवास के बाहर चंदगीराम अखाड़ा, सिविल लाइन्स पर दिल्ली की आशा वर्कर्स एसोसिएशन द्वारा अपने वेतन और इंसेंटिव से बढ़ाए जाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. दिल्ली में करीब 6,500 आशा वर्कर्स हैं, जिनका इंसेंटिव पिछले कई सालों नहीं बढ़ाया गया है.

ये भी पढ़ें- दिल्ली बीजेपी महिला मोर्चा में खटपट, योगिता सिंह और महिला पदाधिकारियों के बीच मतभेद

आशा वर्कर्स की सह संरक्षक कविता पटवा ने बातचीत के दौरान बताया कि साल 2018 में केंद्र सरकार के द्वारा आशा वर्कर को वित्तीय लाभ देने के मद्देनजर फंड की राशि जारी की गई थी, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा आशा वर्कर्स को किसी प्रकार का लाभ केंद्र द्वारा फंड दिए जाने के बावजूद नहीं दिया गया है. वहीं पिछले पांच सालों से दिल्ली में कार्यरत आशा वर्कर्स का इंसेंटिव नहीं बढ़ाया गया है.

आदेश गुप्ता भी प्रदर्शन में रहे शामिल
आदेश गुप्ता भी प्रदर्शन में रहे शामिल

आशा वर्कर्स के वेतन को लेकर भी मानक तय नहीं है. हमारी मांग है कि आशा वर्कर के वेतन को लेकर मानक तय किए जाएं और हर माह 18 हजार रुपये के हिसाब से आशा वर्कर्स को वेतन दिया जाए. जब तक यह नीति लागू नहीं होती तब तक आशा वर्कर्स को मिलने वाला इंसेंटिव जो है उसे तीन गुना किया जाए. दिल्ली की आशा वर्कर्स एसोसिएशन के द्वारा आज 11 मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- झाेपड़ी उजड़ी ताे कमल खिलाने आये लाेजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्यामल किशोर

आशा वर्कर्स द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन में दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता (delhi bjp president adesh gupta) और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी (leader of oppostion ramveer singh bidhuri) ने शामिल होकर अपनी तरफ से ना सिर्फ समर्थन दिया है बल्कि उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान निकलवाने का आश्वासन भी दिया.

सीएम केजरीवाल के नाम दिया गया ज्ञापन
सीएम केजरीवाल के नाम दिया गया ज्ञापन

दिल्ली विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि वह इस मामले को दिल्ली विधानसभा में उठाएंगे और मुख्यमंत्री से कहेंगे कि आशा वर्कर्स, जिन्होंने कोरोना काल में ईमानदारी के साथ काम किया है उन्हें उनके हक का पूरा पैसा मिले. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार के ऊपर ना सिर्फ सवाल उठाया बल्कि यह भी कहा कि दिल्ली सरकार किस तरह से झूठे दावे करती है. उसकी असलियत अब सबके सामने आ रही है.

दिल्ली में फ्रंट लाइन पर स्वास्थ्य सुविधाएं देने से जुड़ी सेवाओं को लेकर काम करने वाली आशा वर्कर्स को दिल्ली सरकार ना तो वेतन दे रही है और ना ही बड़ा हुआ इंसेंटिव जो कि यह दिखाता है कि दिल्ली सरकार की कार्यशैली कैसी है.

नई दिल्ली: सोमवार को मुख्यमंत्री आवास (delhi cm residence) के बाहर चंदगीराम अखाड़ा पर दिल्ली की आशा वर्कर्स एसोसिएशन (Delhi Asha Workers Association) द्वारा वेतन और इंसेंटिव बढ़ाए जाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. आशा वर्कर्स के इस विरोध प्रदर्शन को दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष और विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामबीर सिंह बिधूड़ी का समर्थन भी मिला.

आशा वर्कर्स ने अपनी 11 मांगों का लिखित ज्ञापन दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास (delhi cm residence) पर भी दिया है. उनका कहना है कि 2018 में केंद्र सरकार के द्वारा जो वित्तीय लाभ उन्हें दिया गया था. वह अभी तक दिल्ली सरकार (Delhi government) के द्वारा नहीं मिला है. आशा वर्कर्स का अभी तक वेतन तय नहीं किया गया और ना ही पिछले पांच साल में इंसेंटिव बढ़ाया गया है जो वर्तमान हालातों को देखते हुए बढ़ाया जाना चाहिए.

सीएम आवास के बाहर आशा वर्कर्स का विरोध प्रदर्शन

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (delhi cm arvind kejriwal) के आधिकारिक आवास के बाहर चंदगीराम अखाड़ा, सिविल लाइन्स पर दिल्ली की आशा वर्कर्स एसोसिएशन द्वारा अपने वेतन और इंसेंटिव से बढ़ाए जाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. दिल्ली में करीब 6,500 आशा वर्कर्स हैं, जिनका इंसेंटिव पिछले कई सालों नहीं बढ़ाया गया है.

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आशा वर्कर्स की सह संरक्षक कविता पटवा ने बातचीत के दौरान बताया कि साल 2018 में केंद्र सरकार के द्वारा आशा वर्कर को वित्तीय लाभ देने के मद्देनजर फंड की राशि जारी की गई थी, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा आशा वर्कर्स को किसी प्रकार का लाभ केंद्र द्वारा फंड दिए जाने के बावजूद नहीं दिया गया है. वहीं पिछले पांच सालों से दिल्ली में कार्यरत आशा वर्कर्स का इंसेंटिव नहीं बढ़ाया गया है.

आदेश गुप्ता भी प्रदर्शन में रहे शामिल
आदेश गुप्ता भी प्रदर्शन में रहे शामिल

आशा वर्कर्स के वेतन को लेकर भी मानक तय नहीं है. हमारी मांग है कि आशा वर्कर के वेतन को लेकर मानक तय किए जाएं और हर माह 18 हजार रुपये के हिसाब से आशा वर्कर्स को वेतन दिया जाए. जब तक यह नीति लागू नहीं होती तब तक आशा वर्कर्स को मिलने वाला इंसेंटिव जो है उसे तीन गुना किया जाए. दिल्ली की आशा वर्कर्स एसोसिएशन के द्वारा आज 11 मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर दिया गया है.

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आशा वर्कर्स द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन में दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता (delhi bjp president adesh gupta) और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी (leader of oppostion ramveer singh bidhuri) ने शामिल होकर अपनी तरफ से ना सिर्फ समर्थन दिया है बल्कि उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान निकलवाने का आश्वासन भी दिया.

सीएम केजरीवाल के नाम दिया गया ज्ञापन
सीएम केजरीवाल के नाम दिया गया ज्ञापन

दिल्ली विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि वह इस मामले को दिल्ली विधानसभा में उठाएंगे और मुख्यमंत्री से कहेंगे कि आशा वर्कर्स, जिन्होंने कोरोना काल में ईमानदारी के साथ काम किया है उन्हें उनके हक का पूरा पैसा मिले. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार के ऊपर ना सिर्फ सवाल उठाया बल्कि यह भी कहा कि दिल्ली सरकार किस तरह से झूठे दावे करती है. उसकी असलियत अब सबके सामने आ रही है.

दिल्ली में फ्रंट लाइन पर स्वास्थ्य सुविधाएं देने से जुड़ी सेवाओं को लेकर काम करने वाली आशा वर्कर्स को दिल्ली सरकार ना तो वेतन दे रही है और ना ही बड़ा हुआ इंसेंटिव जो कि यह दिखाता है कि दिल्ली सरकार की कार्यशैली कैसी है.

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