नई दिल्ली: जर्मनी में भारतीय बच्ची अरिहा शाह की कस्टडी को लेकर उसकी मां धारा शाह ने शुक्रवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और पीएम मोदी से मदद की गुहार लगाई. उन्होंने मांग की कि अरिहा की जल्द से जल्द रिहाई करवाई जाए. साथ ही उसे जर्मनी में भारतीय लोगों के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाने की अनुमति दी जाए.
धारा शाह ने कहा कि मैं अपनी बेटी की आजादी चाहती हूं. मेरी बच्ची अरिहा के सांस्कृतिक अधिकारों को संरक्षित करने की जरूरत है. हम चाहते हैं कि वह 15 अगस्त मनाए. जब उसे कस्टडी में रखा गया था तब वह सात महीने की थी, लेकिन अब उसकी उम्र 29 महीने हो चुकी है और वह बिना माता पिता के रह रही है. उसके पिता फिलहाल जर्मनी में नौकरी करते हैं और लगातार वहां की सरकार के संपर्क में बने हुए हैं. वहीं मैं भारत आकर विदेश मंत्रालय के संपर्क में हूं, जिनकी तरफ से कहा गया है कि वह अरिहा को वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं. मैंने पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा है, हालांकि अभी उनसे मुलाकात नहीं हो पाई है.
धारा ने आगे कहा कि मेरी पीएम मोदी से गुजारिश है कि वह जर्मनी की सरकार से बात करें, जिससे मेरी बेटी सकुशल मेरे पास आ सके. उन्होंने बताया कि जून में कोर्ट ने अरिहा की छीनकर उसे जर्मन चाइल्ड सर्विसेज को सौंप दिया गया था. यह कोर्ट का एकतरफा फैसला था, क्योंकि हमें अपनी बात कहने का मौका नहीं दिया गया. वे अरिहा को भारतीय वस्तुओं को इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे रहे और उन्हें बच्ची की स्थिति के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जिससे हम अरिहा की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.
उन्होंने बताया कि कुछ महीने पहले अरिहा से मेरी व्हाट्सऐप पर वीडियो कॉल के जरिए बात हुई थी, लेकिन अब वह भी बंद हो गई है. वहां सरकार और प्रशासन का कहना है कि हम आपकी बात नहीं करा सकते. इससे बच्ची डिस्टर्ब हो सकती है. मुझे देखकर मेरी बेटी काफी खुश थी, लेकिन सरकार मुझे मेरी बच्ची से मिलने या बात करने नहीं दे रहा. मेरी पीएम मोदी से अपील है कि भारत की बेटी को आप ही वापस ला सकते हैं.
यह है मामला: दरअसल, अरिहा के माता पिता पर सेक्सुअल एब्यूज का आरोप है. अरिहा जब सात महीने की थी तब उसके माता-पिता को उसके डायपर पर खून दिखा. इसके बाद अरिहा की मां उसे डॉक्टर के पास ले गई, जहां डॉक्टर ने उसे स्वस्थ बताकर वापस भेज दिया. कुछ दिनों बाद अरिहा की मां को चाइल्ड केयर की तरफ से बुलाया गया और और बच्ची को वापस लेकर और माता पिता पर आरोप लगाया कि बच्ची के साथ सेक्सुअल एब्यूज किया गया है. इसके बाद उन्होंने बच्ची को उसके परिवार को नहीं सौंपा. साथ ही बच्ची की सुरक्षा जर्मनी यूथ वेलफेयर ऑफिस को दे दी.
कोर्ट ने कहा कि उनका ये मानना है कि माता-पिता ने जानबूझकर बच्ची को चोट पहुंचाई और वह चोट लगने की वजह का भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. कोर्ट ने कहा कि अरिहा को अप्रैल 2021 में सिर और कमर पर चोट लगी थी. वहीं सितंबर 2021 में बच्ची के निजी अंगों में भी चोट लगी थी. कोर्ट ने कहा कि अरिहा को अप्रैल 2021 में सिर और कमर पर चोट लगी थी. वहीं सितंबर 2021 में बच्ची के निजी अंगों में भी चोट आई थी. परिजनों ने दावा किया कि बच्ची को नहलाने के दौरान यह चोट लगी.
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