नई दिल्लीः दिल्ली में एक तरफ कोरोना संक्रमण के मामले हर दिन रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण भी खतरनाक स्तर को पार कर रहा है. आगामी दिनों में आने वाली दिवाली के दौरान स्थिति और न बिगड़े इसलिए दिल्ली सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. गुरुवार शाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व बुलाई गई एक बैठक में इसे लेकर फैसला हुआ.
'बैठक में हुआ फैसला'
इस बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा स्वास्थ मंत्री और पर्यावरण मंत्री भी मौजूद रहे. वहीं मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और दिल्ली के सभी डीएम भी इस मीटिंग में उपस्थित रहे. कोरोना और प्रदूषण के लगातार बिगड़ते हालात की मीटिंग में समीक्षा हुई और आगामी दिवाली के मद्देनजर यह फैसला हुआ कि 7 नवम्बर से 30 नवम्बर के बीच दिल्ली में पटाखे पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे.
'अब तक थी ग्रीन क्रैकर्स की अनुमति'
आपको बता दें कि तीन नवम्बर से दिल्ली में एंट्री क्रैकर कैम्पेन जारी है. इसके तहत दिल्ली वालों से पटाखा न जलाने की अपील की जा रही है, वहीं अब तक सरकार की तरफ से यह कहा जा रहा था कि अगर पटाखा जलाना ही है, तो केवल ग्रीन क्रैकर्स जलाएं, लेकिन अब सभी तरह के पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. आज हुई मीटिंग में कोरोना को लेकर भी कुछ फैसले हुए.
'आईसीयू बेड्स बढ़ाने का फैसला'
बढ़ते कोरोना मामलों के साथ दिल्ली में कोरोना के आईसीयू बेड्स की कमी की खबरें आ रहीं हैं. इसे लेकर आज मीटिंग में फैसला हुआ कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन और आईसीयू बेड्स की संख्या बढ़ाई जाएगी. गौरतलब है कि प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू बेड्स बढ़ाने के मामले में दिल्ली सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
'सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद'
इसे लेकर किए गए ट्वीट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद करते हैं कि कोर्ट इसपर लगे स्टे को हटाएगा. आपको बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने प्राइवेट अस्पतालों की अपील के बाद इस मामले में स्टे लगा दिया था. आज हुई बैठक में अधिकारियों को यह भी आदेश दिया गया कि कोरोना के कारणों हो रही मौत के मामलों को कम से कम करने की दिशा में कदम उठाए जाएं.