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FCI का टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, आरोपी नेताओं का बनता था करीबी - इंस्पेक्टर नितिन कुमार

आर्थिक अपराध शाखा ने एफसीआई का टेंडर दिलाने के नाम पर उनसे 4.62 करोड़ रुपये ठगी के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किया गया प्रवीण कुमार सिंह खुद को नेताओं का करीबी बता कर लोगों को एफसीआई का टेंडर दिलाने के नाम पर उनसे ठगी करता था.

Accused arrested cheater for cheated Crores in the name of getting FCI tender
टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार
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Published : Oct 22, 2020, 8:52 PM IST

नई दिल्ली: नेताओं का करीबी बताकर लोगों से ठगी करने वाले एक जालसाज को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान प्रवीण के रूप में की गई है. उसने एक कारोबारी को एफसीआई का टेंडर दिलाने के नाम पर उनसे 4.62 करोड़ रुपये ठग लिए थे. उसके खिलाफ पहले भी नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने के मामले दर्ज हैं.

टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार

संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार प्राथमिक जांच के बाद नॉर्थ एवेन्यू थाना में पीड़ित की शिकायत को लेकर अमानत में खयानत और ठगी का मामला दर्ज किया गया था. बाद में इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा को भेज दी गई. डीसीपी मोहम्मद अली की देखरेख में इंस्पेक्टर नितिन कुमार ने मामले की जांच शुरू की.

जांच में पता चला कि आरोपी प्रवीण कुमार सिंह खुद को नेताओं का करीबी बताया था. उसने यह भी बताया था कि वह नॉर्थ एवेन्यू में रहता है. उसने पीड़ित को बताया कि एफसीआई का टेंडर वह उसे दिलवा देगा. इसके साथ ही टोयोटा की एजेंसी भी पंजाब में उसे मिल जाएगी. इसके लिए उसने 4.62 करोड़ रुपए कारोबारी से ले लिए. लेकिन कारोबारी को न तो एसबीआई का टेंडर मिला और ना ही टोयोटा की एजेंसी. बाद में उसे पता लगा कि उसके साथ ठगी की गई है.



लंबे समय से चल रहा था फरार, हुआ गिरफ्तार

मामले की जांच के दौरान शुरुआत में प्रवीण कुमार पुलिस के समक्ष आया लेकिन बाद में उसने आना बंद कर दिया. उसने अदालत के समक्ष अर्जी लगा कर बताया कि वह ठगी की रकम को अदालत में जमा कराने को तैयार है, उसे राहत दी जाए. लेकिन रकम जमा करवाने की जगह वह फरार हो गया. आर्थिक अपराध शाखा की टीम से लगातार उसकी तलाश कर रही थी. एक गुप्त सूचना पर पुलिस टीम ने उसे आखिरकार गिरफ्तार कर लिया.



क्राइम ब्रांच में भी दर्ज है प्रवीण के खिलाफ मामला

गिरफ्तार किया गया प्रवीण कुमार सिंह खुद को नेताओं का करीबी बता कर लोगों को एफसीआई का टेंडर दिलाने के नाम पर उनसे ठगी करता था. वह लोगों को झांसा देता था कि वह उनकी नौकरी लगवा देगा. वास्तव में किसी नेता से उसका परिचय नहीं था. उसके खिलाफ 2012 और 2014 में भी ठगी के मामले क्राइम ब्रांच में दर्ज हैं. इनमें नौकरी लगवाने के नाम पर उसने युवाओं से ठगी की थी.

नई दिल्ली: नेताओं का करीबी बताकर लोगों से ठगी करने वाले एक जालसाज को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान प्रवीण के रूप में की गई है. उसने एक कारोबारी को एफसीआई का टेंडर दिलाने के नाम पर उनसे 4.62 करोड़ रुपये ठग लिए थे. उसके खिलाफ पहले भी नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने के मामले दर्ज हैं.

टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार

संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार प्राथमिक जांच के बाद नॉर्थ एवेन्यू थाना में पीड़ित की शिकायत को लेकर अमानत में खयानत और ठगी का मामला दर्ज किया गया था. बाद में इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा को भेज दी गई. डीसीपी मोहम्मद अली की देखरेख में इंस्पेक्टर नितिन कुमार ने मामले की जांच शुरू की.

जांच में पता चला कि आरोपी प्रवीण कुमार सिंह खुद को नेताओं का करीबी बताया था. उसने यह भी बताया था कि वह नॉर्थ एवेन्यू में रहता है. उसने पीड़ित को बताया कि एफसीआई का टेंडर वह उसे दिलवा देगा. इसके साथ ही टोयोटा की एजेंसी भी पंजाब में उसे मिल जाएगी. इसके लिए उसने 4.62 करोड़ रुपए कारोबारी से ले लिए. लेकिन कारोबारी को न तो एसबीआई का टेंडर मिला और ना ही टोयोटा की एजेंसी. बाद में उसे पता लगा कि उसके साथ ठगी की गई है.



लंबे समय से चल रहा था फरार, हुआ गिरफ्तार

मामले की जांच के दौरान शुरुआत में प्रवीण कुमार पुलिस के समक्ष आया लेकिन बाद में उसने आना बंद कर दिया. उसने अदालत के समक्ष अर्जी लगा कर बताया कि वह ठगी की रकम को अदालत में जमा कराने को तैयार है, उसे राहत दी जाए. लेकिन रकम जमा करवाने की जगह वह फरार हो गया. आर्थिक अपराध शाखा की टीम से लगातार उसकी तलाश कर रही थी. एक गुप्त सूचना पर पुलिस टीम ने उसे आखिरकार गिरफ्तार कर लिया.



क्राइम ब्रांच में भी दर्ज है प्रवीण के खिलाफ मामला

गिरफ्तार किया गया प्रवीण कुमार सिंह खुद को नेताओं का करीबी बता कर लोगों को एफसीआई का टेंडर दिलाने के नाम पर उनसे ठगी करता था. वह लोगों को झांसा देता था कि वह उनकी नौकरी लगवा देगा. वास्तव में किसी नेता से उसका परिचय नहीं था. उसके खिलाफ 2012 और 2014 में भी ठगी के मामले क्राइम ब्रांच में दर्ज हैं. इनमें नौकरी लगवाने के नाम पर उसने युवाओं से ठगी की थी.

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