नई दिल्ली: JNU कैंपस में छात्रपति शिवाजी की जयंती वाले दिन हुए हंगामे को लेकर ABVP के छात्रों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जिसमें उन्होंने एक बार फिर से 19 फरवरी की रात को हुई घटना के बारे में पूरी जानकारी दी. इस दौरान छात्रों ने सबूत के तौर पर कुछ फोटो दिखाएं और कहा कि जिस जगह पर छात्रपति शिवाजी की फोटो लगाई गई थी, उस समय वहां से किसी की फोटो नहीं हटाई गई थी. एबीवीपी के छात्रों ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह इस घटना के बाद लेफ्ट समर्थक छात्रों के समर्थन में बातें बोल रहे हैं, जो सही नहीं है.
JNU कैंपस में हुआ था दो गुटों में झड़प: एबीवीपी के छात्रों ने कहा कि हमारी सोच अखंड भारत की है, जबकि एमके स्टालीन इन लेफ्ट यूनिटी का साथ देकर भारत विरोधी बातें बोल रहे हैं. 19 फरवरी को हुए सारे घटनाक्रम को लेकर छात्रों ने बताया कि छात्र यूनियन के ऑफिस में लिखित में कार्यक्रम सिर्फ एबीवीपी के छात्रों का था, दूसरा किसी भी छात्र का नहीं था. उस दिन कहा गया था कि रात 9 बजे से लेफ्ट यूनिटी द्वारा फिल्म की स्क्रीन रखी गई थी, उसका रिकॉर्ड भी छात्रों ने दिखाया.
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ABVP छात्रों ने प्रशासन से मांग की है कि 19 फरवरी की घटना के मद्देनजर सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही साथ जिस छात्र संघ के कार्यालय में छात्रपति शिवाजी महाराज की फोटो का अपमान हुआ है. उस कार्यालय का नाम बदलकर छात्रपति शिवाजी के नाम से रखा जाए. वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालीन ने ट्वीट कर विरोध दर्ज किया था.
गौरतलब हैं कि 19 फरवरी को यूनियन ऑफिस में एबीवीपी द्वारा शिवाजी की जयंती मनाई गई थी. कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब एबीवीपी के छात्र चले गए, उसके बाद लेफ्ट समर्थक छात्रों ने शिवाजी की फोटो को नीचे फेंक दिया और उनका अपमान किया था, जिसके बाद दोनों गुटों में झड़प हुई थी.
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