नई दिल्ली: दिल्ली के कथित शराब घोटाले के मनी लॉड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद AAP सांसद संजय सिंह ने देशवासियों के नाम पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलने के साथ-साथ पार्टी और कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने की कोशिश की है. पत्र की शुरुआत जय हिंद साथियों से की गई. आगे लिखा कि जेल की सलाखों के पीछे कई दिन बीत चुके हैं. हर दिन के साथ निरंकुश सत्ता से लड़ने की इच्छा शक्ति और मजबूत हो रही है.
उन्होंने लिखा है कि इन दिनों का सदुपयोग मैंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया की जाति प्रथा और नेल्सन मंडेला की जीवनी पढ़ने से की है. इन महापुरुषों का संघर्ष और राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण को पढ़कर लगा कि हर दौर में जुर्म और तानाशाही के खिलाफ लड़ने वाले लोगों को हुकूमत का शिकार बनाया. विरोध और जन आक्रोश भी उतना ही तीव्र होता है.
पत्र के अगले हिस्से में उन्होंने नेल्सन मंडेला के संघर्ष का जिक्र किया है कि कैसे उन्होंने 27 साल तक जेल में रहकर राष्ट्र के लिए संघर्ष किया और उनको नेशनल शांति पुरस्कार भारत रत्न सहित 695 अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले. साथ ही बापू के संघर्ष का भी जिक्र किया गया है. पत्र के अगले हिस्से में उन्होंने आम आदमी पार्टी का जिक्र किया और लिखा है कि आंदोलन की कोख से जन्मी इस पार्टी ने भारतीय राजनीति में एक उम्मीद जगा दी एक भरोसा पैदा किया देश को नई दिशा देने का एक अनोखा प्रयास किया.
डर से फर्जी मुकदमे करवा रही बीजेपी: पत्र में लिखा है कि मैं हर लड़ाई लड़ने को तैयार हूं, आप भी तानाशाही के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कीजिए. अरविंद केजरीवाल की अगुवाई और उनके कुशल नेतृत्व में मात्र 10 वर्ष में ही आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बन गई. तीन बार दिल्ली में AAP की सरकार बनी. आजादी के बाद देशभर में तमाम सरकारें बनी, लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जैसा काम केजरीवाल सरकार ने किया वह देश और दुनिया में किसी ने नहीं किया और एक उदाहरण बन गया.
AAP का काम करना ही मोदी सरकार की आंखों की किरकिरी बन गया. बीजेपी को लगा कि अगर देश की जनता शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी पर वोट देने लगी तो हमारा क्या होगा. आम आदमी पार्टी ना तो जातिवाद फैलती है और ना ही धर्म के नाम पर समाज को बांटने का काम करती है. आम आदमी पार्टी मोदी और बीजेपी के लिए बड़ी कठिनाई बन गई. इसी वजह से इन्होंने दमन का रास्ता अपनाया, क्योंकि जिस पार्टी को चुनाव में ना ही हरा सकते और नहीं डरा सकते तो ऐसे में बस एक ही उपाय रह जाता है कि दमन करके उन्हें दबाया जाए.
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फर्जी मुकदमे से दबाने की कोशिश: आगे लिखा है कि इसी वजह से अरविंद केजरीवाल के दफ्तर पर सीबीआई का छापा पड़ा. शिक्षा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सहित 49 से अधिक विधायकों पर फर्जी मुकदमे डलवाए गए. शुंगलू कमेटी बनाकर 400 फाइलों की जांच कराई गई. स्कूल के कमरे निर्माण करने के नाम पर घोटाले का झूठा आरोप लगाया गया और डेढ़ साल से तथाकथित शराब घोटाले की जांच ईडी सीबीआई से कराई जा रही है.
उन्होंने लिखा कि मोदी की तानाशाही के खिलाफ अरविंद केजरीवाल और पार्टी के तमाम नेता चट्टान की तरह खड़े हैं. पहले भी आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं पर लगे सारे आरोप झूठे साबित हुए हैं आगे भी यह आरोप झूठे ही साबित होंगे.
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