ETV Bharat / state

Sanjay attack on Govt: महंगी बिजली का कारण संसाधन की कमी नहीं, अडानी का खुल्लम-खुल्ला घोटाला हैः संजय सिंह

author img

By

Published : Mar 18, 2023, 11:00 PM IST

आप नेता संजय सिंह ने इन दिनों बिजनेसमैन गौतम अडानी के कथित भ्रष्टचार की पोल खोल रहे हैं. इसी सीरीज में शनिवार को उन्होंने महंगी बिजली के पीछे की कहानी बयां की. उन्होंने कहा कि देश में महंगी बिजली का कारण संसाधन की कमी नहीं बल्कि अडानी का घोटाला है. इन सबके बावजूद देश के प्रधानमंत्री चुपचाप बैठे हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
आप सांसद संजय सिंह

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक बार फिर मोदी अडानी घोटाले पर एक नया खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि जैसा की मैंने पहले कहा था, अभी पिक्चर बाकी है. आज नया खुलासा करूंगा. उन्होंने कहा कि देश में महंगी बिजली का कारण संसाधनों की कमी नहीं है बल्कि अडानी का खुल्लम-खुल्ला घोटाला है. अडानी ने यह घोटाला अपनी छह कंपनियों के जरिए राजस्थान और महाराष्ट्र में किया है. इसकी जांच भी चल रही थी, लेकिन केंद्र में सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीआरआई की जांच बंद करा दी. अडानी ने 95 करोड़ के डिस्क इंसुलेटर को 575 करोड़ में, 21 करोड़ के ऑप्टीकल फाइबर को 236 करोड़ में और 2700 के टर्बाइन जेनेरेटर को 5000 करोड़ में खरीदा.

उन्होंने कहा कि कस्टम डिपार्टमेंट ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यह सारा भ्रष्टाचार का खेल है. इसकी सुनवाई जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच पर होनी है. अडानी लागातार भ्रष्टाचार कर रहा है और देश के प्रधानमंत्री आंखे मूंदे बैठे हैं. अगर प्रधानमंत्री में जरा भी नैतिकता बची है, तो अडानी के घोटाले पर जवाब दें और अडानी के खिलाफ कार्रवाई करें. संजय सिंह ने कहा कि अडानी का यह भ्रष्टाचार इतना बड़ा है कि दिल्ली के लोगों को 3 साल तक मुफ्त बिजली दी जा सकती है और भारत का 3 साल का खेल बजट चलाया जा सकता है. हमें उम्मीद है कि सीबीआई, ईडी, डीआरआई, सेबी अडानी पर छापेमारी करेगी और भ्रष्टाचार की जांच करेगी, लेकिन जब मोदी जी का संरक्षण है तो जांच कौन करेगा.

संजय ने अडानी के भाई का नाम भी उठायाः संजय सिंह ने कहा कि बिजली के उत्पादन के लिए कुछ उपकरण और मशीनें साउथ कोरिया और चीन से खरीदी गईं. हर व्यक्ति को यह मालूम है कि जो सामान चीन से सस्ते में मिल सकता है, अडानी ने उसके लिए ऑर्डर मॉरीशस, दुबई और अपने भाई विनोद अड़ानी की फर्जी कंपनी में दिया. जिस मशीन की कीमत 95 करोड़ रूपए हैं, उसे अपने ही भाई विनोद अड़ानी की कंपनी से 575 करोड़ रुपए में खरीदा गया. ऑप्टिकल फाइबर नामक उपकरण का वास्तविक दाम 21 करोड़ रुपए हैं, लेकिन महंगी बिजली बेचकर लूट और फर्जी मुनाफा कमाने के लिए उसे 236 करोड़ रुपए में खरीदा गया. 2700 करोड़ रुपए की वास्तविक कीमत वाले टर्बाइन जनरेटर को 5 हजार करोड़ रुपए में खरीदा गया. जबकि यह सामान 2700 करोड़ का ही है और चीन को ऑर्डर देकर भारत में अड़ानी की कंपनी में उतरता है.

घोटाला यह है कि ऑर्डर मॉरीशस को दिया गयाः मॉरिशस ने कहा कि 2700 करोड़ रुपए का सामान 5 हजार करोड़ रुपए में मिलेगा. कई सामानों का बेहद ज्यादा दामों पर बिल बनाया गया. बिजली के उत्पादन के लिए खरीदी गई महंगी मशीनों का भुगतान महाराष्ट्र सरकार से लिया गया यह भुगतान करीब 10 हजार करोड़ रुपए है. संजय सिंह ने कहा कि 2014 में डीआरआई की ओर से नोटिस जारी किया गया, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि कैसे अडानी ने महंगे दामों पर अपने ही भाई की कंपनी से बिजली उत्पादन के लिए मशीनें खरीदी और वो फर्जी कंपनियां मॉरीशस और दुबई की थी. साल 2014 में डीआरआई ने अडानी की 6 कंपनियों को नोटिस जारी कर जांच शुरू की, जिसमें पीएमसी प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड, अडानी पावर राजस्थान लिमिटेड, अड़ानी पावर महाराष्ट्र, अडानी इंटरप्राइजेज, अडानी हजीरा पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, अडानी रिनिवल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड शामिल है.

उन्होंने बताया कि डीआरआई ने बताया कि महाराष्ट्र में आने वाले इस सामान की फर्जी बिलिंग दुबई और मॉरीशस से की गई. फर्जी बिलिंग करने वाला अडानी का भाई विनोद अडानी था. उसकी फर्जी कंपनियों से बिलिंग करके यह घोटाला किया गया. डीआरआई ने जांच में गंभीर आरोप लगाए है कि कैसे अडानी ने फ्रॉड किया. उन्होंने कहा कि 2014 में अडानी के जहाज में घूमने वाले नरेंद्र मोदी की सरकार बन जाती है. 2017 में डीआरआई द्वारा जांच बंद कर दी जाती है. इस भ्रष्टाचार पर सीबीआई भी जांच शुरू करती है, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं करती. इस खुले भ्रष्टाचार पर सीबीआई कोई कार्रवाई नहीं करती. जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुद संरक्षण मिल रहा है तो कार्रवाई कैसे होगी.

ये भी पढ़ेंः Naatu Naatu Song: पुरानी दिल्ली में नाटू-नाटू की धुन पर थिरकते नजर आए जर्मन राजदूत

विपक्ष पर हो रही है कार्रवाईः संजय ने कहा कि बीजेपी विपक्ष के सभी लोगों पर कार्रवाई कर रही है. उनकी जांच एजेंसी ने अडानी पर 2014 में जांच शुरू कर गंभीर तथ्य सामने रखे, लेकिन पिछले 8-9 वर्षों में अडानी और उनकी फर्जी कंपनियों के खिलाफ एक भी कार्रवाई नहीं की गई. इसलिए जस्टिस कृष्ण मुरार के बेंच पर इस घोटाले के तथ्य निश्चित रूप से रखे जाएंगे और उसपर आगे कार्रवाई होगी. मेरा सवाल है कि अपने एक दोस्त को बचाने के लिए भारत माता की संपत्तियों को क्यों लूटा जा रहा है? भारत की जनता को क्यों लूटा जा रहा है? इस देश के लोगों को महंगी बिजली मिल रही है.

ये भी पढ़ेंः नोएडाः युवक ने इंस्टाग्राम पर फांसी की फोटो पोस्ट कर लिखा- वह आज खत्म हो जाएगा, पुलिस ने बचाई जान

आप सांसद संजय सिंह

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक बार फिर मोदी अडानी घोटाले पर एक नया खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि जैसा की मैंने पहले कहा था, अभी पिक्चर बाकी है. आज नया खुलासा करूंगा. उन्होंने कहा कि देश में महंगी बिजली का कारण संसाधनों की कमी नहीं है बल्कि अडानी का खुल्लम-खुल्ला घोटाला है. अडानी ने यह घोटाला अपनी छह कंपनियों के जरिए राजस्थान और महाराष्ट्र में किया है. इसकी जांच भी चल रही थी, लेकिन केंद्र में सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीआरआई की जांच बंद करा दी. अडानी ने 95 करोड़ के डिस्क इंसुलेटर को 575 करोड़ में, 21 करोड़ के ऑप्टीकल फाइबर को 236 करोड़ में और 2700 के टर्बाइन जेनेरेटर को 5000 करोड़ में खरीदा.

उन्होंने कहा कि कस्टम डिपार्टमेंट ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यह सारा भ्रष्टाचार का खेल है. इसकी सुनवाई जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच पर होनी है. अडानी लागातार भ्रष्टाचार कर रहा है और देश के प्रधानमंत्री आंखे मूंदे बैठे हैं. अगर प्रधानमंत्री में जरा भी नैतिकता बची है, तो अडानी के घोटाले पर जवाब दें और अडानी के खिलाफ कार्रवाई करें. संजय सिंह ने कहा कि अडानी का यह भ्रष्टाचार इतना बड़ा है कि दिल्ली के लोगों को 3 साल तक मुफ्त बिजली दी जा सकती है और भारत का 3 साल का खेल बजट चलाया जा सकता है. हमें उम्मीद है कि सीबीआई, ईडी, डीआरआई, सेबी अडानी पर छापेमारी करेगी और भ्रष्टाचार की जांच करेगी, लेकिन जब मोदी जी का संरक्षण है तो जांच कौन करेगा.

संजय ने अडानी के भाई का नाम भी उठायाः संजय सिंह ने कहा कि बिजली के उत्पादन के लिए कुछ उपकरण और मशीनें साउथ कोरिया और चीन से खरीदी गईं. हर व्यक्ति को यह मालूम है कि जो सामान चीन से सस्ते में मिल सकता है, अडानी ने उसके लिए ऑर्डर मॉरीशस, दुबई और अपने भाई विनोद अड़ानी की फर्जी कंपनी में दिया. जिस मशीन की कीमत 95 करोड़ रूपए हैं, उसे अपने ही भाई विनोद अड़ानी की कंपनी से 575 करोड़ रुपए में खरीदा गया. ऑप्टिकल फाइबर नामक उपकरण का वास्तविक दाम 21 करोड़ रुपए हैं, लेकिन महंगी बिजली बेचकर लूट और फर्जी मुनाफा कमाने के लिए उसे 236 करोड़ रुपए में खरीदा गया. 2700 करोड़ रुपए की वास्तविक कीमत वाले टर्बाइन जनरेटर को 5 हजार करोड़ रुपए में खरीदा गया. जबकि यह सामान 2700 करोड़ का ही है और चीन को ऑर्डर देकर भारत में अड़ानी की कंपनी में उतरता है.

घोटाला यह है कि ऑर्डर मॉरीशस को दिया गयाः मॉरिशस ने कहा कि 2700 करोड़ रुपए का सामान 5 हजार करोड़ रुपए में मिलेगा. कई सामानों का बेहद ज्यादा दामों पर बिल बनाया गया. बिजली के उत्पादन के लिए खरीदी गई महंगी मशीनों का भुगतान महाराष्ट्र सरकार से लिया गया यह भुगतान करीब 10 हजार करोड़ रुपए है. संजय सिंह ने कहा कि 2014 में डीआरआई की ओर से नोटिस जारी किया गया, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि कैसे अडानी ने महंगे दामों पर अपने ही भाई की कंपनी से बिजली उत्पादन के लिए मशीनें खरीदी और वो फर्जी कंपनियां मॉरीशस और दुबई की थी. साल 2014 में डीआरआई ने अडानी की 6 कंपनियों को नोटिस जारी कर जांच शुरू की, जिसमें पीएमसी प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड, अडानी पावर राजस्थान लिमिटेड, अड़ानी पावर महाराष्ट्र, अडानी इंटरप्राइजेज, अडानी हजीरा पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, अडानी रिनिवल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड शामिल है.

उन्होंने बताया कि डीआरआई ने बताया कि महाराष्ट्र में आने वाले इस सामान की फर्जी बिलिंग दुबई और मॉरीशस से की गई. फर्जी बिलिंग करने वाला अडानी का भाई विनोद अडानी था. उसकी फर्जी कंपनियों से बिलिंग करके यह घोटाला किया गया. डीआरआई ने जांच में गंभीर आरोप लगाए है कि कैसे अडानी ने फ्रॉड किया. उन्होंने कहा कि 2014 में अडानी के जहाज में घूमने वाले नरेंद्र मोदी की सरकार बन जाती है. 2017 में डीआरआई द्वारा जांच बंद कर दी जाती है. इस भ्रष्टाचार पर सीबीआई भी जांच शुरू करती है, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं करती. इस खुले भ्रष्टाचार पर सीबीआई कोई कार्रवाई नहीं करती. जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खुद संरक्षण मिल रहा है तो कार्रवाई कैसे होगी.

ये भी पढ़ेंः Naatu Naatu Song: पुरानी दिल्ली में नाटू-नाटू की धुन पर थिरकते नजर आए जर्मन राजदूत

विपक्ष पर हो रही है कार्रवाईः संजय ने कहा कि बीजेपी विपक्ष के सभी लोगों पर कार्रवाई कर रही है. उनकी जांच एजेंसी ने अडानी पर 2014 में जांच शुरू कर गंभीर तथ्य सामने रखे, लेकिन पिछले 8-9 वर्षों में अडानी और उनकी फर्जी कंपनियों के खिलाफ एक भी कार्रवाई नहीं की गई. इसलिए जस्टिस कृष्ण मुरार के बेंच पर इस घोटाले के तथ्य निश्चित रूप से रखे जाएंगे और उसपर आगे कार्रवाई होगी. मेरा सवाल है कि अपने एक दोस्त को बचाने के लिए भारत माता की संपत्तियों को क्यों लूटा जा रहा है? भारत की जनता को क्यों लूटा जा रहा है? इस देश के लोगों को महंगी बिजली मिल रही है.

ये भी पढ़ेंः नोएडाः युवक ने इंस्टाग्राम पर फांसी की फोटो पोस्ट कर लिखा- वह आज खत्म हो जाएगा, पुलिस ने बचाई जान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.