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Opposition Unity: Team INDIA बनने के बाद AAP अलर्ट, कांग्रेस के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट न करने का निर्देश - No against posts in social media

विपक्षी दलों की बैठक के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने नेताओं को निर्देश दिया है कि कांग्रेस के खिलाफ अब किसी तरह की बयानबाजी नहीं होनी चाहिए या सोशल मीडिया में विरोध वाले पोस्ट नहीं होने चाहिए. वहीं, दिल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ता थोड़े असमंजस में हैं. हालांकि उनका कहना है कि जब विधानसभा चुनाव होंगे तब देखा जाएगा.

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Published : Jul 19, 2023, 3:06 PM IST

Updated : Jul 19, 2023, 3:44 PM IST

नई दिल्ली: बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद आम आदमी पार्टी ने अपनी सोशल मीडिया टीम से कांग्रेस के खिलाफ कोई भी ट्वीट न करने और संयमित रुख अपनाने को कहा है. हालांकि विपक्षी दल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जिस तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बेंगलुरु में अपना संबोधन दिया और कांग्रेस ने केजरीवाल के भाषण को सोशल मीडिया पर ट्वीट किया. प्रदेश कांग्रेस के नेता इसको लेकर असमंजस में है.

असमंजस में प्रदेश कांग्रेसः विपक्षी दलों के गठबंधन में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भले ही साथ-साथ हैं, लेकिन प्रदेश स्तर पर कांग्रेस के नेताओं को यह बात पसंद नहीं आ रही है. दिल्ली में कांग्रेस नेताओं का मानना है कि उनकी लड़ाई आम आदमी पार्टी से ही है. इसकी वजह से कांग्रेस सत्ता से दूर है. नेताओं का कहना है कि जिस आम आदमी पार्टी की वजह से कांग्रेस दिल्ली की राजनीति में हाशिए पर पहुंच चुकी है, आज हालात ऐसे बन रहे हैं कि उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में उसी का सहयोग करना होगा. उनके खिलाफ न बयानबाजी कर पाएंगे और ना चुनाव प्रचार कर पाएंगे. जबकि अभी तक कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे के धुर विरोधी रही है.

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जब विधानसभा चुनाव आएगा तब देखा जाएगाः प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी कहते हैं कि राजनीति में कुछ भी संभव है, इसीलिए हमेशा नए रास्ते की तलाश होती है. जिधर रास्ता बनता है उधर आगे बढ़ जाते हैं. केंद्रीय आलाकमान से जो भी दिशा निर्देश प्राप्त होगा उसका पार्टी पालन करेगी. कांग्रेस के प्रवक्ता अलका लांबा का कहना है कि दिल्ली और पंजाब को लेकर हमें साथ बैठना होगा, सहमति बनानी होगी. लेकिन अभी बड़ा सवाल मोदी को हटाना है. जब भी देश की बात आती है तो छोटी-छोटी असहमति को कुछ समय के लिए भूलना पड़ता है. जब विधानसभा चुनाव आएगा तब देखा जाएगा.

इधर, आम आदमी पार्टी का कहना है कि पटना में विपक्षी दलों की हुई बैठक के बाद अध्यादेश को लेकर कांग्रेस द्वारा कोई स्टैंड क्लियर नहीं किए जाने से आम आदमी पार्टी के नेताओं ने सोशल मीडिया पर जिस तरह की प्रतिक्रिया दी थी. इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने एतराज जताया. बेंगलुरु में दूसरी मीटिंग में यह बात जब सामने आई, तब आम आदमी पार्टी ने अपनी टीम को कांग्रेस पर बयानबाजी से दूर रहने के निर्देश दिए हैं.

आम आदमी पार्टी की पंजाब और दिल्ली इकाई द्वारा सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पर नरम रुख अपनाने को लेकर संभावना जताई जा रही थी. क्योंकि दोनों राज्यों में दोनों के वोट बैंक एक माने जाते हैं. आम आदमी पार्टी ने पंजाब में कांग्रेस पार्टी को हराया और दिल्ली में उसका सफाया कर दिया. इसे सीधे तौर पर नहीं लेने से राज्य इकाइयों में समस्या पैदा हो सकती है. खासकर यह देखते हुए कि जब भी कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ता है तो आम आदमी पार्टी को ही नुकसान होता है. इस बीच कांग्रेस की दिल्ली इकाई को पार्टी के साथ तालमेल बैठाने में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

बता दें, विपक्षी दल की बैठक के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के संबोधन का कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर शेयर किया तथा अरविंद केजरीवाल के संबोधन को भी ट्विटर पर शेयर किया है. हालांकि आम आदमी पार्टी ने सिर्फ अपने नेता अरविंद केजरीवाल की तस्वीरें और उनके संबोधन को ही शेयर किया है.

मंगलवार को विपक्षी दलों की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते अरविंद केजरीवाल.
मंगलवार को विपक्षी दलों की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते अरविंद केजरीवाल.

ये भी पढे़ंः Watch Video : एनडीए मीटिंग में पीएम मोदी बोले- जो भी गठबंधन 'नकारात्मकता' के साथ बने वह कभी सफल नहीं हो पाए

कांग्रेस के खिलाफ अब बयानबाजी नहींः विपक्षी दलों की बैठक के बाद आम आदमी पार्टी ने अपने नेताओं को निर्देश दिया है कि कांग्रेस के खिलाफ अब किसी तरह की बयानबाजी नहीं होनी चाहिए या सोशल मीडिया में विरोध वाले पोस्ट नहीं होने चाहिए. इस पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि ऐसा निश्चित तौर पर होना चाहिए. कांग्रेस पार्टी ने केंद्र के अध्यादेश का विरोध करने काफैसला किया है. हम उसका स्वागत करते हैं. मुझे लगता गई कि यह बताने की जरूरत नहीं है. बयानबाजी नहीं होनी चाहिए.

ये भी पढ़ेंः विपक्षी दलों की बैठक में सोनिया-राहुल-खड़गे की तिकड़ी ने बनाई 2024 की रणनीति

नई दिल्ली: बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद आम आदमी पार्टी ने अपनी सोशल मीडिया टीम से कांग्रेस के खिलाफ कोई भी ट्वीट न करने और संयमित रुख अपनाने को कहा है. हालांकि विपक्षी दल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जिस तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बेंगलुरु में अपना संबोधन दिया और कांग्रेस ने केजरीवाल के भाषण को सोशल मीडिया पर ट्वीट किया. प्रदेश कांग्रेस के नेता इसको लेकर असमंजस में है.

असमंजस में प्रदेश कांग्रेसः विपक्षी दलों के गठबंधन में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भले ही साथ-साथ हैं, लेकिन प्रदेश स्तर पर कांग्रेस के नेताओं को यह बात पसंद नहीं आ रही है. दिल्ली में कांग्रेस नेताओं का मानना है कि उनकी लड़ाई आम आदमी पार्टी से ही है. इसकी वजह से कांग्रेस सत्ता से दूर है. नेताओं का कहना है कि जिस आम आदमी पार्टी की वजह से कांग्रेस दिल्ली की राजनीति में हाशिए पर पहुंच चुकी है, आज हालात ऐसे बन रहे हैं कि उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में उसी का सहयोग करना होगा. उनके खिलाफ न बयानबाजी कर पाएंगे और ना चुनाव प्रचार कर पाएंगे. जबकि अभी तक कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे के धुर विरोधी रही है.

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जब विधानसभा चुनाव आएगा तब देखा जाएगाः प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी कहते हैं कि राजनीति में कुछ भी संभव है, इसीलिए हमेशा नए रास्ते की तलाश होती है. जिधर रास्ता बनता है उधर आगे बढ़ जाते हैं. केंद्रीय आलाकमान से जो भी दिशा निर्देश प्राप्त होगा उसका पार्टी पालन करेगी. कांग्रेस के प्रवक्ता अलका लांबा का कहना है कि दिल्ली और पंजाब को लेकर हमें साथ बैठना होगा, सहमति बनानी होगी. लेकिन अभी बड़ा सवाल मोदी को हटाना है. जब भी देश की बात आती है तो छोटी-छोटी असहमति को कुछ समय के लिए भूलना पड़ता है. जब विधानसभा चुनाव आएगा तब देखा जाएगा.

इधर, आम आदमी पार्टी का कहना है कि पटना में विपक्षी दलों की हुई बैठक के बाद अध्यादेश को लेकर कांग्रेस द्वारा कोई स्टैंड क्लियर नहीं किए जाने से आम आदमी पार्टी के नेताओं ने सोशल मीडिया पर जिस तरह की प्रतिक्रिया दी थी. इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने एतराज जताया. बेंगलुरु में दूसरी मीटिंग में यह बात जब सामने आई, तब आम आदमी पार्टी ने अपनी टीम को कांग्रेस पर बयानबाजी से दूर रहने के निर्देश दिए हैं.

आम आदमी पार्टी की पंजाब और दिल्ली इकाई द्वारा सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पर नरम रुख अपनाने को लेकर संभावना जताई जा रही थी. क्योंकि दोनों राज्यों में दोनों के वोट बैंक एक माने जाते हैं. आम आदमी पार्टी ने पंजाब में कांग्रेस पार्टी को हराया और दिल्ली में उसका सफाया कर दिया. इसे सीधे तौर पर नहीं लेने से राज्य इकाइयों में समस्या पैदा हो सकती है. खासकर यह देखते हुए कि जब भी कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ता है तो आम आदमी पार्टी को ही नुकसान होता है. इस बीच कांग्रेस की दिल्ली इकाई को पार्टी के साथ तालमेल बैठाने में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

बता दें, विपक्षी दल की बैठक के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के संबोधन का कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर शेयर किया तथा अरविंद केजरीवाल के संबोधन को भी ट्विटर पर शेयर किया है. हालांकि आम आदमी पार्टी ने सिर्फ अपने नेता अरविंद केजरीवाल की तस्वीरें और उनके संबोधन को ही शेयर किया है.

मंगलवार को विपक्षी दलों की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते अरविंद केजरीवाल.
मंगलवार को विपक्षी दलों की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते अरविंद केजरीवाल.

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कांग्रेस के खिलाफ अब बयानबाजी नहींः विपक्षी दलों की बैठक के बाद आम आदमी पार्टी ने अपने नेताओं को निर्देश दिया है कि कांग्रेस के खिलाफ अब किसी तरह की बयानबाजी नहीं होनी चाहिए या सोशल मीडिया में विरोध वाले पोस्ट नहीं होने चाहिए. इस पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि ऐसा निश्चित तौर पर होना चाहिए. कांग्रेस पार्टी ने केंद्र के अध्यादेश का विरोध करने काफैसला किया है. हम उसका स्वागत करते हैं. मुझे लगता गई कि यह बताने की जरूरत नहीं है. बयानबाजी नहीं होनी चाहिए.

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Last Updated : Jul 19, 2023, 3:44 PM IST

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