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2G स्पेक्ट्रम केस: ए राजा और बाकी आरोपियों ने जल्द सुनवाई की अपील का किया विरोध - 2G spectrum case High Court

2G स्पेक्ट्रम केस में जल्द सुनवाई की मांग को लेकर सीबीआई और ईडी की तरफ से दाखिल याचिका का पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा समेत अन्य आरोपियों ने विरोध किया है. सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी की ओर से कहा गया था कि जल्द सुनवाई की मांग के पीछे जनहित है.

2G spectrum case update
2G स्पेक्ट्रम केस अपडेट
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Published : Sep 22, 2020, 5:16 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने 2G स्पेक्ट्रम केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और दूसरे आरोपियों को ट्रायल कोर्ट से बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई और ईडी की जल्द सुनवाई करने के लिए दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस बृजेश सेठी की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा.

सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी की ओर से कहा गया था कि जल्द सुनवाई की मांग के पीछे जनहित है.

वहीं दूसरी तरफ ए राजा समेत दूसरे आरोपियों ने कहा था-

जल्द सुनवाई की मांग का कोई औचित्य नहीं है. हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश के मुताबिक कोरोना के संकट के दौरान बरी किए जाने के फैसले पर सुनवाई करने में कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए.

10 सितंबर को जारी किया था नोटिस

31 अगस्त को जब ये मामला जस्टिस बृजेश सेठी के पास सुनवाई के लिए आया था, तो उन्होंने ईडी और सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो सभी आरोपियों को याचिका की प्रति उपलब्ध कराएं. इसके पहले 14 अगस्त को सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एएसजी संजय जैन ने कहा था कि इस मामले पर सुनवाई करने वाले जस्टिस बृजेश सेठी सितंबर में रिटायर हो रहे हैं.

ईडी ने कहा था कि इस मामले में सीबीआई की ओर से दलीलें पूरी हो गई हैं, लेकिन कोरोना संकट की वजह से आरोपियों की दलीलें पूरी नहीं हो पाई हैं. आरोपियों की दलीलें पूरी होने के बाद सीबीआई और ईडी को भी अपनी अतिरिक्त दलीलें पेश करने के लिए समय चाहिए.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने 2G स्पेक्ट्रम केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और दूसरे आरोपियों को ट्रायल कोर्ट से बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई और ईडी की जल्द सुनवाई करने के लिए दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस बृजेश सेठी की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा.

सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी की ओर से कहा गया था कि जल्द सुनवाई की मांग के पीछे जनहित है.

वहीं दूसरी तरफ ए राजा समेत दूसरे आरोपियों ने कहा था-

जल्द सुनवाई की मांग का कोई औचित्य नहीं है. हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश के मुताबिक कोरोना के संकट के दौरान बरी किए जाने के फैसले पर सुनवाई करने में कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए.

10 सितंबर को जारी किया था नोटिस

31 अगस्त को जब ये मामला जस्टिस बृजेश सेठी के पास सुनवाई के लिए आया था, तो उन्होंने ईडी और सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो सभी आरोपियों को याचिका की प्रति उपलब्ध कराएं. इसके पहले 14 अगस्त को सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एएसजी संजय जैन ने कहा था कि इस मामले पर सुनवाई करने वाले जस्टिस बृजेश सेठी सितंबर में रिटायर हो रहे हैं.

ईडी ने कहा था कि इस मामले में सीबीआई की ओर से दलीलें पूरी हो गई हैं, लेकिन कोरोना संकट की वजह से आरोपियों की दलीलें पूरी नहीं हो पाई हैं. आरोपियों की दलीलें पूरी होने के बाद सीबीआई और ईडी को भी अपनी अतिरिक्त दलीलें पेश करने के लिए समय चाहिए.

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