नई दिल्ली: राजधानी में प्रत्येक वर्ष आगजनी की घटनाएं बढ़ रही हैं. खासतौर से गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ने लग जाती हैं. इनसे निपटने के लिए 64 दमकल केंद्र दिल्ली में बने हुए हैं. लेकिन लोगों की सुविधा के लिए जल्द इनकी संख्या को बढ़ाकर 72 किया जाएगा. इसके लिए आठ नए दमकल केंद्र बनाने का प्रस्ताव है.
जानकारी के अनुसार राजधानी में औसतन 30 हजार से ज्यादा आग लगने की कॉल प्रत्येक वर्ष दमकल विभाग को मिलती हैं. सर्दियों में जहां औसतन 40 से 50 कॉल रोजाना दमकल को मिलती हैं तो वहीं गर्मियों में 100 से 150 जगह आग लगने की कॉल रोज दमकल विभाग को मिलती है. दमकल निदेशक अतुल गर्ग का दावा है कि आग की घटनाओं से निपटने के लिए दमकल पूरी तरह से सक्षम है. लेकिन इसे आने वाले समय के लिए तैयार करना होगा. इसके लिए जहां अत्याधुनिक उपकरण खरीदे जा रहे हैं तो वहीं नए दमकल केंद्र भी खोले जाएंगे.
यहां बनाये जाएंगे आठ दमकल केंद्र
दमकल विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आठ नए दमकल केंद्र बनाने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है. यह दमकल केंद्र आनंद पर्वत, द्वारका सेक्टर-3, द्वारका सेक्टर-20, संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर, रोहिणी सेक्टर-3, महिपालपुर, आईएफसी गाजीपुर और आईएफसी नरेला में बनेंगे.
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इनमें से आईएफसी नरेला और आईएफसी गाजीपुर में डीडीए द्वारा दमकल को जमीन अलॉट हो चुकी है. इसकी कीमत भी चुकाई जा चुकी है और जल्द ही यह जमीन दमकल को मिल जाएगी. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने बुढ़नपुर गांव में ग्राम सभा की 14.5 एकड़ जमीन दमकल प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए दी है. दमकल अधिकारियों का मानना है कि नए दमकल केंद्र खुलने से उनके आसपास के क्षेत्र में गाड़ियों के पहुंचने का समय कम हो जाएगा और लोगों में सुरक्षा की भावना भी बढ़ेगी.
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