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7% जीडीपी की उम्मीद भारत के मजबूत विकास की तरफ कदम : आर्थिक सर्वेक्षण पर CAIT

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि भारत की कोविड महामारी से रिकवरी प्रशंसनीय है. जिसने घरेलू मांग और पूंजीगत व्यय में वृद्धि से अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि करने में सहायता दी है, जो अन्य देशों की तुलना में बहुत अच्छी है. आज दुनिया भर में आर्थिक विकास की धीमी गति ने निश्चित रूप से वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में भारत के निर्यात को प्रभावित किया है.

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के पदाधिकारी
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के पदाधिकारी
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Published : Jan 31, 2023, 5:14 PM IST

नई दिल्ली: 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष के मद्देनजर प्रस्तुत किए जाने वाले बजट को लेकर व्यापारी नेता प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट कल के सकारात्मक बजट का संगीत है. आम लोगों के साथ व्यापारी वर्ग को बजट से काफी उम्मीदें हैं. 7% जीडीपी की दर हासिल करना देश के मजबूत विकास की कहानी का दृढ़ संकेत दर्शाता है.


देश के बड़े व्यापारी संगठनों में से एक कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने मंगलवार को पेश किये गए आर्थिक सर्वेक्षण पर अपनी बात रखते हुए प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि 7% जीडीपी की उम्मीद मजबूत बुनियादी सिद्धांतों के आधार पर भारत में एक मजबूत विकास की कहानी का दृढ़ संकेत है. लेकिन चालू खाता घाटे का बढ़ना निश्चित तौर पर चिंता का बड़ा कारण है. उम्मीद है कल पेश होने वाले केंद्रीय बजट में इस घाटे को कम किये जाने के लिए सार्थक एवं उपयुक्त उपाय किए जाएंगे. व्यापारी संगठन कैट ने कहा की आर्थिक सर्वेक्षण से यह लगता है की कल प्रस्तुत होने वाले केंद्रीय बजट में व्यापार एवं उद्योग के लिए अनेक समर्थन नीतियों का समावेश होगा जिससे व्यापारी वर्ग को आर्थिक मंदी के दौर से निकलने में मदद मिलेगी.

यह भी पढ़ें-गाजियाबादः ब्रेजा कार ने स्कूटी सवार को मारी टक्कर, एक युवती को कुछ दूर तक घसीटा, मौत

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि भारत की कोविड महामारी से रिकवरी प्रशंसनीय है. जिसने घरेलू मांग और पूंजीगत व्यय में वृद्धि से अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि करने में सहायता दी है, जो अन्य देशों की तुलना में बहुत अच्छी है. आज दुनिया भर में आर्थिक विकास की धीमी गति ने निश्चित रूप से वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में भारत के निर्यात को प्रभावित किया है.

ऐसे समय में जब अधिकांश देश वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं, यह सराहनीय है कि केंद्र सरकार ने समय समय पर आवश्यक कदम उठाते हुए वित्तीय तरलता को बनाए रखा है. जिसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है. हालांकि सर्वेक्षण में उधार लेने की लागत अधिक रहने का अनुमान है जो व्यापार और उद्योग के लिए चिंता का कारण है. वहीं दूसरी तरफ शहरी रोजगार दर में गिरावट आई है लेकिन कर्मचारी भविष्य निधि पंजीकरण में वृद्धि हुई है जो संतोषजनक है. केंद्र सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय में 63% की वृद्धि ने व्यापार में विकास और बाजार में मुद्रा तरलता को बढ़ाने में मदद की है.

ये भी पढ़ें: Story Of Operation Blue Star : इंदिरा की नजरों के सामने बड़ा होता गया था भिंडरांवाला, वजूद मिटाने को करना पड़ा ऑपरेशन ब्लू स्टार

नई दिल्ली: 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष के मद्देनजर प्रस्तुत किए जाने वाले बजट को लेकर व्यापारी नेता प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट कल के सकारात्मक बजट का संगीत है. आम लोगों के साथ व्यापारी वर्ग को बजट से काफी उम्मीदें हैं. 7% जीडीपी की दर हासिल करना देश के मजबूत विकास की कहानी का दृढ़ संकेत दर्शाता है.


देश के बड़े व्यापारी संगठनों में से एक कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने मंगलवार को पेश किये गए आर्थिक सर्वेक्षण पर अपनी बात रखते हुए प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि 7% जीडीपी की उम्मीद मजबूत बुनियादी सिद्धांतों के आधार पर भारत में एक मजबूत विकास की कहानी का दृढ़ संकेत है. लेकिन चालू खाता घाटे का बढ़ना निश्चित तौर पर चिंता का बड़ा कारण है. उम्मीद है कल पेश होने वाले केंद्रीय बजट में इस घाटे को कम किये जाने के लिए सार्थक एवं उपयुक्त उपाय किए जाएंगे. व्यापारी संगठन कैट ने कहा की आर्थिक सर्वेक्षण से यह लगता है की कल प्रस्तुत होने वाले केंद्रीय बजट में व्यापार एवं उद्योग के लिए अनेक समर्थन नीतियों का समावेश होगा जिससे व्यापारी वर्ग को आर्थिक मंदी के दौर से निकलने में मदद मिलेगी.

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कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि भारत की कोविड महामारी से रिकवरी प्रशंसनीय है. जिसने घरेलू मांग और पूंजीगत व्यय में वृद्धि से अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि करने में सहायता दी है, जो अन्य देशों की तुलना में बहुत अच्छी है. आज दुनिया भर में आर्थिक विकास की धीमी गति ने निश्चित रूप से वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में भारत के निर्यात को प्रभावित किया है.

ऐसे समय में जब अधिकांश देश वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं, यह सराहनीय है कि केंद्र सरकार ने समय समय पर आवश्यक कदम उठाते हुए वित्तीय तरलता को बनाए रखा है. जिसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है. हालांकि सर्वेक्षण में उधार लेने की लागत अधिक रहने का अनुमान है जो व्यापार और उद्योग के लिए चिंता का कारण है. वहीं दूसरी तरफ शहरी रोजगार दर में गिरावट आई है लेकिन कर्मचारी भविष्य निधि पंजीकरण में वृद्धि हुई है जो संतोषजनक है. केंद्र सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय में 63% की वृद्धि ने व्यापार में विकास और बाजार में मुद्रा तरलता को बढ़ाने में मदद की है.

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