नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में सत्र 2019-20 में विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए अब तक 3 कट ऑफ लिस्ट जारी की जा चुकी थी. वहीं बची हुई सीटों पर दाखिले के लिए डीयू ने चौथी कटऑफ लिस्ट भी जारी कर दी है.
वहीं कई कॉलेज ऐसे हैं जिनमें निर्धारित सीटों से अधिक सीटों पर छात्रों का दाखिला हो चुका है. आलम यह है कि कई नामी कॉलेजों में कई पाठ्यक्रमों में सामान्य वर्ग के छात्रों का दाखिला बंद कर दिया गया है.
केवल कुछ पाठ्यक्रम ही ऐसे हैं जिनमें आरक्षित वर्ग के लिए कुछ सीटें खाली बची हैं. ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा परेशानी उन कॉलेजों के लिए हो सकती है जो दो पाली में चलते हैं.
दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए चौथी कटऑफ लिस्ट जारी कर दी गई है. बता दें कि डीयू में दाखिले के लिए निर्धारित करीब 62,500 सीटों में से अबतक 54 हज़ार से अधिक सीटों पर दाखिले हो चुके हैं. जिसके चलते चौथी कटऑफ लिस्ट में नौ हज़ार से भी कम सीटों के लिए ही दाखिल हो सकेंगे. वहीं इस मसले को लेकर पीजीडीएवी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर मुकेश अग्रवाल ने बताया कि कॉलेज में ज्यादातर पाठ्यक्रमों में सीटें फुल हो चुकी हैं.
उन्होंने बताया कि पीजीडीएवी कॉलेज में बीए प्रोग्राम के अलग-अलग कॉम्बिनेशन में दाखिले के लिए 204 सीटें थी. जिस पर अब तक 306 छात्रों का दाखिला हो चुका है. वहीं सबसे ज्यादा छात्र कंप्यूटर साइंस के लिए दाखिल हुए हैं.
जिसके तहत 51 सीटों पर 125 दाखिले लिए गए हैं. वहीं सामान्य वर्ग के छात्रों की बात करें तो पॉलिटिकल साइंस में उनके लिए 31 सीट थी जिस पर 40 से अधिक छात्रों का दाखिला हुआ है. इसके अलावा संस्कृत के लिए 20 सीटों पर 35 छात्र दाखिला ले चुके हैं. जबकि बीए के लिए सामान्य वर्ग की 100 सीटें थी जिस पर 199 छात्र दाखिला ले चुके हैं.
वहीं प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि तीसरी कटऑफ में एक से दो परसेंट तक की गिरावट की गई जिसका लाभ उठाते हुए बड़ी संख्या में छात्रों ने दाखिला लिया.
नतीजतन चौथी कटऑफ लिस्ट में सामान्य वर्ग के लिए कई कोर्ससेज में दाखिला बंद हो चुका है. वहीं सीटों से अधिक हुए दाखिले को लेकर प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि इस तरह की स्थिति कॉलेज के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगी क्योंकि इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षक सीमित हैं.
सबसे ज्यादा परेशानी उन कॉलेजों को होगी जो दो पाली में संचालित होते हैं. सीमित संसाधनों में बड़ी संख्या में छात्रों को शिक्षा देना बेहद चुनौतीपूर्ण रहने वाला है. हालांकि अभी उम्मीद है कि जिन छात्रों ने प्रतियोगी परीक्षाएं दी हैं उनका परीक्षा परिणाम आने के बाद संभव है छात्र अपना दाखिला वापस ले लें या रद्द करवा दें.
ऐसे में कुछ सीटें खाली भी हो सकती हैं और अतिरिक्त छात्रों की संख्या भी कम होने की संभावनाएं हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि लगभग सभी कॉलेजों में यह समस्या आ रही है. इसके तहत कॉलेज प्रशासन यह उम्मीद लगा रहे हैं कि जल्दी ही दिल्ली विश्वविद्यालय की तरफ से इस समस्या के समाधान के लिए कोई ना कोई दिशा-निर्देश आ सकता है. साथ ही अतिरिक्त फंड भी जारी किया जा सकता है.
यह समस्या किसी एक कॉलेज तक सीमित नहीं है बल्कि कई ऐसे कॉलेज हैं. जहां संसाधनों की कमी है और दाखिले दुगने हो चुके हैं. ऐसे में आने वाले समय में विद्यार्थियों को कक्षाओं की कमी से दो चार होना पड़ सकता है.
वहीं कई कॉलेज ऐसे हैं जो सत्र की शुरुआत होने से पहले ही इस मसले का हल निकालने में जुट गए हैं जबकि कुछ कॉलेजों में अभी भी उम्मीद है कि प्रतियोगी परीक्षाओं का परीक्षा परिणाम आने के बाद दाखिले रद्द होंगे जिससे स्थिति सामान्य हो जाएगी.
बता दें कि बची हुई सीटों पर दाखिले के लिए चौथी कटऑफ लिस्ट भी जारी कर दी गई है जिसके तहत 15 से 17 जुलाई तक छात्र दाखिला ले सकेंगे. गौरतलब है कि सामान्य वर्ग के लिए केवल कुछ ही पाठ्यक्रमों में सीमित सीटें बची है जबकि आरक्षित श्रेणी के लिए अभी भी सीटें खाली हैं.