नई दिल्ली: प्रगति मैदान में 42वें इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का आयोजन किया जा रहा है. इस मेले का हॉल नंबर 7 अपने आप में खास है. इसके अंदर आते ही ग्रामीण कुटीर उद्योग की झलक दिखाई देती है. इसको सरस आजीविका मेला का नाम दिया गया है. हॉल में सेल्फ हेल्प ग्रुप की योजना का लाभ उठाने वाली महिलाओं ने अपने सामान को डिस्प्ले किया है.
योजना ने बदला जीवन: सरस आजीविका मेला में अपने सामान का डिस्पले करने वाली महिलाएं कहती हैं कि सेल्फ हेल्प ग्रुप ने उनका जीवन बदल दिया. इसमें ऐसी कई महिलाएं हैं, जिनको लखपति दीदी का नाम दिया गया है. इन महिलाओं ने एक वर्ष में 1 लाख रुपए से ज्यादा का व्यापार किया है. ऐसी ही एक महिला हैं सरोज देवी जो हरियाणा की रहने वाली हैं. उन्होंने जून 2017 में SHG योजना की मदद से खुद का कारोबार शुरू किया.
इससे पहले वह खेतों में काम करके और अपनी भैसों का दूध बेच कर एक महीने में 5000 रुपए ही कमा पाती थी. इस सरस आजीविका मेला में आपको बेहद आकर्षक वस्तुएं देखने को मिलेंगी. सरोज कहतीं है कि इसमें उनके परिवार का भी पूरा सहयोग मिला. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. दिन रात कड़ी मेहनत की और अपने व्यवसाय को खूब बढ़ाया. सरोज मोटे अनाज के खाद्य पदार्थ बनाती हैं. इसमें कई तरह की नमकीन और मिठाइयां भी शामिल है.
ये भी पढ़ें: IITF-2023: 42वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का शुभारंभ, एक लाख तीन हजार वर्गमीटर क्षेत्र में लगा मेला
300 महिला शिल्पकार कर रही प्रदर्शन: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित इस सरस आजीविका मेला 2023 में ग्रामीण भारत की शिल्पकलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है. 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 300 के करीब महिला शिल्प कलाकार, 150 के करीब स्टॉलों पर अपनी-अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन कर रहे हैं.
सरस आजीविका मेला के दौरान देश भर के 27 राज्यों के हजारों उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री होगी. ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा यह एक मुहिम की शुरुआत की गई है, जिससे देश के हस्तशिल्पियों और हस्तकारों को अपना रोजगार शुरू करने का मौका मिल सके.
ये भी पढ़ें: 55 मेट्रो स्टेंशनों पर 14 नवंबर से बिकेगा ट्रेड फेयर का टिकट, जानें किन-किन स्टेशन पर मिलेगा टिकट और क्या रहेगी कीमत