नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि 21वीं सदी डिजिटल तकनीक की सदी है. बदलाव की प्रक्रिया के इस दौर में पुस्तकालयों को भी बदलाव (Libraries also need change) की जरूरत है. प्रो. योगेश सिंह अकादमिक पुस्तकालयों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएएल-2023) के कर्टेन रेजर के शुभारंभ के अवसर पर बोल रहे थे. कार्यक्रम के दौरान कुलपति की ओर से आईसीएएल-2023 के ब्रोशर व वेबसाइट का अनावरण भी किया गया. इस सम्मेलन का आयोजन दिल्ली विश्वविद्यालय लाइब्रेरी सिस्टम की ओर से 5 से 8 अप्रैल, 2023 तक दिल्ली विश्वविद्यालय के कान्फ्रेंस सेंटर में किया जाएगा. सम्मेलन का विषय 'ट्रांसफॉर्मिंग एकेडमिक लाइब्रेरीज: इवोल्यूशन, इनोवेशन, क्वालिटी, ट्रांसफिगरेशन' है.
डिजिटलाइज्ड सेंट्रल लाइब्रेरी बनाने की तैयारी: कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि उच्चतर शिक्षण संस्थाओं में पुस्तकालय बहुत जरूरी अंग हैं. विश्वविद्यालयों की तो पुस्तकालयों के बिना कल्पना ही नहीं की जा सकती .उन्होंने कहा कि बदलती तकनीक के साथ डिजिटल माध्यम से आम आदमी तक चीजों की पहुंच सुगम बनी है. ऐसे में पुस्तकालयों के भी फिजिकल और डिजिटल रूप का शिक्षकों और विद्यार्थियों के जीवन में बहुत महत्व है. उन्होने बताया कि भारत सरकार डिजिटलाइज्ड सेंट्रल लाइब्रेरी बनाने जा रही है. जल्द ही देश के सभी पुस्तकालय आपस में जुड़ जाएंगे.
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सम्मेलन में ई-पुस्तकों की भी हो चर्चा : कुलपति ने आशा जताई कि यह सम्मेलन पुस्तकालयों को नई दिशा में चलने के लिए प्रेरित करेगा. इस के माध्यम से पुस्तकालयों पर नए विचार और उपकरण उभर कर सामने आएंगे. उन्होने आह्वान किया कि इस सम्मेलन में पुस्तकों के साथ-साथ ई-पुस्तकों पर भी चर्चा होनी चाहिए. अगली पीढ़ी ई-पुस्तकों की ओर अधिक आकृष्ट है. इस अवसर पर कुलपति की ओर से दिल्ली विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय परिसर के व्यापक विस्तार कार्यक्रम की घोषणा भी की गई.
प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार ने दी विस्तार से जानकारी :प्रो. प्रकाश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थी जीवन में पुस्तकालयों का बहुत बड़ा योगदान होता है. सम्मेलन के निदेशक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार ने सम्मेलन के विषयों और उप-विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. कार्यक्रम के अंत में आयोजन के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी एवं विश्वविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. राजेश सिंह ने सभी का धन्यवाद किया.
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