नई दिल्ली: दिल्ली में ध्वस्त हो रही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का दर्दनाक मंजर तब सामने आया, जब यहां के जयपुर गोल्डन अस्पताल में अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से एक दो नहीं बल्कि एक साथ 21 मरीजों की मौत हो गई. दिल्ली के अस्पतालों में जीवन दायिनी ऑक्सीजन को लेकर जबरदस्त मारामारी है, वहां हर किसी के जेहन में ये चिंता है कि आखिर यहां की अव्यवस्थाओं के बीच कैसे अपनों की जिंदगी बचेगी ? मामले में हाईकोर्ट भी एक्शन मोड में आ गया है. हाईकोर्ट ने कोरोना की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा है कि ये लहर नहीं सुनमी है. वहीं सरकार ने हाई कोर्ट में 21 मौत की जानकारी दी है.
200 मरीजों पर खतरा
अस्पताल प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई है कि इस वक्त अस्पताल में 200 कोविड मरीज भर्ती हैं, जिनकी जान पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि अस्पताल में केवल आधे घंटे की ही ऑक्सीजन बचा हुआ है. अस्पताल की ओर से डॉ. डीके बलूजा की ओर से जानकारी दी गई है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कल रात 21 मरीजों की मौत हो गई, अभी भी 200 से ज्यादा कोविड मरीज भर्ती हैं और अस्पताल में केवल 30 मिनट की ऑक्सीजन बची है. मुख्यमंत्री से उन्होंने मदद की अपील की है.
7 घंटे देरी से मिला ऑक्सीजन
अस्पताल प्रशासन की ओर से कहा गया कि ऑक्सीजन तकरीबन 7 घंटे की देरी से मिला, जिसके चलते अस्पताल में भर्ती गंभीर रूप से बीमार 21 मरीजों की मौत हो गई. सभी मरीज क्रिटिकल कंडीशन में थे, जिन्हें हाई फ्लो ऑक्सीजन दिया जा रहा था, जिसके बाद अब अस्पताल की ओर से जानकारी दी गई है कि केवल 30 मिनट की ऑक्सीजन बची हुई है और 200 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.
अस्पतालों में हाहाकार..!
दिल्ली के कई अस्पताल अभी भी ऑक्सीजन शॉर्टेज पर चल रहे हैं, इस बीच बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन का एक टैंकर पहुंचाया गया, जिससे 500 किलोग्राम ऑक्सीजन का स्टॉक मिल सकेगा,वहीं सर गंगाराम असप्ताल में भी ऑक्सीजन का स्टॉक समाप्त होने वाला है. सरोज अस्पताल का भी यही हाल है. दिल्ली ज्यादातर अस्पतालों का यहीं हाल है, जहां कब अनहोनी हो जाए. ये कोई नहीं जानता.
केंद्र के भरोसे दिल्ली!
बता दें कि दिल्ली और कुछ दूसरे राज्यों के पास अपने ऑक्सीजन प्लांट नहीं हैं. सप्लाई के लिए वे दूसरे राज्यों पर निर्भर हैं, ऐसे में दिल्ली लगातार दूसरे राज्यों परऑक्सीजन के लिए निर्भर है और केंद्र सरकार के द्वारा ही दिल्ली को ऑक्सीजन की सप्लाई मिल रही है. मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा था कि राजधानी में मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाई जाए. इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने भी केंद्र सरकार से कहा कि वो ऑक्सीजन री-फिलिंग की सुविधा और बढ़ाए, लेकिन बावजूद इसके दिल्ली के हालात दिन-ब-दिन और खराब होते जा रहे हैं.
वेंटीलेटर हेल्थकेयर सिस्टम!
देश में कोरोना के मामले जिस तेजी से आ रहे हैं, उससे इसका हेल्थकेयर सिस्टम चरमरा गया है. बहरहाल, मोदी सरकार ने अब 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' शुरू की है. ऑक्सीजन एक्सप्रेस यानी ऑक्सीजन टैंकर लेकर ट्रेनें वहां पहुंच रही हैं, जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है. इसके साथ ही भारतीय वायुसेना मिलिट्री स्टेशनों से ऑक्सीजन भी एयरलिफ्ट कर रही है. सरकार 50 हजार टन लिक्विड ऑक्सीजन के आयात की भी योजना बना रही है. फिलहाल असलियत यही है कि विश्व के सबसे बड़े ऑक्सीजन उत्पादक देश में लोग ऑक्सीजन के बिना दम तोड़ रहे हैं.