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50 साल में पहली बार किसी PM के नारों से गूंजा CISF कैंप, जवान बोले- मोदी-मोदी

50 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सुरक्षा एजेंसी के बटालियन कैंप में किसी प्रधानमंत्री के नाम के नारे गूंजे. सीआईएसएफ कैंप में प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान मोदी-मोदी के नारे गूंजे.

CISF कैंप में लगे मोदी-मोदी के नारे
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Published : Mar 10, 2019, 2:32 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में 50 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सुरक्षा एजेंसी के बटालियन कैंप में किसी प्रधानमंत्री के नाम के नारे गूंजे. सीआईएसएफ कैंप में प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान मोदी-मोदी के नारे गूंजे.

सीआईएसएफ के 50वें स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे और कार्यक्रम के मंच से उन्होंने सीआईएसफ के जवानों की जमकर तारीफ की. सीआईएसएफ के गोल्डन जुबली कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी ने कार्यक्रम को और भी ज्यादा भव्य बना दिया.

CISF कैंप में लगे मोदी-मोदी के नारे

मोदी-मोदी के लगे नारे
इससे पहले भी पिछले कुछ दशकों में यहां पर तमाम गृह मंत्रियों और अन्य वीवीआइपी गेस्ट का आगमन हो चुका है, लेकिन 50 सालों में पहली बार ऐसा हुआ कि मुख्य अतिथि के नाम के नारे चारों तरफ गूंज रहे थे. सुरक्षा बल और उनके परिवारों से जुड़े लोग ही इस कार्यक्रम में मौजूद थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी-मोदी के नारे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल इंदिरापुरम पांचवी बटालियन कैंप में लगाए. अंदर जो नजारा था, बाहर भी कुछ वैसा ही था.

कैंप के बाहर भी लगा था लोगों का तांता
सैकड़ों लोग बाहर भी फूल लिए खड़े थे जो चाहते थे कि कम से कम प्रधानमंत्री की एक झलक उन्हें मिल जाए और अपने फूल उन तक पहुंचा सकें, लेकिन सुरक्षा कारणों ने उन्हें मायूस कर दिया. हालांकि कार्यक्रम मंच से बाहर आने के बाद प्रधानमंत्री ने एक बार अपना हाथ उठा कर सभी लोगों का अभिवादन जरूर स्वीकार किया.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में 50 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सुरक्षा एजेंसी के बटालियन कैंप में किसी प्रधानमंत्री के नाम के नारे गूंजे. सीआईएसएफ कैंप में प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान मोदी-मोदी के नारे गूंजे.

सीआईएसएफ के 50वें स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे और कार्यक्रम के मंच से उन्होंने सीआईएसफ के जवानों की जमकर तारीफ की. सीआईएसएफ के गोल्डन जुबली कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी ने कार्यक्रम को और भी ज्यादा भव्य बना दिया.

CISF कैंप में लगे मोदी-मोदी के नारे

मोदी-मोदी के लगे नारे
इससे पहले भी पिछले कुछ दशकों में यहां पर तमाम गृह मंत्रियों और अन्य वीवीआइपी गेस्ट का आगमन हो चुका है, लेकिन 50 सालों में पहली बार ऐसा हुआ कि मुख्य अतिथि के नाम के नारे चारों तरफ गूंज रहे थे. सुरक्षा बल और उनके परिवारों से जुड़े लोग ही इस कार्यक्रम में मौजूद थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी-मोदी के नारे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल इंदिरापुरम पांचवी बटालियन कैंप में लगाए. अंदर जो नजारा था, बाहर भी कुछ वैसा ही था.

कैंप के बाहर भी लगा था लोगों का तांता
सैकड़ों लोग बाहर भी फूल लिए खड़े थे जो चाहते थे कि कम से कम प्रधानमंत्री की एक झलक उन्हें मिल जाए और अपने फूल उन तक पहुंचा सकें, लेकिन सुरक्षा कारणों ने उन्हें मायूस कर दिया. हालांकि कार्यक्रम मंच से बाहर आने के बाद प्रधानमंत्री ने एक बार अपना हाथ उठा कर सभी लोगों का अभिवादन जरूर स्वीकार किया.

Intro:गाजियाबाद। 50 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी सुरक्षा एजेंसी की बटालियन कैंप में किसी प्रधानमंत्री के नाम के नारे गूंजे हो। लेकिन ऐसा गाजियाबाद में हुआ। मौका सीआईएसएफ कैंप में प्रधानमंत्री के आगमन का था। जहां पर मोदी मोदी के नारे चारों तरफ सुनाई दिए।


Body:सीआईएसएफ के 50वें स्थापना दिवस पर आज प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे। और कार्यक्रम के मंच से उन्होंने सीआईएसफ के जवानों की जमकर तारीफ की। सीआईएसएफ के गोल्डन जुबली कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी ने कार्यक्रम को और भी ज्यादा भव्य बना दिया। इससे पहले भी पिछले कुछ दशकों में यहां पर तमांग गृह मंत्रियों और अन्य वीवीआइपी गेस्ट का आगमन हो चुका है। लेकिन 50 सालों में पहली बार ऐसा हुआ कि मुख्य अतिथि के नाम के नारे चारों तरफ गूंज रहे थे। सुरक्षा बल और उनके परिवारों से जुड़े लोग ही इस कार्यक्रम में मौजूद थे जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी मोदी के नारे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल इंदिरापुरम पांचवी बटालियन कैंप में लगाए। जाहिर है यह प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व की ताकत को बयान करता है कि सुरक्षा एजेंसी कैंप में इस तरह से प्रधानमंत्री के नारों की आवाज चारों तरफ गूंज रही थी। वहीं अंदर जो नजारा था, बाहर भी कुछ वैसा ही था। सैकड़ों लोग बाहर भी फूल लिए खड़े थे जो चाहते थे कि कम से कम प्रधानमंत्री की एक झलक उन्हें मिल जाए और अपने फूल उन तक पहुंचा सकें। लेकिन सुरक्षा कारणों ने उन्हें मायूस कर दिया। हालांकि कार्यक्रम मंच से बाहर आने के बाद प्रधानमंत्री ने एक बार अपना हाथ उठा कर सभी लोगों का अभिवादन जरूर स्वीकार किया। हालांकि कैंप के बाहर जाना सुरक्षा कारणों से मुमकिन नहीं था।

बाइट फूल लेकर आया युवक


Conclusion:आचार संहिता लगने से पहले प्रधानमंत्री अपने इस कार्यक्रम में पहुंचे और यहां पर उनकी मौजूदगी ने काफी बड़ा प्रभाव छोड़ा है। उस समय प्रधानमंत्री के शब्दों से सभी गदगद हो गए जब प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में वर्दी धारियों को उस तरह का सत्कार आज भी नहीं मिलता जितना मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पर वह देश से अपील करेंगे कि उनकी सुरक्षा में लगे लोगों के साथ कभी भी कोई आम नागरिक गलत व्यवहार ना करें।
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