नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम सदन की बैठक शुरू होने से पहले ही भाजपा पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया. जैसे ही मेयर शैली ओबराय अपने आसन पर आकर बैठी भाजपा पार्षदों ने वेल में आकर पोस्टर बैनर लेकर नारेबाजी शुरू कर दी. भाजपा पार्षद मेयर की कुर्सी तक पहुंच गए. इसके बाद मेयर को कार्यवाही शुरू करने से पहले सदन से बाहर जाना पड़ा. वहीं, भाजपा पार्षदों ने निगम सचिव को बंधक बना लिया.
वहीं, 45 मिनट बाद एक बार फिर मेयर सदन की बैठक में पहुंची, लेकिन भाजपा पार्षदों ने उन्हें मेयर की चेयर तक जाने नहीं दिया. हंगामा और विरोध को देखते हुए उनको एक बार फिर बिना कार्यवाही शुरू होने के पहले वापस लौटना पड़ा.
दरअसल, दिल्ली नगर निगम में अब तक स्थायी समिति का गठन नहीं हुआ है. इसकी वजह से निगम की वित्त सम्बंधित कामकाज प्रभावित हो रहा है. इन दिक्कतों को देखते हुए सत्ता पक्ष की तरफ से स्थायी समिति के गठन तक स्थायी समिति की शक्ति सदन को सौंपने और स्थानीय शॉपिंग सेंटरों में सीलिंग हटाने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने और निर्णय लेने के लिए दिल्ली नगर निगम के सदन की विशेष बैठक बुलाई थी.
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बैठक दोपहर 2 बजे शुरू होनी थी, लेकिन मेयर शैली ओबराय 2 बजकर 20 मिनट पर जैसे ही सदन में पहुंची भाजपा पार्षदों ने नारेबाजी शुरू कर दी. डेस्क पर खड़े होकर भाजपा पार्षदों ने पोस्टर बैनर लहराया. कई पार्षद मेयर के डेस्क पर चढ़ गए. हालत यह हो गई कि कार्यवाही शुरू करने से पहले ही मेयर को बैठक से बाहर जाना पड़ा.
भाजपा पार्षदों का कहना है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली नगर निगम में संविधान की हत्या कर रही है. स्थायी समिति का गठन नहीं किया जा रहा है और स्थायी समिति की शक्ति को सदन को देने की असंवैधानिक कोशिश की जा रही है.
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