नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के सेक्टर 36 स्थित साइबर क्राइम थाने में साइबर ठगी के दो मामले सामने आए. इसमें पहले मामले में दिल्ली के शास्त्री नगर में रहने वाले एक व्यक्ति को बेचने का झांसा देकर उसके साथ नौ लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई. इसको लेकर पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़ित बसंत कुमार तिवारी ने बताया कि वह सेकेंड हैंड कार लेना चाह रहा था, जिसके लिए उसने सेक्टर 18 स्थित कंपनी के मैनेजर धर्मेंद्र कुमार से संपर्क किया था.
इस दौरान आरोपी मैनेजर ने कपूर नाम के व्यक्ति से पीड़ित की बात कराई, जो उसे नौ लाख रुपये में कार देने के लिए तैयार हो गया. इसके बाद आरोपी ने कार के पैसे अपने खाते में जमा करा लिए. पीड़ित ने बताया कि आरोपी अब कार सौंपने में आनाकानी कर रहा है और फोन करने पर बहाना बना देता है. साथ ही वह पैसे वापस करने के लिए भी राजी नहीं है.
युवती से साढ़े छह लाख की ठगी: वहीं दूसरे मामले में युवती से साढ़े छह लाख से अधिक रुपये की ठगी की गई. सेक्टर 51 केंद्रीय विहार की रहने वाली ज्योति वर्मा ने बताया कि उनके पास इंस्टाग्राम पर एक मैसेज आया, जिसमें घर बैठे डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन ट्रेडिंग कर लाखों रुपये कमाने की बात की गई थी. जब उसने नंबर पर संपर्क किया तो उसे टेलीग्राम पर एक ग्रुप में जोड़ दिया गया. आरोपियों ने ई-कॉमर्स वेबसाइट के सोशल मीडिया पेज को अच्छी रेटिंग और रिव्यू देने का काम दिया.
ऐसा करने के बाद आरोपियों ने उसे कुछ पैसों का भुगतान किया और ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए कहा. इसके लिए पीड़िता का एक अकाउंट बनाया गया और जिसके बाद पीड़िता ने कई कंपनी के शेयरों में निवेश किया. शुरुआत में तो पीड़िता को फायदा हुआ, लेकिन जब निवेश की रकम लाखों में पहुंच गई तो पीड़िता के अकाउंट को बंद कर दिया गया और अकाउंट खोलने के नाम पर छह लाख 51 हजार की रकम ऐंठ ली गई. जब पीड़िता ने अपने पैसे वापस मांगे तो उसे टेलीग्राम ग्रुप से बाहर कर दिया गया. थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि दोनों ही मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
मोबाइल टावर उपकरण चोरी करने वाले गिरफ्तार: उधर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मोबाइल टावरों से आरआरयू (रिमोट रेडियो यूनिट) व बैटरी सहित अन्य कीमती उपकरणों की चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के पांच आरोपियों को बुधवार को सेक्टर-24 थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से पांच टॉवर के आरआरयू दो बैटरी सहित अन्य सामान बरामद हुआ है, जिसकी कीमत करीब दस लाख रुपये बताई जा रही है. आरोपियों में एक कबाड़ी भी शामिल है.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सहारनपुर निवासी अश्वनी कुमार, मैनपुरी निवासी विनोद और कपिल, एटा निवासी जितेंद्र और मुजफ्फरनगर निवासी रिजवान के रूप में हुई है. एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बीते कई माह से अलग-अलग थाने की पुलिस को मोबाइल टॉवर से कीमती उपकरणों के चोरी होने की सूचना मिल रही थी. इसको लेकर सभी थाने में एक टीम बनाई गई थी. इसके बाद बुधवार को आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
खुलासा हुआ कि सभी शातिर चोर मोबाइल, कंपनियों में टेक्नीशियन और हेल्पर की नौकरी करते हैं. इनकी मिलीभगत से ही उपकरणों की चोरी होती थी. चोरी के उपकरणों को आरोपी कबाड़ी को एक तिहाई दाम पर बेच देते थे. थाना प्रभारी अमित तोमर ने बताया कि अश्वनी, विनोद, कपिल और जितेंद्र एनसीआर के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित टॉवरों पर नौकरी करते हैं. बरामद उपकरण और बैटरी कहां से चोरी की हुई है, पुलिस इसकी जानकारी निकाल रही है. घटना में इस्तेमाल होने वाली दो बाइक भी पुलिस ने बरामद की है.
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि आरआरयू जब निकाला जाता है तो अलार्म बजता है. इससे संबंधित कंपनी के प्रतिनिधियों को चोरी की जानकारी हो जाती है. इससे बचने के लिए आरोपी संबंधित सिग्नल प्वाइंट पर टेप लगा देते थे, ताकि अलार्म न बजे. चारों आरोपी एक दूसरे के संपर्क में रहते थे और अपने टॉवर को छोड़कर अन्य टॉवरों की चोरी करते थे. वहीं आरोपी रिजवान जितने में उपकरण खरीदता था, उससे दो गुना दाम में बेच देता था. वह इसके लिए चोरों को एडवांस भी देता था.
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