नई दिल्लीः पूर्वी दिल्ली की साइबर पुलिस स्टेशन की टीम ने फर्जी पेटीएम कर्मचारी के एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो अपने आप को पेटीएम कर्मचारी बताकर दुकानदारों के पेटीएम वॉलेट से पैसा गायब कर दिया करते थे. पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि इस गैंग का मास्टरमाइंड अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. (Cheating by posing as fake Paytm employees in delhi)
डीसीपी अमृता गुगुलोथ ने बताया कि राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल गणेश नगर, पांडव नगर में अग्रवाल इलेक्ट्रिकल के नाम से बिजली के सामान की दुकान चलाते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि 4 नवंबर को दो लोग खुद को पेटीएम का कर्मचारी बताकर उनकी दुकान पर आए और शिकायतकर्ता के फोन से एक्सेस लेकर उसके पेटीएम खाते को हैक कर लिया और उसके पेटीएम वॉलेट से 95,000 रुपये ठग लिए.
इस संबंध में पी.एस. साइबर ईस्ट में मुकदमा दर्ज की किया गया. जांच के दौरान घटना के सीसीटीवी फुटेज को रिकॉर्ड पर लिया गया था. यह पाया गया कि ठगी की गई राशि कार्तिक नावरिया निवासी संगम विहार के खाते में स्थानांतरित की गई थी. गुरुवार को साइबर पुलिस स्टेशन के स्टाफ ने कार्तिक नावरिया को संगम विहार से गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ में कार्तिक नवरिया ने खुलासा किया कि उनके खाते का इस्तेमाल उनके सहयोगी हरीश सिंह बिष्ट और गुलाम रब्बानी व्यावसायिक उद्देश्य के लिए करते थे. उन्होंने आगे खुलासा किया कि प्रवीण नाम का एक व्यक्ति सभी ऑपरेशन के पीछे मास्टरमाइंड था. कार्तिक नवरिया की निशानदेही पर जांच के दौरान उसके सहयोगियों गुलाम रब्बानी, विशाल मेगा (27 वर्ष), हरीश सिंह बिष्ट (30 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया.
तीनों आरोपियों का अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है. शिकायतकर्ता ने दोनों आरोपियों गुलाम रब्बानी और हरीश सिंह बिष्ट की भी पहचान कर ली है. मामले में प्रवीण को पकड़ने के लिए आगे के प्रयास किए जा रहे हैं.