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Rapid Rail की पहली झलक: मार्च में मिलेगी रैपिड रेल की सौगात, अंतिम चरण में स्टेशनों का काम

दिल्ली एनसीआर के लोगों को जल्द रैपिड रेल की सौगात मिलने वाली है. एनसीआरटीसी के अधिकारियों के मुताबिक मार्च में रैपिड रेल का संचालन शुरू हो सकता है. दोहाई से साहिबाबाद के बीच प्रायोरिटी सेक्शन पर पहले चरण में रैपिड रेल का संचालन शुरू किया जाएगा. हालांकि अभी रैपिड रेल द्वारा ट्रेन के संचालन को लेकर किसी प्रकार की कोई घोषणा नहीं की गई है.

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Published : Feb 24, 2023, 11:00 PM IST

मार्च में मिलेगी रैपिड रेल की सौगात

गाजियाबाद/नई दिल्ली: दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी सेक्शन के सभी स्टेशन निर्माण के अगले चरण में हैं और तेज़ी से आकार ले रहे हैं. आरआरटीएस के अलग-अलग कॉम्पोनेंट्स की टेस्टिंग करने के लिए एनसीआरटीसी प्रायोरिटी सेक्शन में टेस्टिंग कर रहा है.

आरआरटीएस स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाने का काम भी जारी है. डबल-टेम्पर्ड ग्लास से लैस, इन प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स के अलग-अलग पार्ट्स को जोड़कर कई स्टेप्स में इसका इंस्टॉलेशन किया जा रहा है. प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स, ट्रेन और ट्रैक के दरमयान यात्रियों की सुरक्षा के रूप में कार्य करेंगे, जिससे स्टेशनों पर बेहतर भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित किए जाने के साथ ही किसी अप्रिय घटना जैसे यात्रियों के ट्रेन से गिरने जैसी घटनाओं से बचाव संभव हो सकेगा.

यात्रियों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर स्कोर आरआरटीएस ट्रेन के दरवाजों और एटीएस level-2 सिगनलिंग सिस्टम के साथ एकीकृत किया जा रहा है. ट्रेन के दरवाजे प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स के साथ ही खुलेंगे और बंद होंगे.

Rapid Rail की पहली झलक
Rapid Rail की पहली झलक

आरआरटीएस ट्रेनों के कोच में व्हीलचेयर एवं स्ट्रेचर के लिए एक निश्चित स्थान दिया गया है. स्टेशन पर भी स्ट्रेचर्स को लाने-जाने के लिए विशेष लिफ्ट की व्यवस्था की गई है. 82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर जहाँ-जहाँ भी संभव है, आरआरटीएस स्टेशनों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अन्य साधनों जैसे बस अड्डों, हवाई अड्डों, मेट्रो स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों आदि से जोड़ा जा रहा है. आरआरटीएस में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनें हर 5 से 10 मिनट में उपलब्ध होंगी और लगभग एक घंटे में लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तय कर लेंगी. पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल दो सौ दस कोचों यानी कि 40 ट्रेनसेट की डिलीवरी होगी.

Rapid Rail की पहली झलक
Rapid Rail की पहली झलक

रैपिड रेल की विशेषताएं

• तेज़ रफ़्तार पर हवा के खिंचाव को कम करने के लिए ट्रेन को एयरोडायनामिक प्रोफाइल दी गई है
• एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2X2 ट्रांसवर्स सीटिंग
• ओवरहेड लगेज रैंक वाली कुशन वाली सीटें
• हर ट्रेन में एक प्रीमियम क्लास कार' जो आराम, सुविधा और यूजर फ्रेंडली होगी. जिसमें अधिक लेगरुम, कोट हैंगर के साथ चौड़ी सीटें होंगी
• प्रत्येक ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा
• यात्रियों के लिए वाई-फाई
• हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग के लिए यूएसबी पोर्ट
• दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की जगह और आपातकालीन चिकित्सा परिवहन के लिए स्ट्रेचर की जगह मौजूद होगी
• इंडोर और आउटडोर सर्विलांस सिस्टम
• आग के लिए फायर डिटेक्शन सिस्टम

यह भी पढ़ें: हाउस टैक्स वसूली को लेकर नगर आयुक्त सख्त, चुकाना होगा 12 प्रतिशत का ब्याज

मार्च में मिलेगी रैपिड रेल की सौगात

गाजियाबाद/नई दिल्ली: दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी सेक्शन के सभी स्टेशन निर्माण के अगले चरण में हैं और तेज़ी से आकार ले रहे हैं. आरआरटीएस के अलग-अलग कॉम्पोनेंट्स की टेस्टिंग करने के लिए एनसीआरटीसी प्रायोरिटी सेक्शन में टेस्टिंग कर रहा है.

आरआरटीएस स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाने का काम भी जारी है. डबल-टेम्पर्ड ग्लास से लैस, इन प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स के अलग-अलग पार्ट्स को जोड़कर कई स्टेप्स में इसका इंस्टॉलेशन किया जा रहा है. प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स, ट्रेन और ट्रैक के दरमयान यात्रियों की सुरक्षा के रूप में कार्य करेंगे, जिससे स्टेशनों पर बेहतर भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित किए जाने के साथ ही किसी अप्रिय घटना जैसे यात्रियों के ट्रेन से गिरने जैसी घटनाओं से बचाव संभव हो सकेगा.

यात्रियों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर स्कोर आरआरटीएस ट्रेन के दरवाजों और एटीएस level-2 सिगनलिंग सिस्टम के साथ एकीकृत किया जा रहा है. ट्रेन के दरवाजे प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स के साथ ही खुलेंगे और बंद होंगे.

Rapid Rail की पहली झलक
Rapid Rail की पहली झलक

आरआरटीएस ट्रेनों के कोच में व्हीलचेयर एवं स्ट्रेचर के लिए एक निश्चित स्थान दिया गया है. स्टेशन पर भी स्ट्रेचर्स को लाने-जाने के लिए विशेष लिफ्ट की व्यवस्था की गई है. 82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर जहाँ-जहाँ भी संभव है, आरआरटीएस स्टेशनों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अन्य साधनों जैसे बस अड्डों, हवाई अड्डों, मेट्रो स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों आदि से जोड़ा जा रहा है. आरआरटीएस में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनें हर 5 से 10 मिनट में उपलब्ध होंगी और लगभग एक घंटे में लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तय कर लेंगी. पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए कुल दो सौ दस कोचों यानी कि 40 ट्रेनसेट की डिलीवरी होगी.

Rapid Rail की पहली झलक
Rapid Rail की पहली झलक

रैपिड रेल की विशेषताएं

• तेज़ रफ़्तार पर हवा के खिंचाव को कम करने के लिए ट्रेन को एयरोडायनामिक प्रोफाइल दी गई है
• एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन की गई 2X2 ट्रांसवर्स सीटिंग
• ओवरहेड लगेज रैंक वाली कुशन वाली सीटें
• हर ट्रेन में एक प्रीमियम क्लास कार' जो आराम, सुविधा और यूजर फ्रेंडली होगी. जिसमें अधिक लेगरुम, कोट हैंगर के साथ चौड़ी सीटें होंगी
• प्रत्येक ट्रेन में महिलाओं के लिए एक कोच आरक्षित होगा
• यात्रियों के लिए वाई-फाई
• हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग के लिए यूएसबी पोर्ट
• दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की जगह और आपातकालीन चिकित्सा परिवहन के लिए स्ट्रेचर की जगह मौजूद होगी
• इंडोर और आउटडोर सर्विलांस सिस्टम
• आग के लिए फायर डिटेक्शन सिस्टम

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