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Nursing staff strike: जिम्स में अस्थायी नर्सिंग स्टाफ ने मांगो को लेकर किया धरना प्रदर्शन, स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित; ओपीडी रहे बंद

राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्यरत अस्थाई नर्सिंग स्टाफ कामकाज अपने कामकाज को ठप कर धरना पर बैठ गए हैं. स्टाफ संस्थान में स्थाई करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन से ओपीडी समेत अन्य स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो रही हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 16, 2023, 6:25 PM IST

जिम्स में अस्थायी नर्सिंग स्टाफ का धरना प्रदर्शन

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में सोमवार को सारा कामकाज बंद रहा. संस्थान की ओपीडी समेत अन्य स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहीं. संस्थान में कार्यरत अस्थाई नर्सिंग स्टाफ अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गया. नर्सिंग स्टाफों के अनुसार संस्थान ने उन्हें स्थाई करने का आश्वासन दिया था लेकिन अब संस्थान उनको स्थाई नहीं कर रहा है. उनकी जगह संस्थान द्वारा नए स्टाफ को भर्ती करने की तैयारी चल रही है. नर्सिंग स्टाफ के धरना प्रदर्शन की वजह से जिम्स में ओपीडी को बंद कर दिया गया.

मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन: कर्मचारियों ने प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोविड काल के दौरान कार्यों की सराहना करते हुए प्रबंधन ने आश्वासन दिया था कि भविष्य में जब भी कर्मचारियों को नियमित करने के संदर्भ में कोई योजना आएगी, तो सर्वप्रथम संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों को किया जाएगा. कर्मचारियों का कहना है कि वर्तमान में उनकी अनदेखी करने नए लोगों को भर्ती करने की योजना है. इसके विरोध में नर्सिंग स्टाफ धरना प्रदर्शन कर रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, उनका धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा.

सोमवार से नर्सिंग स्टाफ के सैकड़ो कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन पर बैठ गए, जिसकी वजह से पूरा दिन स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रही. मरीजों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं की जाएगी उनका यह धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा. अपनी मांगों को लेकर उन्होंने संस्थान के निदेशक डॉक्टर राकेश गुप्ता को अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन भी सौंपा है.

पिछले दस सालों से कर रहे मांग: जिम्स में लगभग 10 वर्ष से ज्यादा समय से कार्यरत नर्सिंग स्टाफ अपने आप को स्थाई करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि कोविड के समय उन्हें स्थाई करने का प्रबंधन ने आश्वासन दिया था लेकिन अब प्रबंधन उनके स्थान पर नए कर्मचारियों की भर्ती कर रहा है. संस्थान में स्थाई कर्मचारियों के लिए जगह निकली है जिसमें बाहर के कर्मचारियों को वरीयता दी जा रही है. जिम्स में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि जो कई-कई वर्षों से यहां पर कार्य कर रहे हैं पहले उनको मौका दिया जाए, लेकिन प्रबंधन उनकी मांगों को मानने से इनकार कर रहा है. नर्सिंग स्टाफ के लगभग ढ़ाई सौ कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए हैं और मांगे पूरी हो जाने तक उनका यह धारणा लगातार जारी रहेगा.

ये भी पढ़ें: आप नेताओं के घरों पर हो रहे रेड को लेकर दिल्ली बीजेपी हुई आप पर हमलावर, प्रदर्शन कर कहा- जल्द इस्तीफा दें केजरीवाल

सीएम और पीएम को भी भेजा ज्ञापन: जिम्स हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टाफ ने अपने तय कार्यक्रम के अनुसार सोमवार की सुबह अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू किया. इससे पहले उन्होंने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को डाक द्वारा ज्ञापन भेज दिया था. इसके साथ ही कर्मचारियों ने उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को भी ज्ञापन भेजा था. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा उनका धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा.

ये भी पढ़ें: जंतर-मंतर पर महिलाओं ने केंद्र व बंगाल सरकार के खिलाफ किया धरना-प्रदर्शन

जिम्स में अस्थायी नर्सिंग स्टाफ का धरना प्रदर्शन

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में सोमवार को सारा कामकाज बंद रहा. संस्थान की ओपीडी समेत अन्य स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहीं. संस्थान में कार्यरत अस्थाई नर्सिंग स्टाफ अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गया. नर्सिंग स्टाफों के अनुसार संस्थान ने उन्हें स्थाई करने का आश्वासन दिया था लेकिन अब संस्थान उनको स्थाई नहीं कर रहा है. उनकी जगह संस्थान द्वारा नए स्टाफ को भर्ती करने की तैयारी चल रही है. नर्सिंग स्टाफ के धरना प्रदर्शन की वजह से जिम्स में ओपीडी को बंद कर दिया गया.

मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन: कर्मचारियों ने प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोविड काल के दौरान कार्यों की सराहना करते हुए प्रबंधन ने आश्वासन दिया था कि भविष्य में जब भी कर्मचारियों को नियमित करने के संदर्भ में कोई योजना आएगी, तो सर्वप्रथम संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों को किया जाएगा. कर्मचारियों का कहना है कि वर्तमान में उनकी अनदेखी करने नए लोगों को भर्ती करने की योजना है. इसके विरोध में नर्सिंग स्टाफ धरना प्रदर्शन कर रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, उनका धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा.

सोमवार से नर्सिंग स्टाफ के सैकड़ो कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन पर बैठ गए, जिसकी वजह से पूरा दिन स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रही. मरीजों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं की जाएगी उनका यह धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा. अपनी मांगों को लेकर उन्होंने संस्थान के निदेशक डॉक्टर राकेश गुप्ता को अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन भी सौंपा है.

पिछले दस सालों से कर रहे मांग: जिम्स में लगभग 10 वर्ष से ज्यादा समय से कार्यरत नर्सिंग स्टाफ अपने आप को स्थाई करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि कोविड के समय उन्हें स्थाई करने का प्रबंधन ने आश्वासन दिया था लेकिन अब प्रबंधन उनके स्थान पर नए कर्मचारियों की भर्ती कर रहा है. संस्थान में स्थाई कर्मचारियों के लिए जगह निकली है जिसमें बाहर के कर्मचारियों को वरीयता दी जा रही है. जिम्स में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि जो कई-कई वर्षों से यहां पर कार्य कर रहे हैं पहले उनको मौका दिया जाए, लेकिन प्रबंधन उनकी मांगों को मानने से इनकार कर रहा है. नर्सिंग स्टाफ के लगभग ढ़ाई सौ कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए हैं और मांगे पूरी हो जाने तक उनका यह धारणा लगातार जारी रहेगा.

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सीएम और पीएम को भी भेजा ज्ञापन: जिम्स हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टाफ ने अपने तय कार्यक्रम के अनुसार सोमवार की सुबह अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू किया. इससे पहले उन्होंने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को डाक द्वारा ज्ञापन भेज दिया था. इसके साथ ही कर्मचारियों ने उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को भी ज्ञापन भेजा था. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा उनका धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा.

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