नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांवों के किसानों का धरना रसूलपुर गांव में गत दो नवंबर से चल रहा है. शनिवार को धरने में शामिल होने के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी (Samajwadi Party leaders reached the protest of farmers) पहुंचे. उन्होंने किसानों को अपना समर्थन देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी किसानों के साथ खड़ी है. किसानों पर लाठीचार्ज किया जाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
पीड़ित किसानों ने एक नवंबर को अपनी मांगों को लेकर एनटीपीसी पर प्रदर्शन किया था. उसी दौरान पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया जिसमें कई किसान घायल हो गए थे. इसके साथ ही 500 किसानों पर मुकदमा दर्ज करते हुए एक दर्जन किसानों को जेल भेज दिया गया था. किसानों की जेल से रिहाई की मांग को लेकर और लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर इन लोगों का धरना पिछले दो नवंबर से लगातार चल रहा है, जिसमें कई बार इनकी अधिकारियों से वार्ता भी हुई है लेकिन अभी तक इन्हें केवल आश्वासन मिला है.
किसान कई बार कर चुके हैं विरोध प्रदर्शनः एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांव के किसान इससे पहले जिलाधिकारी कार्यालय का भी घेराव कर चुके हैं. इस दौरान जिला अधिकारी से भी किसानों की वार्ता हुई थी और किसानों की रिहाई की बात को अधिकारियों ने मान लिया था, लेकिन फिर भी किसानों को रिहा नहीं किया गया. अभी कुछ दिन पहले ही किसानों ने 24 गांवों में विरोध प्रदर्शन करते हुए कैंडल मार्च निकाला और एनटीपीसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
किसानों के साथ खड़ी है समाजवादी पार्टीः शनिवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी रसूलपुर गांव किसानों के धरने में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने किसानों से कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा से किसानों की आवाज को उठाती हुई आई है. उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि हमारी पार्टी आप सभी किसानों के साथ हैं. अगर आपको कहीं भी जाना है और हमारी जरूरत है तो समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता आपके साथ चलने को तैयार हैं.
किसानों पर लाठीचार्ज करना दुर्भाग्यपूर्णः इस दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार भाटी ने किसानों पर हुई लाठीचार्ज को बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि संविधान में अपनी बात रखने का सभी को हक है और किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन जिस तरह से उन पर लाठीचार्ज किया गया और उनको जबरन जेल में डाल दिया गया, वह बहुत ही गलत है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द जेल में बंद किसानों को रिहा किया जाए और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए. इससे पहले भी समाजवादी पार्टी इस मामले में जिलाधिकारी को ज्ञापन दे चुकी है और किसानों की रिहाई की मांग को उठा चुकी है.
यह है मामलाः एनटीपीसी प्लांट के लिए 24 गांवों की जमीन अधिग्रहण की गई थी, जिसमें सरकार ने 2200 किसानों से जमीन ली और एनटीपीसी प्लांट बनाया गया. जिन किसानों से एनटीपीसी के लिए जमीन ली गई थी, उस समय उन किसानों को एक समान मुआवजा नहीं दिया गया था. उसी की मांग को लेकर किसान लंबे समय से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान एनटीपीसी से एक समान मुआवजा, प्रत्येक परिवार को रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सहित कई मांगों को लेकर एक नवंबर को प्लांट के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे थे, तभी पुलिस ने उन पर पानी की बौछारें की और लाठीचार्ज कर दिया. जिसमें एक दर्जन से ज्यादा महिलाएं सहित कई किसान घायल हो गए थे. इसके साथ ही पुलिस ने 500 किसानों पर मुकदमे दर्ज किए. वहीं किसान नेता सुखबीर खलीफा सहित 12 किसानों को जेल भेज दिया.