ETV Bharat / state

नोएडा प्राधिकरण के FD में सेंधमारी के मामले में एक और गिरफ्तार

नोएडा पुलिस ने प्राधिकरण के खाते में सेंधमारी कर तीन करोड़ 90 लाख रुपये निकालने के मामले में एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में अब तक पांच आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

ncr news
सेंधमारी के मामले में एक और गिरफ्तार
author img

By

Published : Jul 16, 2023, 6:05 PM IST

सेंधमारी के मामले में एक और गिरफ्तार

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा प्राधिकरण के खाते में सेंधमारी कर तीन करोड़ 90 लाख रुपये निकालने के मामले में सेक्टर-58 थाने की पुलिस ने शनिवार को गिरोह के एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपी गिरोह के सरगना मनु भोला का करीबी है. सरगना की तलाश में पुलिस की टीमें कई ठिकानों पर दबिश दे रही है. आरोपी की पहचान दिल्ली के गोकलपुरी के राजेश कुमार पांडेय के रूप में हुई है. इस मामले में अबतक पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. सरगना सहित तीन अन्य लोग अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर हैं. आरोपी राजेश के कब्जे से नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण के दो फर्जी पत्र बरामद किया गया है.

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि नोटबंदी के दौरान उसकी मुलाकात त्यागी और मिश्रा से हुई. दोनों ने राजेश से बताया था कि नोएडा विकास प्राधिकरण से 200 करोड़ रुपये एफडी के लिए बैंक में आएगा और हमें 5 प्रतिशत बैंक से कमिशन मिलेगा. इसके बाद इसी मामले को लेकर राजेश ने अपनी पहचान वाले सुधीर चौधरी से बात की. सुधीर की पहचान का बैंक मैनेजर सेक्टर-62 स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में मिल गया.

इसके बाद तीनों ने सेक्टर-34 में एक गुप्त मीटिंग की और पूरी ठगी की प्लानिंग बनी. यही तय हुआ कि प्राधिकरण का 200 करोड़ रुपया एफडी के लिए सेक्टर-62 स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में आएगा और फर्जी एफडी बनेगी व विकास प्राधिकरण में जमा होगी. बाद में उसी बैंक में फर्जी कांट्रेक्टर के नाम के खाते खुलवाकर धीरे-धीरे पैसा ट्रांसफर कराते रहेंगे. आरोपी के पास से नोएडा प्राधिकरण की दो पत्रों की जो छाया प्रति मिली है, उसमें एक असली व एक नकली है. छाया प्रति को आरोपी ने छुपाकर रख ली थी. पूरा पैसा मनु भोला लेकर फरार हो गया था.

मीटिंग में तय हुआ कि खाता अब्दुल खादर नाम के व्यक्ति का खुलेगा और विकास प्राधिकरण का अकाउंट अधिकारी बनकर खाता खुलवाने अब्दुल ही जाएगा. जिसका लेटर फर्जी होगा. अब्दुल खादर, सुधीर और राजेश बैंक के अंदर जाते थे. 23 जून को बैंक मैनेजर ने बताया कि खाता खुल गया है. उन्होंने खाता खुल जाने की स्लिप भी दी. 26 जून को पता चला कि बैंक में तीनों ने जो फर्जी खाता खोला था, उसमें 200 करोड़ रुपए आ गए हैं. जिस पर 27 जून को फर्जी एफडी बनाकर आरोपियों ने विकास प्राधिकारण में जमा करा दी. 30 जून को सभी आरोपी बैंक गए और तीन फर्जी खाते खुलवाकर विकास प्राधिकरण के कांट्रेक्टर बनकर विकास प्राधिकरण का तीन करोड़ 90 लाख रुपये तीनों खातों में ट्रांसफर भी करवा लिया.

एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि गिरोह के सरगना सहित अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. पुलिस को पता चला है कि राजेश कुमार पांडे दिल्ली डाक विभाग में तैनात था. वहां पर इसने घोटाला किया था. वर्ष 2017 में उसे बर्खास्त कर दिया गया था.

ये भी पढ़ें : गाजियाबादः कस्टमर बनकर मनी एक्सचेंज शॉप में घुसे बदमाश, 5 लाख की लूट को दिया अंजाम

सेंधमारी के मामले में एक और गिरफ्तार

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा प्राधिकरण के खाते में सेंधमारी कर तीन करोड़ 90 लाख रुपये निकालने के मामले में सेक्टर-58 थाने की पुलिस ने शनिवार को गिरोह के एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपी गिरोह के सरगना मनु भोला का करीबी है. सरगना की तलाश में पुलिस की टीमें कई ठिकानों पर दबिश दे रही है. आरोपी की पहचान दिल्ली के गोकलपुरी के राजेश कुमार पांडेय के रूप में हुई है. इस मामले में अबतक पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. सरगना सहित तीन अन्य लोग अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर हैं. आरोपी राजेश के कब्जे से नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण के दो फर्जी पत्र बरामद किया गया है.

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि नोटबंदी के दौरान उसकी मुलाकात त्यागी और मिश्रा से हुई. दोनों ने राजेश से बताया था कि नोएडा विकास प्राधिकरण से 200 करोड़ रुपये एफडी के लिए बैंक में आएगा और हमें 5 प्रतिशत बैंक से कमिशन मिलेगा. इसके बाद इसी मामले को लेकर राजेश ने अपनी पहचान वाले सुधीर चौधरी से बात की. सुधीर की पहचान का बैंक मैनेजर सेक्टर-62 स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में मिल गया.

इसके बाद तीनों ने सेक्टर-34 में एक गुप्त मीटिंग की और पूरी ठगी की प्लानिंग बनी. यही तय हुआ कि प्राधिकरण का 200 करोड़ रुपया एफडी के लिए सेक्टर-62 स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में आएगा और फर्जी एफडी बनेगी व विकास प्राधिकरण में जमा होगी. बाद में उसी बैंक में फर्जी कांट्रेक्टर के नाम के खाते खुलवाकर धीरे-धीरे पैसा ट्रांसफर कराते रहेंगे. आरोपी के पास से नोएडा प्राधिकरण की दो पत्रों की जो छाया प्रति मिली है, उसमें एक असली व एक नकली है. छाया प्रति को आरोपी ने छुपाकर रख ली थी. पूरा पैसा मनु भोला लेकर फरार हो गया था.

मीटिंग में तय हुआ कि खाता अब्दुल खादर नाम के व्यक्ति का खुलेगा और विकास प्राधिकरण का अकाउंट अधिकारी बनकर खाता खुलवाने अब्दुल ही जाएगा. जिसका लेटर फर्जी होगा. अब्दुल खादर, सुधीर और राजेश बैंक के अंदर जाते थे. 23 जून को बैंक मैनेजर ने बताया कि खाता खुल गया है. उन्होंने खाता खुल जाने की स्लिप भी दी. 26 जून को पता चला कि बैंक में तीनों ने जो फर्जी खाता खोला था, उसमें 200 करोड़ रुपए आ गए हैं. जिस पर 27 जून को फर्जी एफडी बनाकर आरोपियों ने विकास प्राधिकारण में जमा करा दी. 30 जून को सभी आरोपी बैंक गए और तीन फर्जी खाते खुलवाकर विकास प्राधिकरण के कांट्रेक्टर बनकर विकास प्राधिकरण का तीन करोड़ 90 लाख रुपये तीनों खातों में ट्रांसफर भी करवा लिया.

एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि गिरोह के सरगना सहित अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. पुलिस को पता चला है कि राजेश कुमार पांडे दिल्ली डाक विभाग में तैनात था. वहां पर इसने घोटाला किया था. वर्ष 2017 में उसे बर्खास्त कर दिया गया था.

ये भी पढ़ें : गाजियाबादः कस्टमर बनकर मनी एक्सचेंज शॉप में घुसे बदमाश, 5 लाख की लूट को दिया अंजाम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.