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Death Mystery: गाजियाबाद में तीन साल बाद सुलझी हत्या की एक गुत्थी, मृतक व्यक्ति मिला जिंदा - ईटीवी भारत दिल्ली

गाजियाबाद में तीन साल बाद पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझा ली है. बता दें कि आरोपी ने बड़े बिल्डर से रुपये लेने के लिए व्यक्ति की पहचान बदलकर उसकी हत्या कर दी. बाद में पता चला कि मृतक अभी जिंदा है. इसके बाद पुलिस ने इस गुत्थी को सुलझा लिया.

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Published : May 5, 2023, 10:45 AM IST

मामले की जानकारी देते एसीपी सुजीत राय

नई दिल्ली/ गाजियाबाद: गाजियाबाद के विजय नगर इलाके में करीब 3 साल पहले एक हत्या हुई थी. इस मामले में आरोपी जेल में बंद भी था। लेकिन बाद में उसने कोर्ट को बताया कि जिस व्यक्ति की हत्या में वह जेल में बंद है, असल में वह जिंदा है. इसके बाद पुलिस ने जांच करने के बाद बड़ा खुलासा किया. दरअसल एक बड़े बिल्डर से रुपए ऐंठने के लिए आरोपी ने किसी अन्य व्यक्ति की पहचान बदलकर उसकी हत्या कर दी थी और मृतक को अपना ही भाई बता दिया था.

तीन साल तक जेल में बंद था आरोपी: मामला फरवरी 2020 का है. पुलिस के मुताबिक थाना विजय नगर में एक मुकदमा पंजीकृत हुआ था, जिसमें प्रथम दृष्टया सूचना प्राप्त हुई थी कि 26वीं मंजिल से एक व्यक्ति गिर गया है. सूचना देने वाले व्यक्ति ने मृतक को अपना भाई बताया था. सूचना देने वाला कन्नूलाल था और उसने बताया कि काम करने के दौरान उसका भाई सर्वेश बिल्डिंग से नीचे गिर गया है.

जांच के दौरान कुछ खून के धब्बे मिले. पूछताछ में पता चला कि कन्नूलाल ने ही पारिवारिक कारणों से अपने भाई सर्वेश की हत्या कर दी है. इसके बाद कुन्नू को गिरफ्तार कर लिया गया और जेल भेज दिया गया. जेल में समय बिताने के दौरान कुछ समय पहले उसने कोर्ट को बताया कि जिस व्यक्ति की हत्या के जुर्म में वह सजा काट रहा है, दरअसल वह जीवित है. पुलिस ने इसके बाद जांच शुरू की तो पता चला कि सर्वेश जिंदा है. इसके बाद डीएनए से पता लगा कि जिंदा व्यक्ति सर्वेश ही है.

ऐसे में सवाल उठा कि मौत किस की हुईः घटना के समय ओमप्रकाश नाम के व्यक्ति का नाम भी सामने आया था, जो कन्नूलाल के साथ जेल गया था. बाद में वह जमानत पर बाहर भी आ गया था. बाद में पता चला कि सर्वेश के नाम पर एक अन्य व्यक्ति को कंपनी में नौकरी पर रखा गया था. जिसमें कुन्नू का हाथ था. पुलिस ने जांच के दौरान दोबारा से ओमप्रकाश को गिरफ्तार किया. ओमप्रकाश ने एक मोबाइल पुलिस को बरामद करवाया, जिसमें मृतक की एक फोटो मिली है.

ऐसे हुई मृतक की पहचान: ओमप्रकाश ने उस फोटो को पहचान करके बताया कि यह व्यक्ति सर्वेश है. ओम प्रकाश को नहीं पता था कि वह व्यक्ति कहां का रहने वाला था. जांच में पता चला कि मृतक सर्वेश नहीं था, बल्कि वह बबलू था, जो लखीमपुर खीरी का रहने वाला था. बबलू की लाश के पास से एक शॉल भी बरामद हुई थी. उसी शॉल और फोटो से मृतक की पहचान उसके परिवार वालों ने की.

पहले भी किया कांड: कन्नूलाल के बारे में पता चला है कि वह पहले से भी अपराध में लिप्त रहा है और वह लखीमपुर खीरी का हिस्ट्रीशीटर है. उस पर हत्या के मुकदमें भी दर्ज हैं. इस तरह का ही एक केस पहले भी उस पर दर्ज है किसी और की डेड बॉडी को इसमें अपना भाई बताकर रुपए ऐंठने की कोशिश की थी. यानी पुलिस को शक है कि यह इस तरह की साजिश पहले भी कर चुका है.
ये भी पढ़ें: दिल्ली में 16 साल के लड़के की बर्फ काटने वाले सुए से गोदकर हत्या

मामले की जानकारी देते एसीपी सुजीत राय

नई दिल्ली/ गाजियाबाद: गाजियाबाद के विजय नगर इलाके में करीब 3 साल पहले एक हत्या हुई थी. इस मामले में आरोपी जेल में बंद भी था। लेकिन बाद में उसने कोर्ट को बताया कि जिस व्यक्ति की हत्या में वह जेल में बंद है, असल में वह जिंदा है. इसके बाद पुलिस ने जांच करने के बाद बड़ा खुलासा किया. दरअसल एक बड़े बिल्डर से रुपए ऐंठने के लिए आरोपी ने किसी अन्य व्यक्ति की पहचान बदलकर उसकी हत्या कर दी थी और मृतक को अपना ही भाई बता दिया था.

तीन साल तक जेल में बंद था आरोपी: मामला फरवरी 2020 का है. पुलिस के मुताबिक थाना विजय नगर में एक मुकदमा पंजीकृत हुआ था, जिसमें प्रथम दृष्टया सूचना प्राप्त हुई थी कि 26वीं मंजिल से एक व्यक्ति गिर गया है. सूचना देने वाले व्यक्ति ने मृतक को अपना भाई बताया था. सूचना देने वाला कन्नूलाल था और उसने बताया कि काम करने के दौरान उसका भाई सर्वेश बिल्डिंग से नीचे गिर गया है.

जांच के दौरान कुछ खून के धब्बे मिले. पूछताछ में पता चला कि कन्नूलाल ने ही पारिवारिक कारणों से अपने भाई सर्वेश की हत्या कर दी है. इसके बाद कुन्नू को गिरफ्तार कर लिया गया और जेल भेज दिया गया. जेल में समय बिताने के दौरान कुछ समय पहले उसने कोर्ट को बताया कि जिस व्यक्ति की हत्या के जुर्म में वह सजा काट रहा है, दरअसल वह जीवित है. पुलिस ने इसके बाद जांच शुरू की तो पता चला कि सर्वेश जिंदा है. इसके बाद डीएनए से पता लगा कि जिंदा व्यक्ति सर्वेश ही है.

ऐसे में सवाल उठा कि मौत किस की हुईः घटना के समय ओमप्रकाश नाम के व्यक्ति का नाम भी सामने आया था, जो कन्नूलाल के साथ जेल गया था. बाद में वह जमानत पर बाहर भी आ गया था. बाद में पता चला कि सर्वेश के नाम पर एक अन्य व्यक्ति को कंपनी में नौकरी पर रखा गया था. जिसमें कुन्नू का हाथ था. पुलिस ने जांच के दौरान दोबारा से ओमप्रकाश को गिरफ्तार किया. ओमप्रकाश ने एक मोबाइल पुलिस को बरामद करवाया, जिसमें मृतक की एक फोटो मिली है.

ऐसे हुई मृतक की पहचान: ओमप्रकाश ने उस फोटो को पहचान करके बताया कि यह व्यक्ति सर्वेश है. ओम प्रकाश को नहीं पता था कि वह व्यक्ति कहां का रहने वाला था. जांच में पता चला कि मृतक सर्वेश नहीं था, बल्कि वह बबलू था, जो लखीमपुर खीरी का रहने वाला था. बबलू की लाश के पास से एक शॉल भी बरामद हुई थी. उसी शॉल और फोटो से मृतक की पहचान उसके परिवार वालों ने की.

पहले भी किया कांड: कन्नूलाल के बारे में पता चला है कि वह पहले से भी अपराध में लिप्त रहा है और वह लखीमपुर खीरी का हिस्ट्रीशीटर है. उस पर हत्या के मुकदमें भी दर्ज हैं. इस तरह का ही एक केस पहले भी उस पर दर्ज है किसी और की डेड बॉडी को इसमें अपना भाई बताकर रुपए ऐंठने की कोशिश की थी. यानी पुलिस को शक है कि यह इस तरह की साजिश पहले भी कर चुका है.
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