नई दिल्ली नोएडा: नोएडा में ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. जनता एक तरफ साइबर ठगी का शिकार हो रही है तो दूसरी तरफ नोएडा की जनता विदेश में नौकरी पाने के नाम पर ठगी जा रही है. ताजा मामले में इराक और अजरबैजान में कंस्ट्रक्शन कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 200 से अधिक लोगों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है.
बकायदा ऑफिस में होती थी बुकिंग: मामला फेज वन थाना इलाके का है. आरोप है कि ठगों ने सेक्टर दो में ऑफिस खोलकर लोगों को छला. विदेश जाने के लिए 30 से अधिक पीड़ित जब मंगलवार को ऑफिस पहुंचे तो वहां ताला लटका था. आरोपियों ने पीड़ितों को टिकट समेत अन्य दस्तावेज देने के लिए ऑफिस बुलाया था. पीड़ितों की शिकायत पर फेज वन पुलिस मामले की जांच कर रही है.
डॉक्यूमेंट्स के नाम पर पैसे: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर निवासी पवन कुमार मौर्य और वाराणसी निवासी रोहित कुमार ने बताया कि बीते दिनों उसने सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखा, जिसमें कम पैसे में विदेश में नौकरी लगवाने की बात कही गई थी. विज्ञापन में दिए गए नंबर पर जब पवन और उसके साथियों ने संपर्क किया तो दिल्ली निवासी अरुण कुमार ने बताया कि नोएडा के सेक्टर दो स्थित एडीएम इंटरप्राइजेज बिल्डिंग में उसका ऑफिस है. उसके द्वारा बेरोजगार युवकों को नौकरी के लिए विदेश भेजने की बात कही गई. आरोपी ने यह भी बताया कि वीजा और टिकट समेत सभी दस्तावेज उसकी तरफ से बनवाए जाएंगे.
झांसे में आने के बाद आरोपियों ने वीजा और टिकट के लिए 50 से 80 हजार रुपये आरोपियों के खाते में ट्रांसफर कर दिए. वीजा और पासपोर्ट कुछ पीड़ितों के पास भेजा भी गया. सात नवंबर को पीड़ितों को सेक्टर दो स्थित ऑफिस बुलाया गया और यहीं टिकट समेत अन्य दस्तावेज देने की बात कही गई. शिकायतकर्ता जब मंगलवार को आरोपियों द्वारा बताए गए पते पर पहुंचे तो वहां ताला लटका हुआ था.
पवन का कहना है कि वह पूर्व में आरोपी से इसी ऑफिस में मिल चुका है. इस मामले को लेकर नोएडा पुलिस का कहना है कि पीड़ितों द्वारा अपने पासपोर्ट बिहार के पटना में दिए गए थे. वहीं पर उनका साक्षात्कार भी हुआ था. आरोपियों द्वारा सभी को कॉल कर नोएडा बुलाया गया था. यहां पर आरोपियों का कोई ऑफिस नहीं है. प्राथमिक जांच में मामला बिहार से जुड़ा हुआ है. संबंधित थाने को भी कार्रवाई के लिए अवगत कराया गया है.
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समय-समय पर बदलता हैं ऑफिस: बीते दो सालों में जितने भी ऐसे कॉल सेंटर जिले में पकड़े गए हैं, उन सभी में एक बात सामान्य रही कि आरोपी समय-समय पर ऑफिस बदल देते हैं. जब इनके पास इलाके में कुछ पैसे एकत्र हो जाते हैं तो इनका ठिकाना बदल जाता है. फरार होने से पहले आरोपी लैपटॉप समेत अन्य सामान भी लेकर जाते हैं. मोबाइल नंबर बंद करना आम बात है. आरोपी पीड़ितों के पासपोर्ट भी अपने पास रख लेते हैं. बाद में इसका गलत इस्तेमाल करते हैं. खाड़ी देशों में भेजने के नाम पर सबसे ज्यादा ठगी की जाती है. आरोपी ठगी के लिए जिन खातों का इस्तेमाल करते हैं वह भी दूसरे के होते हैं.
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