नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में भूकंप की दृष्टि से अतिसंवेदनशील 4 जोन शामिल हैं. हाल ही में यहां भूकंप आ चुके हैं. भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए की गई तैयारियों का जायजा लेने के लिए ग्रेटर नोएडा में तीन स्थानों पर मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. इस मॉक ड्रिल में पुलिस और जिला प्रशासन की टीम के साथ-साथ एनडीआरएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ, स्वास्थ्य विभाग और फायर डिपार्टमेंट की टीमों ने हिस्सा लिया. इस मॉक ड्रिल में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे भी शामिल हुए.
शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा के एलजी कंपनी में भूकंप आने की सूचना पर बजने वाले सायरन की गूंज होने लगी. इससे भगदड़ मच गई और बड़ी संख्या में पुलिस बल, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और रेड क्रॉस सोसाइटी के सदस्य भी मौके पर पहुंचे. यह नजारा ऐसा था, जैसे भूकंप आया हो और कई लोग घायल हुए हों. लेकिन सच में ऐसा नहीं हुआ था. यह तो बस एक कवायत थी कि भूकंप आपदा को लेकर प्रशासन द्वारा तैयारियों को परखने की. भूकंप से बचने के अभ्यास के साथ ही मॉक ड्रिल कराई जा रही है और यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही थी कि सरकारी तंत्र की प्रशिक्षण में कहां-कहां खामियां है?
इस मॉक ड्रिल के लिए नोडल ऑफिसर आपदा प्रबंधक सदर तहसील उप जिलाधिकारी अंकित कुमार को बनाया गया. अंकित कुमार ने बताया कि आपदा प्रबंधन की तरफ से बड़े स्तर की भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए ग्रेटर नोएडा में शुक्रवार को तीन जगह पर मॉक ड्रिल किया गया. ग्रेटर नोएडा की जिम्स हॉस्पिटल, एलजी कंपनी और एडब्ल्यूएचओ टाउनशिप में मॉक ड्रिल किया गया. उन्होंने बताया कि यदि कोई आपदा आ जाए तो उससे किस तरह से निपटा जाए. इसकी जानकारी जन-जन तक पहुंचाना है. इस तरह की मॉक ड्रिल का आयोजन का उद्देश्य केवल जनता को जागरूक करना है.