नई दिल्ली: राजधानी में किशोरी से दुष्कर्म की घटना सामने आई है. दिलचस्प बात यह है कि पीड़िता ने इसे पहले गैंगरेप बताया, लेकिन पुलिस की तफ्तीश में सारी बात सामने आ गई. मामले में डीसीपी अमृता गुगुलोथ ने बताया की 29 अक्टूबर को शाम छह बजे पांडव नगर पुलिस स्टेशन में 15 वर्षीय किशोरी से गैंगरेप की सूचना मिली थी, जिसके बाद तत्काल टीम मौके पर पहुंची. पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि दोपहर करीब 3.10 बजे जब वह घर जा रही थी, तब चार नकाबपोश युवक उसे जबरन ऑटो में बैठाकर एक सुनसान पार्क में ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया.
चूंकि आरोप बहुत गंभीर थे, इसलिए मामले को सुलझाने के लिए एसएचओ और उनके सहयोगी की देखरेख में स्थानीय पुलिस स्टाफ और एसीपी गौरव चौधरी की देखरेख में एएटीएस और डीसीपी/ईस्ट के निर्देशों के अनुसार इंस्पेक्टर सतेंद्र खारी की देखरेख में स्पेशल स्टाफ का गठन किया गया.
टीमों ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की. लगभग 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की जांच के बाद पीड़िता पटपड़गंज गांव के एक घर में जाते और 20 मिनट बाद बाहर आते हुए दिखाई दी. इस तथ्य के सामने आने के बाद, पीड़िता की फिर से जांच की गई, जहां उसने असली कहानी का खुलासा किया और बताया कि उसकी एक लड़के से दोस्ती है, और वह दिल्ली के पटपड़गंज में स्थित उसके किराए के कमरे में उससे मिलने गई थी, जहां लड़के ने उसकी सहमति के बिना जबरन शारीरिक संबंध बनाए.
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उसने आगे खुलासा किया कि वह अपने माता-पिता के डर से झूठ बोल रही थी. किशोरी के इस खुलासे के बाद आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई तो आरोपी नाबालिग पाया गया था. वह 10वीं कक्षा की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर अपने भाई के साथ किराए के मकान में रहते हुए नेट आधारित एक कंपनी में काम करता था. वह पीड़िता से तब मिला जब वह उस इमारत में ब्रॉडबैंड कनेक्शन फिट करने गया, जिसमें पीड़िता अपने माता-पिता के साथ रहती थी. डीसीपी ने बताया की पीड़िता का अस्पताल में इलाज चल रहा है. आरोपी को हिरासत में लेकर बाल सुधार गृह भेज दिया गया है और आगे की जांच जारी है.
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