नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शाहदरा जिले में पुराने लोहे वाले पुल में स्थित बाढ़ राहत शिविरों का सघन निरीक्षण किया. केजरीवाल सरकार द्वारा राहत उपायों को सुनिश्चित करने के लिए इस बाढ़ राहत शिविर का दौरा किया गया. सभी अधिकारियों को सामान्य स्थिति आने तक राहत और बचाव कार्य के लिए राहत शिविरों में रहने, खाने-पीने, शौचालय और मेडिकल सहित सभी जरूरी सुविधाएं जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं. इस दौरान राहत शिविर में लोगों को फ्री राशन और खाने का सामान भी बांटा गया.
राहत शिविरों का जायजा लेने के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि हथिनीकुंड बैराज से फिर से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण एक बार फिर यमुना खतरे के निशान को पार कर गई थी. इसी के चलते आज हमने शाहदरा के पुराने लोहे वाले पुल के पास स्थित राहत शिविर का जायजा लिया. सुबह तक यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान पर था, लेकिन अब धीरे-धीरे पानी नीचे उतर रहा है. यदि हथिनीकुंड से पानी फिर नहीं छोड़ा गया तो यमुना के शाम तक खतरे के निशान से नीचे आने के आसार है.
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इस अवसर पर पशुपालन विभाग को सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो में फंसे पशुओं के पुनर्वास, उनके लिए दवाई और टीका की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही राहत शिविर में नियमित रूप से पर्याप्त पशु चारा भी उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि हमारी कोशिश है कि हम नियमित रूप से ग्राउंड लेवल जानकारी लेते रहे, ताकि इन बाढ़ राहत शिविरों में रहने वाले लोगों को किसी तरह की भी परेशानी का सामना न करना पड़े.
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