नई दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सराय काले खां स्थित बांसेरा पार्क से दिल्ली नगर निगम के महत्वाकांक्षी 'प्लास्टिक को हराने के लिए 100 दिन' (100 डेज टू बीट प्लास्टिक) अभियान का शुभारंभ किया. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों को दैनिक जीवन में प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की शपथ भी दिलाई. इस मौके पर एलजी ने अभियान के शुभंकर-निवारण दादी भी जारी की. इस अभियान का समापन 22 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस पर होगा.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि अब प्लास्टिक के दुष्प्रभावों की चर्चा करने की जरूरत नहीं है, इसके दुष्प्रभाव जगजाहिर हैं. इसलिए दिल्ली को प्लास्टिक मुक्त बनाने के तरीकों पर चर्चा करनी होगी. कोई भी योजना जनभागीदारी के बिना सफल नहीं होती. मुझे इस बात की खुशी है कि आरडब्ल्यूए और मार्केट एसोसिएशन के लोगों ने दिल्ली को प्लास्टिक मुक्त बनाने का बीड़ा उठाया है. हम निश्चित ही इस प्रयास में सफल होंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली को हर साल जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ता है, जिसके लिए प्लास्टिक भी बहुत हद तक जिम्मेदार है.
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उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली जीरो वेस्ट के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है. हमने अब तक 120 आरडब्ल्यूए को जीरो वेस्ट कॉलोनी घोषित किया है. कूड़े की पहाड़ भी कम हो रहे हैं. दिल्ली को एक बेहतर शहर बनाने के लिए हम सभी को एकजुटकर होकर काम करने की जरूरत है.
वहीं, निगमायुक्त ने कहा कि प्लास्टिक हम सभी के सामने एक बड़ी समस्या है. दिल्ली रोजाना 11 हजार टन कचरे का उत्सर्जन करती है, जिसमें से करीब 10% प्लास्टिक कचरा होता है. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक हजारों वर्षों में भी डिकंपोज नहीं होता है और यह पर्यावरण को दूषित करता रहता है. सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित होने के बाद से निगम ने काफी काम किया है.
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इस अभियान के तहत निगम ने प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक को जब्त करने के लिए सभी दुकानों और बाजारों के गहन निरीक्षण सहित विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाई है. इसमें, अभियान के ब्रांड एंबेसडर-प्लॉगमैन ऑफ इंडिया के साथ प्लॉगिंग ड्राइव, कपड़े की थैलियों का वितरण, अधिक संख्या में विकल्प स्टोर खोलना, वॉल आर्ट और प्लास्टिक विकल्प से संबंधित अन्य प्रतिष्ठान, एकल उपयोग प्लास्टिक के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए जागरूकता और आउटरीच कार्यक्रम आदि शामिल हैं. निगम को उम्मीद है कि 100 दिनों का अभियान समाप्त होने पर, दिल्ली प्लास्टिक के विकल्पों के उपयोग के लिए तैयार हो जाएगी. अभियान के दौरान एमसीडी रणनीतिक तरीके से बाजार, पार्क, होटल/बैंक्वेट को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी.