नई दिल्ली/गाजियाबाद: वैलेंटाइन डे के असली मायने यही हैं कि आप अपनी मोहब्बत को हर हाल में जिंदा रखें. ऐसी ही एक मोहब्बत की मिसाल गाजियाबाद की वह पत्नी है, जिसने अपने पति की बीमारी को अपनी कमजोरी समझने की वजह ताकत बनाकर अपने और अपने पति के अलावा पूरे परिवार का गुजारा चलाया. पत्नी हाथ में किसी पुरुष की तरह पेचकस और पिलास लेकर टू व्हीलर ठीक करती हैं. गाजियाबाद में इससे बड़ी वैलेंटाइन सक्सेस स्टोरी शायद ही कोई हो.
पूनम और राजेश की लव स्टोरी के चर्चे: गाजियाबाद के पटेल नगर में जीटी रोड किनारे हाथ में पेचकस पर पिलास लेकर टू व्हीलर और ऑटो ठीक करने वाली महिला पूनम के चर्चे सभी जगह हैं. सोशल मीडिया पर भी लोग उनकी बातें करते हैं. हमने सोचा क्यों ना वैलेंटाइन डे पर इनकी की बात की जाए. लिहाजा हमने इनसे बात की और आज के दिन के मायने समझने की भी कोशिश की.
पूनम के पति कुछ साल पहले एक कंपनी में मैकेनिक थे, लेकिन अचानक पति को पैरालिसिस हो गया था. उसके बाद वह काफी बीमार हो गए थे. इलाज के लिए भी रुपये नहीं बचे थे. दो बेटियों की जिम्मेदारी भी पूरे परिवार के पास थी. ऐसे में किचन को चलाने वाली पूनम ने पूरे घर को चलाने का जिम्मा उठाया और बन गई बाइक मैकेनिक. पति से थोड़ी बहुत जानकारी लेकर वह बाइक रिपेयर करने लगी और धीरे-धीरे उनके चर्चे पूरे गाजियाबाद में हो गए. आज लंबे समय से पूनम बाइक रिपेयर करके पूरे घर का जिम्मा चलाती हैं. पति और दो बेटियों की देखरेख भी करती हैं. हालांकि, पति ने धीरे-धीरे रिकवर किया है और अब वो भी उनके साथ बाइक शॉप पर मौजूद रहते हैं. अभी भी राजेश का इलाज चल रहा है. वैलेंटाइन डे पर पूनम और राजेश एक-दूसरे का साथ देने के प्रण को ही असली वैलेंटाइन बताते हैं.
राजेश ने दिया गुलाब: वैलेंटाइन डे पर राजेश ने पत्नी पूनम को गुलाब भेंट किया और साथ में ही काम में भी जुट गए. वैलेंटाइन डे पर राजेश और पूनम की ये हकीकत वाली दास्तान, प्यार करने वालों के लिए एक मिसाल है और वैलेंटाइन सक्सेस स्टोरी है. आपको यहां यह भी बता दें कि राजेश और पूनम दूसरों की जिंदगी का दर्द भी बखूबी समझते हैं. ऐसे में अगर कोई गरीब ऑटो वाला या मजबूर व्यक्ति उनकी दुकान पर बाइक या ऑटो रिपेयर करवाने आता है तो वह जितना हो सके उसकी मदद भी करते हैं.
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