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Chhota Haridwar: हरिद्वार न जा सकने वाले कांवड़ यहां से ले जाते हैं गंगाजल, सावन में होती भारी भीड़ - मुरादनगर में गंग नहर

दिल्ली एनसीआर में ऐसे कई स्थान हैं, जो धार्मिक दृष्टि से बहुत प्रसिद्ध माने जाते हैं. इन्हीं स्थानों में से एक गाजियाबाद स्थित छोटा हरिद्वार. नाम में 'छोटा' लगा होने से इसे कमतर न समझिएगा क्योंकि मान्यता है कि यहां मां गंगा का आगमन हर की पौड़ी से हुआ था. तो आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ...

chhota haridwar situated in ghaziabad
chhota haridwar situated in ghaziabad
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Published : Jul 9, 2023, 7:05 PM IST

गाजियाबाद स्थित छोटा हरिद्वार

नई दिल्ली: सावन में भगवान शिव और कांवड़ की बात की जाए और कांवड़ यात्रा से जुड़े धार्मिक स्थानों का जिक्र न हो, ऐसा संभव नहीं. चार जुलाई से शुरू हुए सावन में कांवड़ यात्री दूर-दूर से भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाने निकल पड़े हैं. वैसे तो कांवड़ यात्रा से जुड़े कई धार्मिक स्थल हैं, लेकिन आज हम आपको बताएंगे उस स्थान के बारे में, जिसे गाजियाबाद का हरिद्वार माना जाता है.

गाजियाबाद में छोटा हरिद्वार: मुरादनगर में गंग नहर पर स्थित है छोटा हरिद्वार. श्रद्धालुओं के दिलों में इसका एक महत्वपूर्ण स्थान है. यहां सावन के महीने में भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है, जिसके लिए प्रशासन की तरफ से भी सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं. यहां के महंत मुकेश गोस्वामी ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि छोटा हरिद्वार में मां गंगा हर की पौड़ी से आई हैं. इसके अलावा यहां कई संतों की समाधि भी है, जिन्होंने यहां पर तपस्या की है. कहते हैं कि यहां सबकी मनोकामना पूर्ण होती हैं, जिससे यहां दूर-दूर से श्रद्धालुओं का आना होता है.

छोटा हरिद्वार के ये हैं महत्व
छोटा हरिद्वार के ये हैं महत्व

यहां से जल ले जाते हैं कांवड़: महंत मुकेश गोस्वामी ने आगे बताया कि जो शिवभक्त किसी कारणवश हरिद्वार जाने में असमर्थ होते हैं, वह छोटा हरिद्वार आकर जल लेकर जाते हैं. भगवान दूरी नहीं बल्कि आस्था को देखते हैं. छोटा हरिद्वार से काफी लोगों की आस्था जुड़ी है और यहां लाखों की संख्या में लोग सामान्य कांवड़, दांडी कांवड़, खड़ी कांवड़ और डाक कांवड़ लेकर जाते हैं. यहां पर भगवान शिव, भगवान नारायण, भगवान शनि और भगवान भैरव के मंदिर हैं.

लोगों के लिए किए गए सुरक्षा के इंतजाम
लोगों के लिए किए गए सुरक्षा के इंतजाम

सुरक्षा के सभी इंतजाम: सावन के दौरान छोटा हरिद्वार में विशाल कांवड़ मेले का आयोजन होता है, जिसमें लाखों शिवभक्त पहुंचते हैं. कांवड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार गंग नहर पुल पर सात गोताखोरों और दो नावों की व्यवस्था की गई है. साथ ही एनडीआरएफ के जवान भी तैनात किए गए हैं. हाल ही में मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे और जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कांवड यात्रा मार्ग और गंग नहर स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया था. उन्होंने गंग नहर पर वॉच टावर, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, नहर की पटरी की सफाई, साइन बोर्ड (जिसपर नहर की गहराई अंकित हो) को लगाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया था.

ऐसे पहुंचे: अगर आप अपने निजी वाहन से जाते हैं तो छोटे हरिद्वार पहुंचना आपके लिए बेहद आसान होगा. गूगल मैप के माध्यम से आप मेरठ रूट होते हुए छोटा हरिद्वार पहुंच सकते हैं. यदि आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जाना चाहते हैं मेरठ मोड़ से ऑटो या बस ले सकते हैं.

यह भी पढ़ें-Sawan Somwar 2023: सावन का पहला सोमवार कल, भूलकर भी ना करें ये 3 गलतियां

यह भी पढ़ें-Sawan 2023: सावन में बढ़ी बेलपत्र व धतूरे की मांग, जानिए शिवलिंग पर क्यों चढ़ाए जाते हैं बेलपत्र?

गाजियाबाद स्थित छोटा हरिद्वार

नई दिल्ली: सावन में भगवान शिव और कांवड़ की बात की जाए और कांवड़ यात्रा से जुड़े धार्मिक स्थानों का जिक्र न हो, ऐसा संभव नहीं. चार जुलाई से शुरू हुए सावन में कांवड़ यात्री दूर-दूर से भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाने निकल पड़े हैं. वैसे तो कांवड़ यात्रा से जुड़े कई धार्मिक स्थल हैं, लेकिन आज हम आपको बताएंगे उस स्थान के बारे में, जिसे गाजियाबाद का हरिद्वार माना जाता है.

गाजियाबाद में छोटा हरिद्वार: मुरादनगर में गंग नहर पर स्थित है छोटा हरिद्वार. श्रद्धालुओं के दिलों में इसका एक महत्वपूर्ण स्थान है. यहां सावन के महीने में भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है, जिसके लिए प्रशासन की तरफ से भी सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं. यहां के महंत मुकेश गोस्वामी ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि छोटा हरिद्वार में मां गंगा हर की पौड़ी से आई हैं. इसके अलावा यहां कई संतों की समाधि भी है, जिन्होंने यहां पर तपस्या की है. कहते हैं कि यहां सबकी मनोकामना पूर्ण होती हैं, जिससे यहां दूर-दूर से श्रद्धालुओं का आना होता है.

छोटा हरिद्वार के ये हैं महत्व
छोटा हरिद्वार के ये हैं महत्व

यहां से जल ले जाते हैं कांवड़: महंत मुकेश गोस्वामी ने आगे बताया कि जो शिवभक्त किसी कारणवश हरिद्वार जाने में असमर्थ होते हैं, वह छोटा हरिद्वार आकर जल लेकर जाते हैं. भगवान दूरी नहीं बल्कि आस्था को देखते हैं. छोटा हरिद्वार से काफी लोगों की आस्था जुड़ी है और यहां लाखों की संख्या में लोग सामान्य कांवड़, दांडी कांवड़, खड़ी कांवड़ और डाक कांवड़ लेकर जाते हैं. यहां पर भगवान शिव, भगवान नारायण, भगवान शनि और भगवान भैरव के मंदिर हैं.

लोगों के लिए किए गए सुरक्षा के इंतजाम
लोगों के लिए किए गए सुरक्षा के इंतजाम

सुरक्षा के सभी इंतजाम: सावन के दौरान छोटा हरिद्वार में विशाल कांवड़ मेले का आयोजन होता है, जिसमें लाखों शिवभक्त पहुंचते हैं. कांवड़ियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार गंग नहर पुल पर सात गोताखोरों और दो नावों की व्यवस्था की गई है. साथ ही एनडीआरएफ के जवान भी तैनात किए गए हैं. हाल ही में मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे और जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कांवड यात्रा मार्ग और गंग नहर स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया था. उन्होंने गंग नहर पर वॉच टावर, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, नहर की पटरी की सफाई, साइन बोर्ड (जिसपर नहर की गहराई अंकित हो) को लगाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया था.

ऐसे पहुंचे: अगर आप अपने निजी वाहन से जाते हैं तो छोटे हरिद्वार पहुंचना आपके लिए बेहद आसान होगा. गूगल मैप के माध्यम से आप मेरठ रूट होते हुए छोटा हरिद्वार पहुंच सकते हैं. यदि आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जाना चाहते हैं मेरठ मोड़ से ऑटो या बस ले सकते हैं.

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