नई दिल्ली/गाजियाबाद: भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है. इस बार अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर को पड़ रही है. इसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है और इसी दिन गणेश उत्सव का समापन होता है. इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूपों की पूजा की जाती है. अनंत चतुर्दशी का व्रत रखना बेहद फलदाई बताया गया है.
ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा ने बताया कि अनंत चतुर्दशी के दिन महिलाएं अपनी कलाई पर धागा बांधती हैं, जो भगवान विष्णु की आराधना का प्रतीक है. ऐसी मान्यता है कि कलाई पर धागा बांधने से व्यक्ति के शरीर की रक्षा होती है और स्वभाव में विनम्रता आती है. वहीं, अनंत चतुर्दशी के दिन पितरों की मुक्ति के लिए भी भगवान विष्णु से प्रार्थना की जाती है.
इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरूर करना चाहिए, जिससे शुभ फल की प्राप्ति हो. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का स्थायी वास होता है. साथ ही लंबे समय से किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों की स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं और कार्यों में आ रही अड़चनें दूर होती हैं.
शुभ मुहूर्त-
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: बुधवार, 27 सितंबर रात 10:18 बजे से शुरू होगा
चतुर्दशी तिथि समाप्त: गुरुवार, 28 सितंबर शाम 06:49 बजे समाप्त होगा
पूजा शुभ मुहूर्त: गुरुवार, 28 सितंबर सुबह 06:12 से शाम 06:49 तक
पूजन विधि-
- प्रात: काल जल्दी उठें और स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ सुथरे कपड़े पहनें.
- घर के मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें
- एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उसपर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें.
- भगवान विष्णु को पुष्प चढ़ाकर फल और नैवेद्य का भोग लगाएं और दीप जलाएं
- फिर कथा सुनकर भगवान विष्णु की आरती करें और प्रसाद वितरण करें.
- पूजा के बाद कलाई पर रक्षा सूत्र बांधें.
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