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लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामले, नोएडा में दो महिलाओं से हुई ठगी - cyber crime cases

नोएडा में साइबर क्राइम के दो अलग तरह के मामले सामने आए हैं. जहां एक व्यक्ति ने महिला की फेक अकाउंट बनाकर जेल में कार्यरत महिला कर्मी को बदनाम करने की कोशिश की. वहीं, दूसरी तरफ एक महिला चिकित्सक के साथ पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर लगभग 8 लाख रुपए की ठगी की गई.

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Published : Aug 18, 2023, 10:47 PM IST

नई दिल्ली/ नोएडा: साइबर क्राइम के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अलग-अलग तरीके से जुर्म को अंजाम दिया जा रहा है. साइबर अपराधियों ने ग्रेटर नोएडा के लुक्सर स्थित जिला कारागार में तैनात महिला कर्मी को बदनाम करने की साजिश की. महिला की मारूफ नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर उसके चरित्र पर आरोप लगाते हुए कई पोस्ट किए. दूसरी तरफ नोएडा के सेक्टर-39 की डॉक्टर निदा चौधरी ने बताया कि उनसे 8.79 लाख ठगी की गई. पार्ट टाइम नौकरी कर लाखों रुपये कमाने की बात कहकर ठगी की गई.

फेसबुक आईडी बनाकर बदनाम करने की कोशिश: ग्रेटर नोएडा के थाना ईकाेटेक-एक के थाना प्रभारी अनुज राणा ने बताया कि थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में पीड़ित जेल कर्मी ने कहा है कि मारूफ नाम के फेसबुक अकाउंट से उसके चरित्र पर आरोप लगाते हुए, कई पोस्ट किए गए हैं. उसके बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया है. पीड़ित ने आरोप लगाया कि जेल परिसर में महिला कर्मी सुरक्षित नहीं हैं. महिला कर्मी का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ. कई महीनों से उसे इस तरह से बदनाम करने की साजिश रची जा रही है.

पीड़ित की शिकायत पर साइबर सेल ने फर्जी फेसबुक अकाउंट की जांच की तो पता चला कि यह आईडी जेल वार्डन ओम बाबू की है. ईकोटेक-वन थाना पुलिस ने आरोपी ओम बाबू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि इस मामले मे अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. मुकदमे के संबंध में ज्यादा जानकारी देते हुए थाना ईकोटेक वन के प्रभारी अनुज राणा ने बताया कि जांच शुरू कर दी गई है. जल्द आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि मैनुअल इंटेलिजेंस के साथ ही जेल प्रशासन से भी इस संबंध में पूछताछ और जांच चल रही है.

ये भी पढ़ें: बड़ा सवाल कैसे लुटने से बचेगी 'जेब', साइबर क्राइम पर नकेल कसने के लिए तीन साल में खर्च हुए 298 करोड़, देश के 1.47 लाख लोग फिर भी हो गए शिकार

पार्ट टाइम जॉब के नाम पर ठगी: पीड़ित महिला चिकित्सक ने बताया कि बीते दिनों उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से व्हाट्सएप मैसेज आया, जिसमें पार्ट टाइम नौकरी कर लाखों रुपये कमाने की बात कही गई. मैसेज में दिए गए नंबर पर कॉल करने पर फोन उठाने वाले ठगों ने महिला डॉक्टर को टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया और प्रारंभिक चरण में यूट्यूब वीडियो को लाइक करने का काम दिया. बतौर मुनाफा ठगों ने महिला डॉक्टर के खाते में ट्रांसफर कर विश्वास जीता. प्रीपेड टास्क के बहाने महिला से कई बार में कुल आठ लाख 79 हजार दो रुपये निवेश कराए गए.

जब महिला पर और रकम निवेश करने का दबाव बनाया जाने लगा तो उसे ठगी की आशंका हुई और उसने अपनी रकम खाते से निकालनी चाही, पर वह नहीं निकाल पाई. मुनाफे की रकम सिर्फ संबंधित वेबसाइट पर दिख रही थी, खाते में नहीं. ठगी की जानकारी होने के बाद ठगों ने महिला को टेलीग्राम ग्रुप से बाहर कर दिया और संबंधित मोबाइल नंबर को बंद कर दिया. महिला डॉक्टर के साथ हुई साइबर ठगी के संबंध में ज्यादा जानकारी देते हुए साइबर क्राइम थाने की प्रभारी निरीक्षक प्रभारी रीता यादव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है.

ये भी पढ़ें: आतंकी संगठनों के खाते में भेज रहे साइबर क्रिमिनल क्रिप्टो करेंसी के पैसे, सीआईडी ने मांगी इंडियन साइबर क्राइम सेंटर से मदद

नई दिल्ली/ नोएडा: साइबर क्राइम के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अलग-अलग तरीके से जुर्म को अंजाम दिया जा रहा है. साइबर अपराधियों ने ग्रेटर नोएडा के लुक्सर स्थित जिला कारागार में तैनात महिला कर्मी को बदनाम करने की साजिश की. महिला की मारूफ नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर उसके चरित्र पर आरोप लगाते हुए कई पोस्ट किए. दूसरी तरफ नोएडा के सेक्टर-39 की डॉक्टर निदा चौधरी ने बताया कि उनसे 8.79 लाख ठगी की गई. पार्ट टाइम नौकरी कर लाखों रुपये कमाने की बात कहकर ठगी की गई.

फेसबुक आईडी बनाकर बदनाम करने की कोशिश: ग्रेटर नोएडा के थाना ईकाेटेक-एक के थाना प्रभारी अनुज राणा ने बताया कि थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में पीड़ित जेल कर्मी ने कहा है कि मारूफ नाम के फेसबुक अकाउंट से उसके चरित्र पर आरोप लगाते हुए, कई पोस्ट किए गए हैं. उसके बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया है. पीड़ित ने आरोप लगाया कि जेल परिसर में महिला कर्मी सुरक्षित नहीं हैं. महिला कर्मी का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ. कई महीनों से उसे इस तरह से बदनाम करने की साजिश रची जा रही है.

पीड़ित की शिकायत पर साइबर सेल ने फर्जी फेसबुक अकाउंट की जांच की तो पता चला कि यह आईडी जेल वार्डन ओम बाबू की है. ईकोटेक-वन थाना पुलिस ने आरोपी ओम बाबू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि इस मामले मे अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. मुकदमे के संबंध में ज्यादा जानकारी देते हुए थाना ईकोटेक वन के प्रभारी अनुज राणा ने बताया कि जांच शुरू कर दी गई है. जल्द आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि मैनुअल इंटेलिजेंस के साथ ही जेल प्रशासन से भी इस संबंध में पूछताछ और जांच चल रही है.

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पार्ट टाइम जॉब के नाम पर ठगी: पीड़ित महिला चिकित्सक ने बताया कि बीते दिनों उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से व्हाट्सएप मैसेज आया, जिसमें पार्ट टाइम नौकरी कर लाखों रुपये कमाने की बात कही गई. मैसेज में दिए गए नंबर पर कॉल करने पर फोन उठाने वाले ठगों ने महिला डॉक्टर को टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया और प्रारंभिक चरण में यूट्यूब वीडियो को लाइक करने का काम दिया. बतौर मुनाफा ठगों ने महिला डॉक्टर के खाते में ट्रांसफर कर विश्वास जीता. प्रीपेड टास्क के बहाने महिला से कई बार में कुल आठ लाख 79 हजार दो रुपये निवेश कराए गए.

जब महिला पर और रकम निवेश करने का दबाव बनाया जाने लगा तो उसे ठगी की आशंका हुई और उसने अपनी रकम खाते से निकालनी चाही, पर वह नहीं निकाल पाई. मुनाफे की रकम सिर्फ संबंधित वेबसाइट पर दिख रही थी, खाते में नहीं. ठगी की जानकारी होने के बाद ठगों ने महिला को टेलीग्राम ग्रुप से बाहर कर दिया और संबंधित मोबाइल नंबर को बंद कर दिया. महिला डॉक्टर के साथ हुई साइबर ठगी के संबंध में ज्यादा जानकारी देते हुए साइबर क्राइम थाने की प्रभारी निरीक्षक प्रभारी रीता यादव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है.

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