नई दिल्ली/गाजियाबाद: महंत और उनकी पत्नी को फर्जी केस में जेल भेजने के मामले में कोर्ट के आदेश पर थाना लोनी बॉर्डर में 35 पुलिसकर्मियों सहित तीन अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. कोर्ट के आदेश के 40 दिन बाद केस दर्ज हुआ है. 3 जून को कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने के लिए आदेश जारी किया गया था जबकि 13 जुलाई को मुकदमा दर्ज किया गया है.
3 जून 2023 को गाजियाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विभांशु सुधीर ने थाना लोनी बॉर्डर के प्रभारी निरीक्षक समेत 35 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. पुलिसवालों पर आरोप है कि उन्होंने महंत मोनू शर्मा और उनकी पत्नी दीपा के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया था.
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दीपा के मुताबिक, उनके पति महंत मोनू शर्मा मंदिर के महंत हैं. वह परिवार सहित मंदिर में रहती हैं. मंदिर में जो भी चढ़ावा आता है, उससे गरीब और असहाय लोगों के लिए दवाइयां, पढ़ाई आदि में खर्च किया जाता है. साथ ही गरीब लड़कियों की शादी भी कराई जाती है. आरोपी पक्ष इससे नाखुश थे. पुलिसकर्मी आए दिन मंदिर में आकर दो लाख रुपये रंगदारी की मांग करते और ना देने पर जान से मारने की धमकी देते रहते.
दीपा के मुताबिक, 6 जुलाई 2022 को मंदिर में एक गरीब कन्या का शादी समारोह था. इस दौरान तीन लोगों ने मंदिर में आकर मारपीट की. दीपा का आरोप है कि तीनो विधायक के गुर्गे हैं. इसलिए पुलिस ने उन पर कार्यवाई ना करके उल्टा हम पर झूठा केस दर्ज कर जेल भेज दिया. तीन जून 2023 को चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा गया था कि संबंधित थानाध्यक्ष को आदेशित किया जाता है कि वर्तमान मामले में विपक्षीगण के खिलाफ समुचित धाराओं में नियमानुसार मुकदमा दर्ज कर विवेचना करना सुनिश्चित करें.
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