नई दिल्ली/नोएडा: दादरी थाना क्षेत्र में बिल्डरों की मनमानी देखने को मिली. सर्वोत्तम बिल्डर के बाउंसर्स ने किसान के साथ मारपीट की. मारपीट के बाद हवाई फायरिंग भी की गई. घटना में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. मौके पर पहुंची पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया है.
दादरी थाना क्षेत्र के बील अकबरपुर, रामगढ़, दतावली, कैमराला, भोगपुर व बोड़ाकी सहित कई गांव की जमीन पर अंसल बिल्डर द्वारा टाउनशिप बताई जा रही थी. बीच में असल के द्वारा कार्य बंद कर दिया गया और लगभग एक दशक के बाद अब सर्वोत्तम बिल्डर के नाम से वहां पर नई टाउनशिप बसाने की कार्रवाई की जा रही है. किसान इसका विरोध कर रहे हैं जिसके चलते किसान अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन पर बैठ गए हैं, जबकि बिल्डर के बाउंसर जबरन जमीन पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं.
जुताई को लेकर हुआ विवाद: ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि दादरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत चकरपुर गांव के रकबे में लगने वाला खेत, जोकि पूर्व में सर्वोत्तम ग्रुप द्वारा खरीदा जा चुका है उसपर कैमराला गांव का रहने वाले अशोक खेत की जुताई कर रहा था. उसी समय रामगढ़ के रहने वाले वीर सिंह एवं बोड़ाकी के रहने वाले संजय सिंह ने जुताई का विरोध किया, जिसको लेकर दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया. इस दौरान मारपीट के साथ-साथ हवाई फायरिंग की बात भी सामने आई है.
झगड़े के दौरान वीर सिंह और संजय ने अशोक से खेत की जुताई के लिए मना किया. उन्होंने कहा कि यह जमीन सर्वोत्तम बिल्डर द्वारा खरीदी जा चुकी है. दो पक्षों में झगड़े की सूचना के बाद दादरी पुलिस बल मौके पर पहुंच गई. किसानों ने बताया कि वीर सिंह व संजय सर्वोत्तम बिल्डर के बाउंसर है जो जबरन किसानों की जमीन पर बिल्डर द्वारा कब्जा कर रहे हैं. किसान का बिल्डर के खिलाफ न्यायालय में मामला विचाराधीन है. पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया है और शांति व्यवस्था कायम करने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया है.
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बिल्डर के खिलाफ धरना: सर्वोत्तम बिल्डर के खिलाफ किसान पिछले एक महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों को कहना है कि बिल्डर के द्वारा सस्ती दरों पर जमीन को खरीदा गया है. किसानों की मांग है कि इसके बदले में किसानों को नई भूमि के अधिग्रहण की तर्ज पर मुआवजा दिया जाए और 10% आवासीय भूखंड दिए जाएं. किसानों का कहना है कि जब तक न्यायालय से मामले में कोई फैसला नहीं आता तब तक वह बिल्डर को जमीन पर कब्जा नहीं करने देंगे.
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