नई दिल्ली: दिल्ली के जाफराबाद में स्थित ईडीएमसी स्कूल के मामले में निगम अफसरों की तरफ से लीपापोती शुरू हो गई है. दरअसल एमसीडी के अधिकारियों का कहना था कि इस मामले में उन्हें किसी तरह की कोई शिकायत नहीं मिली थी.
लेकिन जब स्थानीय निगम पार्षद शिकायती पत्र के साथ सामने आए तो उन कागजों को देखने के बाद अफसरों की नींद टूट गई.
गौरतलब है कि पिछले दिनों स्कूल की तीसरी मंजिल पर स्थित एक कमरे का प्लास्टर टूट कर गिर गया था, गनीमत रही कि हादसे में किसी बच्चे को चोट नहीं लगी. इस मामले में विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा भी किया था. जिस समय यह हादसा हुआ वहां सिर्फ कुछ बच्चे ही मौजूद थे, जबकि ज्यादातर बच्चे क्लास से बाहर थे, प्लास्टर गिरने की वजह से दो छात्राएं मामूली रूप से घायल हो गए थे. वहीं इस हादसे की जानकारी का पता चलने पर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे और मामले की जानकारी हासिल की.
25 साल पुरानी बनी है स्कूल की बिल्डिंग
जिस स्कूल में यह हादसा हुआ था, उसकी बिल्डिंग करीब 25 साल पहले बनी थी, लेकिन उसके बाद से स्कूल में किसी तरह की कोई रिपेयरिंग नहीं हुई है, जिसके चलते, स्कूल की कई क्लासों की हालत बेहद खराब है, लेकिन बार बार कहने के बावजूद इस तरफ निगम अफसरों ने कोई ध्यान नहीं दिया. जिसकी वजह से यह हादसा हुआ.
वहीं ईडीएमसी के स्कूल में हादसे के बाद एमसीडी हरकत में आ गई और स्कूल की इमारत का आनन-फानन में जांच कराई गई और अफसरों ने फिर से स्कूल की बिल्डिंग को फिट घोषित कर दिया. जबकि इसी बिल्डिंग के बारे में एजुकेशन कमिटी पहले भी रिपेयरिंग की बात कहकर चिट्ठी आगे भेज चुकी थी.
इस मामले में निगम पार्षद रेशम नदीम एक बार नहीं बल्कि कई बार संबंधित विभागों को लेटर लिख चुके हैं, इतना ही नहीं ईडीएमसी एजुकेशन कमेटी की बैठक में भी इस मुद्दे को कई बार उठाया गया है, लेकिन किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया. फिलहाल इस पूरे मामले में राजनीति गरमाई हुई है.